जिला प्रतिनिधि //रामकिशोर पंवार (बैतूल//टाइम्स ऑफ क्राइम)
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रूढ़ीलाल मेघवाल का हो गया हाल का बेहाल
बैतूल . सबका पेट पालने वाले बैतूल के एक नामचीन कमाऊपूत अधिकारी को अब बैतूल से जाने के बाद बैतूल के लोगो के द्वारा की गई शिकायतो के चलते एक बार फिर सुर्खियों में ला छोड़ा है। बैतूल जिला मुख्यालय में बतौर आरईएस के कार्यपालन यंत्री के रूप में पदस्थ रहे आरएल (रूढ़ीलाल)मेघवाल की मुश्किलें कम होने के बजाए दिन - प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। उनके खिलाफ कई जांचें लंबित हैं और हाल ही में एक जांच में उनके द्वारा करीब डेढ़ करोड़ रूपए की वित्तीय अनियमितता करना साबित हो चुका है। इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास के पास लंबित है। सपा प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक डां सुनीलम् के विधायक प्रतिनिधि रहे अनिल सोनी ने मध्यप्रदेश शासन जन शिकायत निवारण विभाग को ऑनलाइन शिकायत में यह बताया था कि आरईएस के पूर्व कार्यपालन यंत्री आरएल (रूढ़ीलाल) मेघवाल ने मनरेगा, एफएफडब्ल्यू सहित अन्य कार्यो में चार वर्ष के दौरान निर्माण कार्यो को प्रशासकीय स्वीकृति से कम लागत में पूर्ण करने के बाद भी बीस कार्यो में शेष बची 82 लाख की राशि जिला पंचायत को समर्पित नहीं की गई। इसी तरह 13 अन्य कार्यो को निरस्त करने के बावजूद दो करोड़ 60 लाख की राशि भी समर्पित नहीं की गई। उन्होंने अन्य निर्माण कार्यो में व्यय बताकर इस राशि में भ्रष्टाचार किया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बैतूल के प्रतिवेदन अनुसार आरएल मेघवाल ने प्रशासकीय राशि से कम राशि में पूर्ण किए गए कार्य और सक्षम अधिकारी द्वारा निरस्त किए गए कार्यो के विरूद्ध दी गई एक करोड़ 13 लाख रूपए की राशि जिला पंचायत को यथासमय वापस नहीं की तथा अन्य कार्यो में प्रशासकीय स्वीकृति से अधिक खर्च किया गया। जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। इस कार्य में आरएल मेघवाल के विरूद्ध कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
इधर इस पूरे मामले में विदिशा में पदस्थ कार्यपालन यंत्री आरईएस श्री आरएल (रूढ़ीलाल)मेघवाल का कहना है कि उक्त राशि अन्य कार्यो के लिए राशि न मिलने के कारण उसमें खर्च कर दी गई थी। इसलिए जिपं को सरेंडर नहीं की गई है। सोचने एवं समझने लायक बात यह है कि बैतूल में घोटाला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ बैतूल में उनकी पदस्थापना के समय कोई भी मामला दर्ज नहीं होता लेकिन उनके जाते ही मामले दर्ज होने शुरू हो जाते है। पूर्व जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बाबू सिंह जामोद के खिलाफ भी बैतूल से जाने के बाद आर्थिक अपराध का मामला दर्ज हो चुका है। श्री जामोद वर्तमान में सीहोर में पदस्थ है।
इधर इस पूरे मामले में विदिशा में पदस्थ कार्यपालन यंत्री आरईएस श्री आरएल (रूढ़ीलाल)मेघवाल का कहना है कि उक्त राशि अन्य कार्यो के लिए राशि न मिलने के कारण उसमें खर्च कर दी गई थी। इसलिए जिपं को सरेंडर नहीं की गई है। सोचने एवं समझने लायक बात यह है कि बैतूल में घोटाला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ बैतूल में उनकी पदस्थापना के समय कोई भी मामला दर्ज नहीं होता लेकिन उनके जाते ही मामले दर्ज होने शुरू हो जाते है। पूर्व जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री बाबू सिंह जामोद के खिलाफ भी बैतूल से जाने के बाद आर्थिक अपराध का मामला दर्ज हो चुका है। श्री जामोद वर्तमान में सीहोर में पदस्थ है।