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आखिर क्या है पूरा मामला...
क्या है पूरा मामला
-17 नवंबर को सीताराम सिंह के रिश्तेदार अशोक सिंह इस मामले में जनता दल प्रत्याशी नीतीश कुमार. पूर्व मंत्री दिलीप सिंह और लालू प्रसाद के करीबी दुलारचंद्र यादव समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
- दुलाल चंद्र यादव और दिलीप सिंह पर पहले से भी हत्या, रंगदारी और अपहरण के मामले चल रहे थे। दिलीप सिंह मोकामा के विधायक अनंत सिंह के बड़े भाई थे । अनंत सिंह पर भी कई अपहरण, हत्या और रंगदारी के मामले दर्ज हैं।
-17 नवंबर को सीताराम सिंह के रिश्तेदार अशोक सिंह इस मामले में जनता दल प्रत्याशी नीतीश कुमार. पूर्व मंत्री दिलीप सिंह और लालू प्रसाद के करीबी दुलारचंद्र यादव समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
- दुलाल चंद्र यादव और दिलीप सिंह पर पहले से भी हत्या, रंगदारी और अपहरण के मामले चल रहे थे। दिलीप सिंह मोकामा के विधायक अनंत सिंह के बड़े भाई थे । अनंत सिंह पर भी कई अपहरण, हत्या और रंगदारी के मामले दर्ज हैं।
पुलिस की जांच में नीतीश कुमार को मिली थी क्लीन चीट
-इस माले की जांच बाढ़ थाना की ओर से किया गया। पुलिस ने अपनी जांच में नीतीश कुमार को बरी कर दिया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सीताराम सिंह की हत्या में नीतीश कुमार की भूमिका के कुछ भी साक्ष्य नहीं मिले हैं।
-इस माले की जांच बाढ़ थाना की ओर से किया गया। पुलिस ने अपनी जांच में नीतीश कुमार को बरी कर दिया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सीताराम सिंह की हत्या में नीतीश कुमार की भूमिका के कुछ भी साक्ष्य नहीं मिले हैं।
रामानंद के बयान पर कोर्ट में शुरु हुआ था ट्रायल
-कांग्रेस नेता सीताराम सिंह के भाई ने पुलिस की जांच को कोर्ट में 20 जनवरी 2009 को चैलेंज किया। अशोक सिंह ने कहा इस घटना के कई प्रत्यक्षदर्शी हैं, इनके बयान भी लिए जायें।
- अशोक सिंह के इस अपील पर कोर्ट ने फिर से मामले की सुनवायी शुरु कर दी थी। कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या का प्रत्यक्षदर्शी रामानंद सिंह ने कोर्ट में पुलिस की जांच को चुनौती देते हुए कहा था कि मेरे पास नीतीश कुमार, दुलाल चंद्र यादव, दिलीप सिंह, बुद्दु यादव और योगेंद्र के खिलाफ साक्ष्य है कि कैसे इन लोगों ने सीताराम सिंह की हत्या की है।
- कोर्ट ने रामानंद के बयान को गंभीरता से लेते हुए ट्रायल शुरु कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने नीतीश कुमार समेत चार अन्य लोगों को वर्ष 2009 में समन जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था। ये समन 31 अगस्त और 9 सितंबर 2009 को जारी किया गया था।
-कांग्रेस नेता सीताराम सिंह के भाई ने पुलिस की जांच को कोर्ट में 20 जनवरी 2009 को चैलेंज किया। अशोक सिंह ने कहा इस घटना के कई प्रत्यक्षदर्शी हैं, इनके बयान भी लिए जायें।
- अशोक सिंह के इस अपील पर कोर्ट ने फिर से मामले की सुनवायी शुरु कर दी थी। कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या का प्रत्यक्षदर्शी रामानंद सिंह ने कोर्ट में पुलिस की जांच को चुनौती देते हुए कहा था कि मेरे पास नीतीश कुमार, दुलाल चंद्र यादव, दिलीप सिंह, बुद्दु यादव और योगेंद्र के खिलाफ साक्ष्य है कि कैसे इन लोगों ने सीताराम सिंह की हत्या की है।
- कोर्ट ने रामानंद के बयान को गंभीरता से लेते हुए ट्रायल शुरु कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने नीतीश कुमार समेत चार अन्य लोगों को वर्ष 2009 में समन जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था। ये समन 31 अगस्त और 9 सितंबर 2009 को जारी किया गया था।
हाईकोर्ट ने प्रोसेडिंग पर लगायी रोक
- सीताराम सिंह हत्या के आरोपी योगेंद्र सिंह ने लोअर कोर्ट के प्रोसेडिंग के खिलाफ हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी।
-योगेंद्र सिंह की अपील पर हाईकोर्ट ने पूरे मामले को अपने पास मंगवा लिया था।
- हाईकोर्ट ने इस मामले में अन्तिम दफा 28 जुलाई 2010 को जस्टिस एके त्रिपाठी की कोर्ट में सुनवायी हुई थी।
सीता राम सिंह के वकील दीपू कहते हैं कि यह मामला हाईकोर्ट की जानकारी में है। हाईकोर्ट को इस मामले में शीघ्र सुनवायी करके पूरे मामले को नीचली आदालत में पारित कर देना चाहिए।
- सीताराम सिंह हत्या के आरोपी योगेंद्र सिंह ने लोअर कोर्ट के प्रोसेडिंग के खिलाफ हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी।
-योगेंद्र सिंह की अपील पर हाईकोर्ट ने पूरे मामले को अपने पास मंगवा लिया था।
- हाईकोर्ट ने इस मामले में अन्तिम दफा 28 जुलाई 2010 को जस्टिस एके त्रिपाठी की कोर्ट में सुनवायी हुई थी।
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