Sunday, July 30, 2017

इंदिरा सागर डैम से गंभीर हादसे का खतरा ?

TOC NEWS // TIMES OF CRIME

भोपाल। एक ओर जहां सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने और उसके ३० गेट बंद किये जाने को लेकर जो राजनीति चल रही है उससे तो प्रदेश सरकार परेशान है ही और गेट लगाये जाने के बाद जो परिस्थितियां सामने आ रही हैं उससे प्रदेश सरकार जूझ ही रही है तो वहीं दूसरी ओर खण्डवा जिले में स्थित इंदिरा सागर डैम के बकेट में आई दरार बारिश के इस सीजन में कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकती है इसको लेकर भी प्रदेश सरकार के सामने समस्या खड़ी हो गई है,

सवाल यह उठता है कि जिस इंदिरा सागर डेम के बकेट में दरार आई उसकी दरार को भरने का काम अधिकारियों की लापरवाही के लचते चार साल मं पूरा नहीं हो सका विशेषज्ञों का कहना है कि पानी का प्रेशर बडऩे के बाद यदि बैकेट टूटता है तो बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होना तय है। इस इंदिरा सागर डैम में आई दरार की घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार गणेश पाण्डेय ने अपने समाचार पत्र पीपुल्स समाचार में जो सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है उससे तो यही लगता है कि भाजपा सरकार में जमीनी स्तर पर काम कम और ढिंढोरा ज्यादा ही पीटे जाने का काम होता है

और जब समस्यायें खड़ी होती हैं तो भाजपा के नेताओं के श्रीमुख से एक ही बात निकलती है कि इस सबके लिये कांग्रेस जिम्मेदार है, हाल ही में कुछ इसी तरह का बयान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नन्दकुमाार सिंह चौहान ने सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने के कारण डूब प्रभावित लोगों के द्वारा किये जा रहे आंदोलन और प्रदर्शन को लेकर जो बयान दिये उस बयान में उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध की योजना बनाते वक्त कांग्रेस की सरकारों ने सभी बातें तय की थीं क्रियान्वयन के बाद यदि भाजपा की सरकार है तो इससे कांग्रेस दोषमुक्त नहीं हो सकती, हालांकि चौहान के इस तरह के बयान को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं,

लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि इस तरह के बयान देकर चौहान अपनी सरकार की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते तो इंदिरा सागर डैम में आई दरार को लेकर लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि क्या इस दरार के लिये भी कांग्रेसी नेता ही जिम्मेदार होंगे जबकि पिछले चार सालों से इंदिरा सागर के बैकेट में क्रेक आ गए और उनकी मरम्मत का काम पिछले चार सालों से नहीं पूरा हो सका तौ क्या कांग्रेसी नेताओं ने इंदिरा सागर या सरदार सरोवर डैमों के रखरखाव का काम करने वाली नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर यह दबाव बना रखा था कि वह इस इंदिरा सागर बांध के एक दर्जन गेट्स के बकेट में आए क्रेक की मरम्मत न करें?

पता नहीं भाजपा के नेताओं को क्या हो गया जो अपनी असफलतओं और उनके शासनकाल में चल रहे घोटाले दर घोटालों का ठीकरा कांग्रेसी नेताओं पर फोड़कर अपना बचाव करते नजर आते हैं। खैर, मामला जो भी हो यह भाजपा के नेताओं की अपनी राजनीति करने का एक तरीका है और इस तरह के हर मामले में कांग्रेस को दोषी ठहराकर अपने शासनकाल में हुए घोटालों से जनता का ध्यान भटकाने का उनका अपना तरीका है। जिसे अपनाकर वह प्रदेश की जनता में नष्ट हो चुकी कांग्रेस को दोषी ठहराकर अपना जनता का आक्रोश कांग्रेस को दोषी ठहराकर उनका ध्यान बांटने का काम करते हैं।

लेकिन चाहे इंदिरा सागर हो या सरदार सरोवर बांध यह दोनेां मामले राजनैतिक नहीं हैं फिर भी इसमें भाजपा के नेता राजनीति लाने की कोशिश में हैं। राजधानी के वरिष्ठ पत्रकर गणेश पाण्डेय ने इंदिरा सागर डेम में आई दरार का जिस तरह का सिलसिलेवार ब्यौरा अपनी खबर में दिया है उनके अनुसार इंदिरा सागर बांध के एक दर्जन गेट्स के बकेट में क्रेक आ गए हैं। इनमें बड़े गड्ढे भी हैं। इन क्रेक को भरने का काम बारिश के पहले पूरा किया जाना था। बकेट का निर्माण १९९८ में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने करवाया था।

वाटर रिसोर्सेज से जुड़े इंजीनियर बताते हैं कि छोटे बांधों को ५० और बड़े को १०० वर्ष के हिसाब से डिजाइन किया जाता है। सिलटेंशन और मजबूती दोनों के आधार पर उम्र तय होती है। अभी ज्यादातर बांधों की उम्र बहुत ज्यादा हो चुकी है। जानकारों का कहना है, जब बांध बने थे, तब ज्यादातर जंगल था। अब जंगल कटने से बांधों में सिलटेशन (गांव) बढ़ा है। आज तक सरकार ने लाइव स्टोरेज ही नही मापी। बैस की मिट्टी में सही तरीके से कम्प्रेशर नहीं किया गया है। आधार ही कमजोर हो गया तो बांध के बचने का सवाल कहां।

बरगी, तवा, बरना, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, बाणसागर, गांधी सागर, मनीखेड़ा, गोपीकृष्ण सागर, माही, कोलार और केरवा बांध ऐसे हैं, जिनकी लगातार मानिटरिंग हो रही है। इन बांधों में किस दिन कितना पानी बढ़ा और कितना कम हुआ, इसकी जानकारी प्रतिदिन मिलती है। एनएडीसी के चीफ इंजीनियर प्रवीण कुमार सक्सेना से दरार के संबंध में बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में कुछ पता नहीं है। वहीं एनएडीसी के उपमहाप्रबंधक पगारे का कहना था कि मैं मुंबई में हूं, अभी बात नहीं कर सकता।

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news