Sunday, July 30, 2017

३६ का आंकड़ा क्यो है अहमद पटेल और अमित शाह के बीच

अहमद पटेल और अमित शाह के लिए चित्र परिणाम

TOC NEWS // TIMES OF CRIME

अतुल कुमार
अतुल कुमार

अमित शाह के विरुद्ध की गई क्रूरता पूर्वक कार्यवाही,अमित शाह को प्रताड़ित करने और गृह मत्री जैसे पद से इनकाउंटर का दोषी बताकर अमित शाह को जेल भिजवाने जैसी अपमान जनक कार्यवाही अहमद पटेल को अब भारी पड़ती दिखाई दे रही है। 

अहमद पटेल की साजिशों से तीन महीने जेल में रहकर अमित शाह एक बात जान चुके थे कि अगर उनका कोई सबसे बड़ा राजनैतिक दुश्मन है तो वो सिर्फ अहमद पटेल है। गंदी राजनीति के चलते अहमद पटेल ने अमित शाह को पुलिस एनकाउंटर के मामले में सलाखों के पीछे भिजवाया था। जिस देश में निर्दोष व्यक्तियों के एनकाउंटर में दरोगा भी जेल नहीं जा पाता है
उसी देश में लश्कर तोइबा के आतंकवादियों के एनकाउंटर में गुजरात के गृह मंत्री अमित शाह को जेल भेजा गया था। ऐसा काम कांग्रेस पार्टी के अलावा कोई और दल कभी करने की कोशिश भी नही करता। अपनी पैठ बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है कांग्रेस।
आज सोशल मीडिया पर अहमद परेल के कारनामो की चर्चा जोरों पर है। बीती  घटना के सात साल बाद आज हुकूमत अमित शाह की  मुट्ठी में है और अहमद पटेल सड़क पर खड़े है। राज्य सभा का चुनाव सर पर है और अहमद पटेल को राजनीति में रहना है तो उन्हें राज्य सभा गुजरात से राज्य सभा सीट जितना अनिवार्य होगा।
सवाल यह है कि क्या अमित शाह, अहमद पटेल पर रहम कर उन्हें राज्य सभा जाने देंगे या उनका राजनैतिक कैरियर बर्बाद करेंगे ? अहमद पटेल को किस्मत का धनी माना जाता है,इससे पूर्व 1988 में जब अहमद पटेल ने अमिताभ बच्चन के कई कॉन्सर्ट आयोजित कर कांग्रेस पार्टी के लिए 2 .50  करोड़ का चंदा इकट्ठा किया तो उन्हें  मालूम भी नहीं था कि कुछ साल बाद पार्टी का सारा हिसाब किताब उनके हाथ आने वाला है। लेकिन पटेल की किस्मत कुछ ज्यादा ही गज़ब थी,
सन 2001 आते आते उनके हाथों में हिसाब किताब ही नहीं पूरी पार्टी की कमान आ गयी । सोनिया गाँधी ने पटेल को अपना राजनीतिक सलाहकार बना लिया।  2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने पटेल की रणनीति और तिकड़म के बल पर जीता था।
इसलिए गाँधी परिवार के बाद कांग्रेस में सबसे ताकतवर मनमोहन सिंह नहीं अहमद पटेल को माना गया था। UPA राज में असली सरकार अहमद पटेल ने ही अपने दिल्ली के  बंगले से चलाई  थी, लेकिन इतना रसूखदार  होने के बावजूद पटेल ने खुद को बेहद लो प्रोफाइल में रखा और मीडिया के कैमरों से भी दूर रहे। होशियार अहमद पटेल एक गलती ज़रूर कर बैठे जब वे गुजरात की अपनी सियासी अदावत नहीं भूले सके।
अहमद पटेल ने सीबीआई से लेकर एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों के हाथों नरेंद्र मोदी और अमित शाह को हर मौके पर अपमानित कराया। चाहे इशरत जहाँ का मामला हो या अपराधी शोहराबुद्दीन क़ी पुलिस  मुठभेड़ में मौत का मामला, अहमद  पटेल ने कभी शिंदे तो कभी चिदमबरम के साथ मिलकर अमित शाह को जेल पहुंचाने के सारे इंतजाम ज़रूर करवाए। अहमद पटेल क़ी ज्यादतियां मोदी तो कुछ हद तक भूल गए लेकिन अमित शाह को अपने जेल के दिन आज भी याद हैं...ऐसा अमित शाह की गुजरात रणनीति से दिखाई देता  है।
