शैफाली की जेल में सुरंग
कहीं गोद भराई करने वालों ने तो नहीं की......?
कहीं गोद भराई करने वालों ने तो नहीं की......?
बैतूल, रामकिशोर पंवार
toc news internet channel
के चुने हुए जिलों में से एक है आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिला जहां सुश्री शैफाली तिवारी नामक महिला जेल अधिक्षक पदस्थ हैं। सुश्री शैफाली यूं तो शोले की गब्बर सिंह या फूलनदेवी की तरह कोई डाकू नहीं है बल्कि चोर उच्चको को सुधारने वाली सुधारगृह की अधिक्षक हैं। महिला जेल अधिक्षक को इस बात के लिए चिंता सता रही हैं कि उनकी जेल में आखिर ऐसी कौन सी सुरंग खुद गई कि अकसर आलू चोर सुरंग से आकर आलू ही चोरी करके नौ - दो ग्यारह हो जाती हैं। दबंग छवि की यह महिला अधिक्षक वैसे तो सुदंरता में किसी से कम नहीं हैं लेकिन भोली सूरत पर इस समय इस बात को लेकर मायूसी हैं कि उनकी जेल की चार दिवारी को भलां कोई कैसे लांध सकता हैं। फिल्म शोले में जिस तरह अंग्रेजों के जमाने के जेलर के होश जेल में सुरंग खोदे जाने की खबर से उड़ गए थे। ठीक इसी तरह अंग्रेजों के जमाने की बैतूल जेल में जहां पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता वहां से कथित आलू खोदकर चोरी किए जाने से की घटना से सुश्री शैफाली तिवारी को गहरा धक्का लगा हैं। अभी कुछ दिन पहले ही मीडिया में सुर्खियों में छाई रही बैतूल जेल अधिक्षक सुश्री शैफाली तिवारी ने बाजे - गाजे के साथ जेल कैम्पस में अपने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने वाली एक महिला की गोद भरवाई का कार्यक्रम संपादित करवाया था। महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों तथा भाजपा सासंद श्रीमति ज्योति बेवा प्रेम धुर्वे की उपस्थिति में सम्पन्न हुए गोद भराई के कार्यक्रम की अपार पब्लिसिटी के बाद अचानक नींद से जाग उठी सुश्री शैफाली लगातार एक सप्ताह से जेल परिसर में विचारधीण कैदियों द्वारा लगाई गई आसू की फसल की निगरानी के बावजूद चोरी का खुलासा न होने से हैरान एवं परेशान हैं। सुश्री शैफाली तिवारी को समझ नहीं आ रहा कि उनकी जेल से आलू की चोरी करने वाले चोर को धरती खा गई या आसमान निगल गया है। वही दुसरी ओर बैतूल जिले में बंद 350 कैदियों में कई शातीर - चोर - उच्चके - गुण्डे - मवाली यहां तक कि लूटेरे तक हैं इन सब लोगो की मेहनत पर पानी फेर कर जाने वाले चोर का पता नहीं लगने से उनकी भी हालत पतली हो चुकी हैं। बैतूल जेल परिसर के अंदर कैदियों ने पहली बार आलू और गेहंू की खेती शुरू की। जिसमें करीब तीन एकड़ में आलू की फसल बोई थी और वर्तमान में आलू भी तैयार हो गए हैं। आलू की इस फसल को अज्ञात चोरों द्वारा रात के समय चुराकर ले जाने का काम चल रहा है। चोर आलू खोदकर निकाल लेते हैं और आलू के पौधे को वहीं छोड़ देते हैं। लगातार एक सप्ताह से धड़ल्ले से चल रही इस चोरी ने जेल प्रबंधन को शर्मसार कर दिया हैं उनकी समझ में यह नहीं आ रहा है कि आखिर चोर आते कहां से हैं और जाते कहां है? बैतूल जेल जो कि सुरक्षा के लिहाज से बेहद मजबूत और अभेद किले की तरह मानी जाती है। हालाकि बहुंत कम लोगो को पता होगा कि खेड़ला के किले से जो सुरंग एलिजपुर आज के अचलपुर महाराष्ट्र तक जाती हैं। उस सुरंग का रास्ता जेल के अंदर से भी जाता हैं। सैकड़ो सालों से बंद सुरंग के अंदर कहीं कोई हलचल तो शुरू नहीं हो रही हैं इस बात से भी जेल प्रबंधन परेशान हैं। जिला जेल में इस तरह आलू की फसल चोरी होने से जेल के अधिकारियों को तो चिंता में डाल दिया हैं लेकिन पुलिस भी कम सकते में नहीं हैं कि आखिर यदि जेल प्रबंधन चोरी की रिर्पोट लिखवाता हैं तो उसे कैसे लिखे.....? वर्तमान में जिला जेल में 6 बैरक में 350 कैदी बंद है और इनकी सुरक्षा के लिए महज 17 सुरक्षा प्रहरी तैनात है। खाने के शौकिन कथित आलू चोरों ने जेल की सुरक्षा और अधिकारियों के अभेद जेल होने के दावे पर सवालिया निशान लगा दिया है। सबसे मजेदार बात यह हैं कि दिमाग में नम्बर वन कहे जाने वाले पंडितो जिसमें जेल अधिक्षक सुश्री शैफाली तिवारी एवं उप जेल अधिक्षक एस एन शुक्ला के पदस्थ हैं। हालाकि इस समय जेल अधिक्षक सुश्री शैफाली तिवारी दो दिन से छुटट्ी पर हैं इसलिए उनसे कोई घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी हैं। toc news internet channel