तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह को बर्खास्त करने की मांग |
हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण सहित अन्य से तलब जवाब किया। आपरधिक प्रकरण दर्ज होनेे पर भी शासकीय नौकरी में है।
जबलपुर । हाई कोर्ट ने तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बर्खास्त करने की मांग संबंधी याचिका पर जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक, आर्चरी एसोसिएशन आफ इंडिया, मप्र तीरंदाजी संघ के सचिव व अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं।
न्यायमूर्ति आनंद पाठक की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी विनय डेविड की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी छिपाकर तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया शासकीय नौकरी पर काबिज है, जो कि अवैधानिक है। इसीलिए याचिका के जरिये सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की गई है।
बहस के दौरान दलील दी गई कि मध्य प्रदेश राज्य तीरंदाजी अकादमी, जबलपुर में पदस्थ तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए। खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम 2017 के विपरीत वह पद पर बना हुआ है। उसने अपराधिक रिकार्ड की जानकारी छिपाकर विभाग के साथ अनुबंध किया है।संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति तिथि से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था, जो कि नहीं किया गया। संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपितों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रविधान है। पुलिस डायरी के अनुसार लार्डगंज थाने में 12 जनवरी, 2021 को अपराध दर्ज हुआ था। इसके बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई और उसके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया। मामला अभी भी विचाराधीन है। इसके बावजूद वह शासकीय सेवा में बना हुआ है।
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