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गाजियाबाद। दुनियाभर में चर्चित निठारी काण्ड में सीबीआई अदालत ने सोमवार को दोषी करार सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर को फांसी की सजा सुनाई। निठारी काण्ड के आठवें मामले में जज पवन कुमार तिवारी की अदालत में दोनों पक्षों में बहस खत्म होते ही यह फैसला सुनाया गया। खुली अदालत में फैसला सुनाने के दौरान जहां सुरेंद्र कोली कठघरे में खड़ा होकर ध्यान से आदेश सुनता रहा। वहीं दोषी करार दिए जाते ही मोनिदर सिह पंधेर फफक पड़ा।
कोली ने अदालत से बाहर निकलते ही निर्णय को एकतरफा बताया। फैसले के दौरान पीड़ित या आरोपी किसी भी ओर से कोई करीबी मौजूद नहीं रहा। पुलिस जब मोनिदर सिह पंधेर को जेल ले जाने लगी, तो शांत हो गया। पंजाब के व्यवसायी मोनिदर सिह पंधेर ने अय्याशी के लिए नोएडा के निठारी में डी-5 कोठी में ठिकाना बनाई थी। इस कोठी में 16 लोगों की हत्या की गई।
इनमें आठ खून साबित हो चुके हैं। अदालत ने माना कि हत्याएं इसलिए की गई थीं कि दुष्कर्म के बाद पीड़िताएं मामले की जानकारी परिवार या पुलिस को न दें। इससे पहले शनिवार को अदालत ने दोनों को हत्या एवं दुष्कर्म में दोषी करार दिया था। बीते साल दो मामलों में भी फांसी की सजा सुनाई थी, एक मामले में सात अक्टूबर और दूसरे मामले में 16 दिसंबर को फैसला सुनाया गया था।
सोमवार को सुनाई जाने वाली सजा को लेकर मोनिंदर सिंह पंधेर जेल में बेचैन बताया जा रहा था। सुरेंद्र कोली भी परेशान रहा। उसे लगातार सात मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है। मोनिंदर सिंह को एक मामले में वर्ष 2009 में फांसी हुई थी, जिसे हाई कोर्ट ने समाप्त कर दिया था। रविवार को जेल में भोजन मिलने के बाद दोनों ने भरपेट भोजन भी नहीं किया।
सुरेंद्र कोली को निठारी कांड के आठवें मामले में दोषी करार दिया गया है, जबकि कोठी के मालिक मोनिदर सिह पंधेर पर दूसरे मामले में दोष साबित हुआ है। एक मामले में 2009 में पंधेर व कोली को फांसी की सजा हुई थी, जिसमें पंधेर को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। प्रदेश सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है।
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