आईसीयू में चल रहा है इलाज :
खबर छापने से नाराज सिटी एसपी ने सिपाहियों से पिटवाया
रतलाम में पुलिस ने एक पत्रकार को इस कदर पीटा की उनकी हालत गंभीर हो गई है. उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है. मध्य प्रदेश में पुलिस और बदमाश दोनों का कहर पत्रकारों पर लगातार टूट रहा है. पत्रकार गोपाल सिंह कुशवाहा की गलती इतनी थी कि उन्होंने रतलाम के सिटी एसपी के खिलाफ एक खबर अपने अखबार में छाप दी थी.
जानकारी के अनुसार रतलाम शहर में लगभग तीन महीने पूर्व एक डीजल टैंकर कांड हुआ था. जिसमें सिटी एसपी महेन्द्र तारनेकर और उनके अधीनस्थ दो सिपाहियों ने अवैध केरोसिन छिपा कर ले जा रहे एक टैंकर को पकड़ा था. उन्होंने टैंकर मालिक से वाहन छोड़ने के नाम पर लगभग ढाई लाख रुपये वसूले थे. यह मामला रतलाम में काफी चर्चा में रहा था. गोपाल सिंह कुशवाहा (55 वर्ष) ने इसी से संबंधित खबर कुछ दिन पूर्व अपने साप्ताहिक अखबार साधना टुडे में छापी थी.
गोपाल सिंह कुशवाहा ने बताया कि कल सिटी एसपी अतिक्रमण हटवा रहे थे. मै भी वहां मौजूद था. अतिक्रमण हटाते हुए जब यह दल लोखन टाकीज चौराहा पर पहुंचा तो मुझे सिटी एसपी ने अपने दो सिपाहियों को भेजकर बुलवाया. उनके सिपाहियों ने मुझसे कहा साहब बुला रहे हैं कुछ बात करना है. मेरे पहुंचते ही उन्होंने कहा कि तू बहुत बड़ा पत्रकार हो गया है. मेरे खिलाफ खबर छापता है. तूझे मेरे बारे में पता नहीं है. तेरे जैसे ही एक पत्रकार की जो हालत की थी, आज तेरी हालत भी वैसी ही करूंगा. इसके बाद उन्होंने अपने तीन सिपाहियों को मुझे मारने के लिए निर्देशित किया.
गोपाल ने बताया कि तीनों सिपाही इसके बाद सबके सामने मुझ पर टूट पड़े. मुझे बहुत मारा-पीटा गया. इसके बाद सिटी एसपी के आदेश के बाद मुझे सिपाहियों ने गाड़ी में पटक दिया और मुझे थाने ले जाया गया. गाड़ी में भी सिपाही और सिटी एसपी मुझे मारते रहे. गाड़ी से उतार कर थाने में भी मुझे मारा-पीटा गया. इसी बीच घटना की जानकारी होने पर स्थानीय विधायक पारस सकलेचा ने जब सिटी एसपी को फोन किया तब मेरे साथ मारपीट बंद किया गया. इसके बाद मुझे थाने में बैठाये रखा गया.
उन्होंने बताया कि जब घटना की जानकारी होने पर मेरा पुत्र तथा कुछ पत्रकार पहुंचे तो सिटी एसपी ने मेरे बेटे से भी बहस की और धमकी दी. उन्होंने मेरे लड़के से कहा कि तूझे समझाया था ना कि अपने बाप को रोक, उसे समझा कि मेरे खिलाफ खबर ना छापे. लेकिन तब तूझे मेरी बात समझ में नहीं आई थी. गोपाल ने कहा कि मेरी हालत खराब होने पर मेरे पुत्र तथा अन्य लोगों ने मुझे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया. मेरी हालत ज्यादा खराब हो गई तो मुझे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा.
उन्होंने बताया कि उस टैंकर स्कैंडल में लिखित कम्पलेन हुई थी. जिसके आधार पर मैंने यह खबर छापी थी. इन लोगों द्वारा छोड़ा गया टैंकर राजस्थान में पकड़ा गया. इसकी जांच चल रही है. उन्होंने बताया कि उस टैंकर मालिक के खिलाफ मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा गुजरात में भी कई मामले चल रहे हैं. इसके बाद भी सिटी एसपी ने उसे पकड़ने के बाद पैसे लेकर छोड़ दिया था. जब मैंने तमाम सबूतों के बाद खबर लिखी तो मेरे साथ यह बर्ताव किया गया.
