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नई दिल्लीः राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 25 जुलाई को देश के प्रथम नागरिक से पूर्व राष्ट्रपति हो जाएंगे। इसके साथ ही रायसीना हिल स्थित 320 एकड़ में विस्तीर्ण 340 कमरों वाला भव्य राष्ट्रपति भवन उनका पूर्व पता हो जाएगा और लुटियन दिल्ली में राजाजी मार्ग स्थित 8 बैडरूम वाला 10 नंबर बंगला प्रणव दा का स्थायी पता बन जाएगा। प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद से पिता के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी देखभाल का दायित्व संभालने का फैसला किया है। अपने पिता के साथ ही राजाजी मार्ग स्थित घर में वह भी शिफ्ट हो जाएंगी।
रविवार को विदाई समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने खुद को ‘संसद की देन’ करार देते हुए कहा कि संसदीय जीवन में उन्हें कई नेताओं से बहुत कुछ सीखने को मिला। संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित विदाई समारोह में मुखर्जी ने कहा कि जब मैंने पहली बार लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखा था तब मेरी उम्र 34 साल थी।
मैं 37 साल तक किसी न किसी सदन का हिस्सा रहा। यदि मैं यह दावा करूं कि मैं इस संसद की देन हूं तो यह अभद्रता कतई नहीं होगी। उदासी के भाव के साथ मैं अब आलीशान भवन को अलविदा कहूंगा। बता दें कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है। मंगलवार को रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।
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