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जब अभी तक गोलीकांड की एफआईआर ही नहीं, तो आरोपियों की लिस्ट को लेकर पुलिस उतावली क्यों ? : के.के. मिश्रा
भोपाल, 20 जुलाई 2017 । प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने गत् 6 जून को मंदसौर जिले में हुए किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से 6 किसानों की मौत के बाद उतावली स्थानीय पुलिस द्वारा कथित रूप से चिन्हित 32 आरोपित किसानों की जारी सूची को फर्जी करार देते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है।
श्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को आश्चर्य तो इस बात का है कि गोली कांड की घटना को लेकर डेढ़ माह का समय बीत चुका है, किन्तु पुलिस ने आज तक इस घटना को लेकर कोई भी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? जब एफआईआर ही नहीं हुई है तो सरकार द्वारा गठित जांच आयोग अपनी रिपोर्ट कैसे व किसे देगा? आंदोलन के दौरान स्थानीय पुलिस द्वारा जारी 32 कथित आरोपियों की सूची को फर्जी करार देते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि इसमें दो नाम ऐसे भी हैं, जिनका घटना से कोई सरोकार ही नहीं है,
पुष्कर नामक व्यक्ति 8 मार्च, 2017 से जहां जेल में है, वहीं बद्रीलाल नामक व्यक्ति वर्ष 2011 से दिव्यांग होकर अपने घर बिस्तर पर है। ऐसी सूरत में पुलिस को स्पष्ट करना चाहिए, कि पुष्कर क्या जेल से बाहर आकर आंदोलन में शामिल हुआ और जो बद्रीलाल सिर्फ बिस्तर पर होने के कारण चल-फिर भी नहीं सकता है, वह आंदोलन में कैसे आया?
श्री मिश्रा ने कहा कि इन नामों को लेकर मंदसौर एसपी का यह कथन कि यदि ये बेगुनाह हैं तो उनका नाम सूची से बाहर निकाल दिया जायेगा, पुलिस द्वारा जारी 32 नामों की पूरी सूची को संदिग्ध साबित करने के लिए पर्याप्त होकर पुलिस और सरकार की समूची कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है!
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