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जबलपुर प्रदेश में हाईराईज बिल्डिंगों के निर्माण में नियमों का पालन नहीं किया जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने ने शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव को शोकाज नोटिस जारी कर दो माह में जवाब मांगा है।
इन्दौर निवासी प्रदीप हिन्दूजा की तरफ से दायर की गयी अवमानना याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में हाईराईज बिल्डिगों को निर्माण के दौरान नियमों का पालन नहीं किये जाने के खिलफ उन्होने उन्होंने वर्ष 2010 में दो याचिकाएं दायर की थीं। जिसमें कहा गया था कि टीएनसीपी द्वारा नियमों के विपरित हाईराईज बिल्डिगों के निर्माण की अनुमति दी जा रही है। इन बिल्डिगों में न तो अग्निशमन उपकरण लगाए जा रहे और न ही भूमि विकास नियमों का पालन किया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने फरवरी 2015 को याचिकों का निराकरण करते हुए सक्षम अधिकारियों को निर्देशित किया था कि टीएनसीपी द्वारा दी जाने वाली अनुमतियों के संबंध में याचिकाकर्ता की आपत्तियों का छ: माह में निराकरण करें। निर्धारित समयावधि में उसकी आपत्तियों पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ उक्त अवमानना याचिका दायर की गयी।
याचिका में मप्र शासन के मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह (तत्कालीन हाईराईज कमेटी इन्दौर के चेयरमेन) प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव, डिप्टी सेक्रेटरी सीके जाधव, ज्वाईंट डायरेक्ट एसके मुदगल (तत्कालीन डिप्टी सेक्रेटरी) टीएनसीपी के डायरेक्टर संदीप यादव, इन्दौर नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह, भोपाल की निगमायुक्त छवि भारद्वाज, ग्वालियर के निगमायुक्त अनय द्विवेदी और जबलपुर नगर निगम आयुक्त वेदप्रकाश को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाn पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय राम ताम्रकार ने पक्ष रखा।
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