भोपाल में निजी अस्पतालों ने कर दिया तालाबों का सत्यानाश
एल.बी.एल अस्पताल, मेक्सकेयर अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, जीवन रेखा अस्पताल, पारस अस्पताल व्यवसायियों को नोटिस
भोपाल // विनय जी. डेविड
MOB 09893221036 (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल अब अपना सांैदर्य खोती जा रही है।
अतिक्रमणकारियों की मनमानी का शिकार हो चले है भोपाल के ताल, तलैया। जिसकी
ओर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा। बल्कि अनदेखी कर तालाबों को क्षति
पहुंचाने में सहयोगी बना है। शहर के बीचों बीच ताजूल मस्जिद से लगा
सिद्दीकी हसन तालाब और मुंशी हुसैन खां तालाब के बुरे दिन चल रहे है। कभी
ये भोपाल की शान हुआ करते थे।
परन्तु आज इनका सत्यानाश किया जा चुका है। इन तालाब की मौत ना हो जाये। इस
तारतम्य में भोपाल के पत्रकार अवधेश भार्गव ने उक्त तालाब को मौत के घाट
उतारने की साजिश करने वालों को वकील द्वारा नोटिस दिया है। साथ ही भवन
मालिकों के निवास के नाम पर न्यायालय में स्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त कर खुद
अस्पताल खोलकर खुले आम न्यायपालिका की आंखों में धूल झोंकी है।
जीवन रेखा अस्पताल, पारस अस्पताल |
श्री भार्गव ने ताजुल मस्जिद के सामने मोतियां तालाब पर स्थित पांच
अस्पतालों को जिसमें एल.बी.एल अस्पताल, मेक्सकेयर, संजीवनी, जीवन रेखा,
पारस को पार्टी बनाया है। वहीं इनको द्वारा जाने वाली नियम विरूद्ध
गतिविधियों को विराम लगाने की चेतावनी दी है।
वहीं अस्पतालों द्वारा तीनों तालाबों में अस्पतालों को अत्यधिक प्रदूषण
रासायनिक जैविक अवशेषों को उक्त तालाबों में विसर्जित कर तालाबों को जहरीला
बनाने वालों के विरूद्ध न्यायालय में याचिका लगाने की जानकारी दी। ज्ञात
हो कि विगत दो दशकों से मोतियां तालाब के किनारे उक्त सभी अस्पताल भवनों का
निर्माण कार्य किया गया है। जो तालाब से लगा हुआ है नियमानुसार 200 फीट की
दूरी होना चाहिए, परन्तु समीप होकर ये गतिविधियां स्वयं अवैध है।
अस्पतालों में निकलने वाली गंदगी को भी इसी तालाब में डाल दिया जाता है।
मेक्सकेयर, संजीवनी अस्पताल |
जिस कारण तालाबों की वास्तविक सुन्दरता खो गई है। यही कारण है है कि इन
लोगों ने अपने निजी स्वार्थों के चलते करोड़ों रूपयों की कमाई के आगे
शासकीय प्राकृतिक सम्पत्ति को कचराघर बना दिया। विगत दो दशकों से प्रशासन
इस तरह व्यवसाय को देख रहा है , परन्तु आंखों के अन्धे को कुछ दिखाई नहीं
देता। क्षेत्रिय लोगों का कहना है कि भोपाल प्रशासन इन व्यवसायियों के आगे
नतमस्तक है। वो प्रशासन बिकाऊ है।
प्रशासन को कुछ नहीं दिखेगा। परन्तु जागरूक नागरिक का परिचय देते हुए
पत्रकार अवधेश भार्गव ने इन मुद्दों के खिलाफ पोल खोलने का कार्य शुरू कर
दिया है। जिसमें पहले इन व्यवसायियों को नोटिस जारी किया है। वहीं इनके न
मानने और न्यायालय की डिग्री जो कि कुछ निजी व्यक्तियों द्वारा निवास भवन
के सम्बन्ध में स्थाई निषेधाज्ञा शासन के विरूद्ध की गई है। उसके अनुसार
गतिविधियां को संचालित न कर अन्य व्यवसायिक गतिविधियां संचालित कर रहा है।
उनके खिलाफ शीघ्र ही सक्षम न्यायालय मे याचिका दर्ज करवाई जावेगी।
एल.बी.एल अस्पताल, मेक्सकेयर अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, जीवन रेखा अस्पताल, पारस अस्पताल व्यवसायियों को नोटिस