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अहमदाबाद: आठ अगस्त को होने जा रहे राज्यसभा चुनावों से ऐन पहले गुजरात में 6 कांग्रेसी विधायकों के अचानक पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले जाने के बाद पार्टी अपनी दरकती जमीन को दुरुस्त करने में जुट गई है. कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने के बाद जिस तरह से पार्टी से भगदड़ मची है, उसको देखते हुए आगामी राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो सकती है. इसलिए पार्टी गुजरात में अपने 44 विधायकों को शुक्रवार रात एकाएक बेंगलुरु ले गई.
आठ अगस्त को गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं और पार्टी ने एक सीट पर अपने कद्दावर नेता अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस से विधायकों के इस तरह इस्तीफे दिए जाने से अहमद पटेल के चुनाव जीतने की संभावनाएं कम होती जा रही हैं.
देर शाम तक, करीब 11 कांग्रेसी विधायक राजकोट में एकांत जगह पर रहे, जबकि 15 एमएलए यहां से करीब 240 किलोमीटर दूर बोरसाड में एक रिसॉर्ट में थे, जहां पार्टी के प्रदेश प्रमुख भारत सोलंकी ने उनके साथ बैठक की. कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह गुजरात में खरीद-फरोख्त में शामिल है और 'धन, ताकत और राज्य सत्ता' का इस्तेमाल कर रही है ताकि महत्वपूर्ण राज्यसभा चुनावों से पहले दल-बदल करवा सके.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 'गुजरात में भाजपा ने खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. आपने यह नौटंकी देखी है... गुजरात में भाजपा की नीति है कि सभी कानूनों को तोड़कर जैसे भी हो सत्ता में बने रहा जाए'. सिंघवी ने कहा कि पार्टी अपने सारे विकल्प खुले रख रही है और विधायकों को चेतावनी दी कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत वे छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे.
182 सदस्यीय विधानसभा में अब पार्टी के घटकर 51 विधायक रह गए हैं.
भाजपा ने जहां अमित शाह और स्मृति ईरानी को राज्यसभा सीट के लिए मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को राज्यसभा का टिकट दिया है और दल बदल से पटेल के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
सूत्रों ने बताया कि वाघेला के प्रति वफादार कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं, जबकि अन्य अगले सप्ताह कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ वोट कर सकते हैं जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव, जैसा कि 11 लोगों ने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की बजाय रामनाथ कोविंद के लिए मतदान किया था.
भाजपा ने कहा है कि गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ना यह दर्शाता है कि कांग्रेस एक डूबता जहाज है और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी बिखरती पार्टी को एकजुट रख पाने में असमर्थ हैं. केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने गुजरात में कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने पर भाजपा को दोषी ठहराने के कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुये सिरे से खारिज कर दिया है. प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप कि भाजपा गुजरात में उसके नेताओं की खरीद फरोख्त कर रही है, बेबुनियाद, झूठ और हास्यास्पद है.
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