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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने न्यूनतम वेतन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के पास होने से देश के करीब चार करोड़ कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा। इस विधेयक में मजदूरों से संबंधित चार कानूनों को जोड़ा गया है जिससे सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी को सुनिश्चित किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वेतन श्रम संहिता विधेयक में न्यूनतम वेतन कानून, 1948, वेतन भुगतान कानून, 1936, बोनस भुगतान कानून, 1965, तथा समान पारितोषिक कानून, 1976, को एकजुट किया जायेग। इन कानूनों को एकजूट करने से सभी निजी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वेतन श्रम संहिता विधेयक में न्यूनतम वेतन कानून, 1948, वेतन भुगतान कानून, 1936, बोनस भुगतान कानून, 1965, तथा समान पारितोषिक कानून, 1976, को एकजुट किया जायेग। इन कानूनों को एकजूट करने से सभी निजी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित होगी।
नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस सबंध में तैयार मसौदा विधेयक को मंजूरी दी गई। विधेयक में केंद्र को देश में सभी क्षेत्रों के लिये न्यूनतम वेतन निर्धारित करने का अधिकार देने की बात कही गई है साथ ही राज्यों को उसे बनाये रखना होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह विधेयक मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। सूत्रों ने बताया कि नए कानून से केंद्र सरकार को पूरे देश में न्यूनतम वेतन तय करने का अधिकार मिल जाएगा। अभी न्यूनतम वेतन से जुड़े प्रावधान हर महीने 18,000 रुपए तक सैलरी पाने वालों पर लागू होते हैं, लेकिन अब ये प्रावधान ज्यादा सैलरी वालों के लिए भी लागू होंगे।
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