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गुजरात में कांग्रेस पार्टी संकट में है वजह है विधायकों का अपनी ही पार्टी से इस्तीफा। पार्टी में जारी उठापठक के बीच कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मामले को चुनाव आयोग के समक्ष रख ज्ञापन सौंपा है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के ज्ञापन सौंपने के बाद चुनाव आयोग ने गुजरात चीफ सेक्रेटरी से 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट की मांग की है। आयोग ने राज्य सरकार को कांग्रेस के सभी विधायकों और उनके परिवार को सुरक्षा दी जाए।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल थे। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त की है। इस बीच गुजरात विधानसभा के स्पीकर रमनलाल वोहरा ने कहा कि किस विधायक ने किस पार्टी से इस्तीफा दिया और किस पार्टी के लिए दिया ये उनका काम नहीं।
वह इस पूरे मामले में निष्पक्ष हैं, सभी विधायकों को मुझपर पूरा भरोसा है।' गौरतलब है कि गुरुवार को कांग्रेस के तीन विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और शुक्रवार को भी कांग्रेस के तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे बीजेपी का हाथ थाम लिया। इसमें छनाभाई चौधरी, रामसिंह परमार और मान सिंह चौहान ने पार्टी को अलविदा कह दिया।
वहीं, जामनगर ग्रामीण से विधायक राघव सिंह पटेल ने कहा है कि वह अगला चुनाव कांग्रेस से नहीं लड़ेंगे और जब बीजेपी कहेगी, तब इस्तीफा दे देंगे। विधायकों की इस टूट से पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के राज्यसभा पहुंचने की राह मुश्किल होती दिख रही है। बता दें कि 8 अगस्त को राज्यसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में पिछले 24 घंटों में कांग्रेस को पार्टी के 6 विधायकों से हाथ धोना पड़ गया है जो कि पार्टी के लिए राज्यसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका माना जा रहा है।
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