विधानसभा परिसर में 'जय श्रीराम' के नारे लगाने वाले जेडीयू नेता के खिलाफ जारी हुआ फतवा
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पटना. बिहार विधानसभा परिसर में 'जय श्रीराम' के नारे लगाने वाले जेडीयू नेता खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी किया है। मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) करार दिया है।
फतवा जारी होने पर नीतीश सरकार में मंत्री फिरोज ने कहा, 'भगवान ही जानता है कि मैंने किस इरादे से 'जय श्रीराम' के नारे लगाए थे। मेरा काम ही बताएगा कि मैं कौन हूं। मैं इमारत-ए-शरिया की काफी इज्जत करता हूं, लेकिन उन्हें फतवा जारी करने से पहले मेरे इरादों को समझना चाहिए था, आखिर मैं क्यों डरूं?'
जेडीयू नेता फिरोज ने कहा कि अगर उन्हें बिहार के लोगों के लिए, बिहार के विकास और सौहार्द के लिए 'जय श्रीराम' के नारे लगाने पड़ते हैं तो वह कभी इससे पीछे नहीं हटेंगे।
नीतीश की नई कैबिनेट में फिरोज को अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। फिरोज ने विधानसभा परिसर में 'जय श्रीराम' के नारे लगाए थे। उन्होंने कहा था, 'अगर जय श्रीराम का नारा लगाने से बिहार की 10 करोड़ जनता का फायदा होता है, तो मैं सुबह-शाम जयश्री राम कहूंगा, हमारे इस्लाम में नफरत करने की कोई जगह नहीं है, इस्लाम की बुनियाद मोहब्बत और प्रेम का होता है। मैं रहीम के साथ राम को भी पूजता हूं, खुदा आत्मा में बसते हैं।'
फिरोज ने अपने हाथ में बंधा रक्षासूत्र दिखाते हुए कहा था, 'धर्म आत्मा में होता है, मैंने लगभग सभी धार्मिक स्थलों पर माथा टेका है और मैं सभी धर्मों को मानता हूं। मैं राम की पूजा करता हूं और रहीम को भी मानता हूं।'
फिरोज ने यह भी कहा था कि धर्म आस्था का प्रतीक है और किसी भी धर्म में जनहित, राज्यहित और देशहित की बात कही गई है। जेडीयू नेता फिरोज अहमद के मुंह से 'जय श्रीराम' सुनकर बीजेपी समर्थक काफी खुश नजर आए थे।
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