प्रमुख // मुकेश विश्वकर्मा (पन्ना // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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मध्य प्रदेश के बुन्देल खण्ड के विकास लिये केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गये विशेष पैकेज ग्राम वासियो व श्रेत्र वासियों के लिये मुसीबत का कारण बनते जा रहे है पैकेज के तहत पन्ना जिले मे कई छोटे-बड़े तालाब डेम बनाये जा रहे है जिसके लिये गरीब किसानों गरीब आदिवासियों की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है जिसका विरोध लगातार जारी है जिसके कारण हजारों आदिवासी किसान व मजदूर पन्ना जिले से पलायन कर चूके है व पलायन करने को मजबूर है। रुंज नदी की परियोजना से कई किसानों का भविष्य खतरे मे आने वाला है व उनके परिवार का भविष्य अंधकार मय होने वाला है यही कथा -व्यथा पन्ना जिले के ग्राम पंचायत विश्राम गंज के सैकड़ों आदिवासियोँ ने राहुल गाधी को सुनाई।
अन्याय नही होगा
- राहुल गंाधी राहुल गंाधी को पन्ना से निकलने कि खबर मिलते ही विश्राम गंज सहित आस-पास कि गाम पंचायतो के सैकड़ों की संख्या में किसान ओर आदिवासी पन्ना अजयगढ मुख्य मार्ग पर जमा हो गये ओर राहुल जी को जल संसाधन विभाग द्वारा रुंज नदी पर बनाये जा रहे 286 करोड़ रुपये लागत के रुंज डेम के बारे मे जानकारी दी जिसके अन्तर गत 150 किसानो कि लगभग 300 हेक्टर कृषि भूमी डूब श्रेत्र में आ रही है जिसमे ग्राम विश्राम गंज.पाण्डेपुरवा लुकेहापुरवा छियाई बंगलनपुरवा मझपुरवा और बलरामपुर ग्राम के वासियों को विथापित किये जाने कि योजना है विदित हो की रुंज परियोजना का विरोध ग्रामीण लम्बे समय से करते आ रहे है इस संम्बन्ध मे ग्राम सभा की बैठक मे विरोध प्रस्ताव पारित किया जा चुका है उल्लेखनीय हे कि ग्राम विश्राम गंज में 80 प्रतिशत लोग परम्परागत आदिवासी है जिनको उनकी सहमति के बिना विस्थापित नही किया जा सकता बावजूद इसके आदिवासियों को विस्थापित किये जाने की योजना है। किसानों ने जानकारी दी कि विस्थापन स्वरुप दिये जाने वाले मुआवजे की राशी से उनका व परिजनों का गुजर-बसर होना सम्भव नही है अत: ग्रामीणों ने राहुल गाधी से इस परियोजना को निरस्त करने कि माग की जिस पर कांग्रेस महासचिव ने आश्वासन दिया एवं भरोसा दिलाया की किसी के साथ भी अन्याय होने नही दिया जायेगा। पर्यावरण की होगी आपूर्णनीय क्षति वन विभाग के अनुसार कक्ष क्रमांक 317.328.329.324.335 मे बन विभाग द्वारा कराई गई गणना के अनुसार वृक्षों की कुल संख्या के अनुसार 36732 ही है ग्रामीणों की माने तो इस क्षेत्र मे वृक्षों की संख्या 2 लाख से भी अधिक बताई जा रही है जिसमे सागौन सेजा ऑवला महुआ. अर्जुन तेंदु बहेरा के अलाबा कई प्रकार की बहुमूल्य औषाधियॉ भी पाई जाती है यह भी कहा जा रही है की अगर सही आकलन हो तो पर्यावरण मंत्रालय इतनी बड़ी अपूर्णनीय क्षति जो पर्यावरण के विनाश की विनाह पर हो उस परियोजना को स्वीकृती नही दे सकता। प्रश्न यह उठता है कि क्या वन विभाग ने फर्जी आकड़े बना कर 286 करोड रुपये की रुंज परियोजना को प्रस्तावित कराने मे अपनी भूमिका निभाई है?
यह कैसा विकास?
केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गये बुन्देल खण्ड विशेष पैकेज से पन्ना जिले की जनता को क्या लाभ होने वाला है यह तो आना वाला समय ही बतायेगा। पन्ना जिले में विकास के नाम पर विस्थापन की प्रथा सी शुरु हो गई है पहले पन्ना नेशनल पार्क ने पार्क के अन्तर्गत आने वाले लगभग ग्रामों के निवासियों को विस्थापित कर आम जन की उपेक्षा कर वन्य प्राणीयों को महत्व दिया उसी कडी मे पार्क प्रबंधन द्वारा वन प्राणियो सुरक्षा को ओर मजबूत करने के लिये नेशनल पार्क की परिसीमा को बढ़ाने के लिये 1000 वर्ग किलो मीटर के क्ष्ेात्र को बफर जोन बना कर बुन्देलखण्ड के 39 ग्राम पंचायतें एवं 68 ग्रामों को विस्थापित करने की योजना है पहले ही पन्ना नेशनल पार्क की वजह से पन्ना जिला का सकरिया हवाई अण्डा खजुराहो विस्थापित हो गया था इसी नेशनल पार्क की वजह से पन्ना से निकलने वाली ललितपुर-सिगरोली परियोजना पर मात्र 9 कि.मी. रेल लाईन जो नेश्नल पार्क के अन्दर से हो कर जाना थी उस पर रोक लगा दी गई। रुंज परियोजना से पन्ना अजयगढ सम्र्पक मार्ग अवरुद्ध हो जायेगा साथ ही एैतहासिक ओर पुरातात्विक महत्व का अजयपाल किला, हनुमान मंदिर, दरगाह से सम्र्पक टूटेगा साथ प्राचीन एैतहासिक अजयगढ घाटी भी डूब क्षेत्र मे आने की सम्भावना है प्रश्न यह उठता है की यह कैसा विकास हो रहा है जिसमे मध्य प्रदेश के अति पिछड़ बुन्देल खण्ड क्षेत्र के अति पिछडे जिले पन्ना को पर्यावरण, पुरात्विक महत्व एवं ग्रामीणो के भविष्य को अंधकार मय कर विकास की राह दिखाई जा रही है। रुंज डेम होगा अनूठा डेम रुंज डेम परियोजना बनने के बाद पन्ना सहित उ.प्र. के समीप वर्ती ग्रामों के किसानों को सिचाई के लिये साधन तो उपलब्ध होगा ही साथ ही यह डेम तीन पहाडिय़ों के बीच बनाये जा रहे आधुनिक इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना साबित होगा जो पन्ना के प्रकृतिक सौर्दय मे नई कडी जोड़ेगा।