दिल्ली में कांग्रेस का ऊँट, रायसीना के  पहाड़ से जैसे ही नीचे उतरा, अहमद पटेल के अच्छे दिनो में अंधकार होते हुए दिखने लगा।पहले हेलीकाप्टर घोटाले में उनका नाम उछला और अब राज्य सभा चुनाव में वो घिरते नज़र आ रहे  हैं
पिछले 4 दिनों  में जिस तरह गुजरात में कांग्रेस के विधायक टूट टूट कर बीजेपी के पाले में जा रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि अहमद पटेल कहीं राज्य सभा का चुनाव हारकर सड़क पर ना आ जाएं। उसमे भी अमित शाह की सियासी चाल अधिक कारगर होने वाली है। कांग्रेस से टूट एक विधायक को ही अहमद पटेल के विरुद्ध राज्य सभस का प्रत्याशी बनाया दिया। गुजरात से कुछ और कांग्रेसी विधायक भाग कर भाजपा में न मिल जाये इस कारण अहमद पटेल ने 44 विधायको को रातो रात विशेष वाहन  से बंगलुरु भिजवा दिया।बंगलुरु में उन्हें एक रिसोर्ट में बंदी बनाकर रखा गया है। अहमद पटेल के पास अभी भी जीतने के लिए आवश्यक 46 सदस्य नही है।
दरअसल अमित शाह हर कीमत पर पटेल को  राज्य सभा चुनाव हराना चाहते हैं। लोगो का कहना है  कि अमित शाह यूं तो किसी को छेड़ते नहीं और छेड़ दिया तो छोड़ते नहीं। 
" जिस वक़्त अमित शाह को गिरफ्तार करवा कर पुलिस मुठभेड़ के मामले में जेल भेजा गया था तब  सारा खेल परदे के पीछे से अहमद पटेल खेल रहे थे।  क्या देश में अब तक किसी पुलिस एनकाउंटर में किसी गृह मंत्री को जेल भेज गया है, वो भी ऐसे मामले में जिसमे पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे ? ये हद नहीं थी तो क्या थी  ..और आज सोनिया गाँधी चाहती हैं कि अमित शाह सारे रंजो गम भुलाकर उनके अहमद पटेल को जितवा दे ।"
सूत्रों के मुताबिक अमित शाह खुद मानते हैं कि गाँधी परिवार से कहीं ज्यादा  अहमद पटेल ने राजनैतिक विद्वेषवश उन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज़ करवाए थे और जेल भेजने के लिए सब कुछ किया। यही नहीं हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह क़ी बेटी जो गुजरात हाई कोर्ट में तब जज थी, उन्होंने भी  अमित शाह को जमानत देने से इंकार किया था। यानी अहमद पटेल हर स्तर पर शाह को घेर रहे थे। जानकारों का मानना  है कि अहमद पटेल यूँ तो राजनैतिक गणित में कभी गलती नहीं करते लेकिन अमित शाह के मामले में कर बैठे।
पटेल को लग रहा था कि इशरतजहां केस में अगर अमित शाह ज्यादा समय तक जेल में रहे तो मोदी क़ी चुनौती खत्म करने में कांग्रेस को ज्यादा दिन नहीं लगेंगे। पटेल दिल्ली और गुजरात दोनों में अपनी जगह मज़बूत करने क़ी प्लानिंग में थे, लेकिन शाह को जैसे ही जमानत  मिली और सुप्रीम कोर्ट ने मोदी को गुजरात दंगो के मामले में क्लीन चिट दी तो चाणक्य क़ी भूमिका में अहमद पटेल धाराशायी हो गए । आज जब अहमद पटेल गुजरात से राज्य सभा लौटने के लिए संघर्षरत हैं तो अपने मुकद्दर का फैसला उनके हाथ में नहीं है। सच तो ये है कि राज्य सभा में अहमद  पटेल जायेंगे या नहीं ..ये फैसला तो अब अमित शाह को ही तय करना है।

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news