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एंटी करप्शन ब्यूरो ने कल ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री और एक कम्प्यूटर ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। रिश्वतकांड में गिरफ्तार हुए कार्यपालन यंत्री को एसीबी ने जांच के दायरे में लिया और दो दिनों के भीतर उनके अनुपातहीन सम्पत्ति का पता लगाकर न्यायालय में पेश कर दिया। न्यायालय ने भ्रष्टाचार में संलिप्त कार्यपालन यंत्री व कम्प्यूटर ऑपरेटर की जमानत याचिका को खारिज कर दोनों को जेल दाखिल किए जाने का आदेश जारी कर दिया। विदित है कि गिरोधपुरी में मेला पार्किंग मैदान बनाने का ठेका लेने वाले बिलईगढ़ के ठेकेदार सूर्यकुमार सिंह से 2 लाख 15 हजार रुपए का बिल पास करने 10 हजार रुपए की मांग की थी। सूर्यकुमार ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से कर दी। इसके बाद आज सूर्यकुमार रिश्वत की रकम लेकर रायपुर स्थित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यालय पहुंचा, जहां कार्यपालन यंत्री ने उक्त रकम अपने कम्प्यूटर आपरेटर को दे देने के लिए कहा। कम्प्यूटर आपरेटर को रुपए देने के तत्काल बाद आसपास मौजूद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने वहां दबिश दी और रिश्वत की रकम बरामद की। इसके बाद शाम ब्यूरो के पुलिस उप अधीक्षक मनोज खिलारी के नेतृत्व में एक टीम ने कार्यपालन यंत्री घनश्याम सिंह देवांगन के लुचकीपारा तालाब के सामने मोतीपारा स्थित निवास में छापामार कार्रवाई की गई। आज पूरी जांच-पड़ताल के बाद पुलिस महानिरीक्षक एसीबी दुर्गेश माधव अवस्थी ने बताया कि कार्यपालन यंत्री देवांगन ने सेवाकाल के दौरान घूसखोरी करते हुए करोड़ों रुपए अर्जित किया है। आज पूरी जांच के बाद लुचकीपारा दुर्ग में 50 लाख कीमती दो आलीशान मकान, घर में विलासिता के सामान कीमत 10 लाख रुपए, 250 ग्राम सोने व 1 किलो चांदी के आभूषण कीमत 3 लाख 60 हजार, नगद 1 लाख 36 हजार, इलाहाबाद बैंक में फिक्स डिपाजिट 1.68 लाख, इलाहाबाद बैंक दुर्ग लॉकर में 650 ग्राम सोने के जेवरात 8.93 लाख, 625 ग्राम चांदी के जेवरात 11600, आरोपी व पत्नी, बच्चों के नाम पर दुर्ग व रायपुर में कुल 14 खातों में 9 लाख, कबीरनगर में मकान 15 लाख, एनएससी 3 लाख, एलआईसी 4 लाख, पीपीएफ 55 हजार, व एक बाइक 45 हजार। इस तरह से कुल 1 करोड़ 7 लाख 68 हजार 600 रुपए की कुल सम्पत्ति का खुलासा आज किया गया है। आरोपी कार्यपालन यंत्री देवांगन व कम्प्यूटर ऑपरेटर को एसीबी ने न्यायालय में पेश किया था। दोनों ने वकील के माध्यम से जमानत याचिका दाखिल किया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया और दोनों को तत्काल न्यायिक हिरासत में लिए जाने का फरमान जारी कर दिया।