जानकारी के अनुसार रतलाम शहर में लगभग तीन महीने पूर्व एक डीजल टैंकर कांड हुआ था. जिसमें सिटी एसपी महेन्द्र तारनेकर और उनके अधीनस्थ दो सिपाहियों ने अवैध केरोसिन छिपा कर ले जा रहे एक टैंकर को पकड़ा था. उन्होंने टैंकर मालिक से वाहन छोड़ने के नाम पर लगभग ढाई लाख रुपये वसूले थे. यह मामला रतलाम में काफी चर्चा में रहा था. गोपाल सिंह कुशवाहा (55 वर्ष) ने इसी से संबंधित खबर कुछ दिन पूर्व अपने साप्ताहिक अखबार साधना टुडे में छापी थी.
गोपाल सिंह कुशवाहा ने बताया कि कल सिटी एसपी अतिक्रमण हटवा रहे थे. मै भी वहां मौजूद था. अतिक्रमण हटाते हुए जब यह दल लोखन टाकीज चौराहा पर पहुंचा तो मुझे सिटी एसपी ने अपने दो सिपाहियों को भेजकर बुलवाया. उनके सिपाहियों ने मुझसे कहा साहब बुला रहे हैं कुछ बात करना है. मेरे पहुंचते ही उन्होंने कहा कि तू बहुत बड़ा पत्रकार हो गया है. मेरे खिलाफ खबर छापता है. तूझे मेरे बारे में पता नहीं है. तेरे जैसे ही एक पत्रकार की जो हालत की थी, आज तेरी हालत भी वैसी ही करूंगा. इसके बाद उन्होंने अपने तीन सिपाहियों को मुझे मारने के लिए निर्देशित किया.
गोपाल ने बताया कि तीनों सिपाही इसके बाद सबके सामने मुझ पर टूट पड़े. मुझे बहुत मारा-पीटा गया. इसके बाद सिटी एसपी के आदेश के बाद मुझे सिपाहियों ने गाड़ी में पटक दिया और मुझे थाने ले जाया गया. गाड़ी में भी सिपाही और सिटी एसपी मुझे मारते रहे. गाड़ी से उतार कर थाने में भी मुझे मारा-पीटा गया. इसी बीच घटना की जानकारी होने पर स्थानीय विधायक पारस सकलेचा ने जब सिटी एसपी को फोन किया तब मेरे साथ मारपीट बंद किया गया. इसके बाद मुझे थाने में बैठाये रखा गया.
उन्होंने बताया कि जब घटना की जानकारी होने पर मेरा पुत्र तथा कुछ पत्रकार पहुंचे तो सिटी एसपी ने मेरे बेटे से भी बहस की और धमकी दी. उन्होंने मेरे लड़के से कहा कि तूझे समझाया था ना कि अपने बाप को रोक, उसे समझा कि मेरे खिलाफ खबर ना छापे. लेकिन तब तूझे मेरी बात समझ में नहीं आई थी. गोपाल ने कहा कि मेरी हालत खराब होने पर मेरे पुत्र तथा अन्य लोगों ने मुझे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया. मेरी हालत ज्यादा खराब हो गई तो मुझे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा.
उन्होंने बताया कि उस टैंकर स्कैंडल में लिखित कम्पलेन हुई थी. जिसके आधार पर मैंने यह खबर छापी थी. इन लोगों द्वारा छोड़ा गया टैंकर राजस्थान में पकड़ा गया. इसकी जांच चल रही है. उन्होंने बताया कि उस टैंकर मालिक के खिलाफ मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा गुजरात में भी कई मामले चल रहे हैं. इसके बाद भी सिटी एसपी ने उसे पकड़ने के बाद पैसे लेकर छोड़ दिया था. जब मैंने तमाम सबूतों के बाद खबर लिखी तो मेरे साथ यह बर्ताव किया गया.