रांची। लालू प्रसाद यादव सरकार से जुड़े चारा घोटाले के एक और मामले में गुरुवार
को सीबीआई की विशेष अदालत ने दस अधिकारियों समेत 26 आरोपियों को कारावास और
जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश जीके सिंह ने साहबगंज जिला कोषागार से 1991-93 एवं
1995-96 के दौरान गलत तरीके से 67.5 लाख रूपये निकालने के मामले में 26
लोगों को दोषी पाया। इसके बाद छह आरोपियों की जमानत रद्द कर जेल भेज
दिया। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश गीतेन्द्र कुमार सिंह
ने चारा घोटाले के झारखंड के साहेबगंज कोषागार से फर्जी तरीके से 1996 में
निकाले गये 67 लाख 49 हजार 989
रुपये के मामले में दस अधिकारियों समेत 26 आरोपियों को दोषी ठहराया और
उन्हें पांच वर्ष से लेकर एक वर्ष तक के कठोर कारावास की सजा सुनायी।
सजा सुनाये जाने के तत्काल बाद अदालत के आदेश पर तीन वर्ष से अधिक की कैद
की सजा पाने वाले छह अभियुक्तों की जमानत रद्द कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
आज अदालत में हाजिर न होने वाले एक आरोपी चारा आपूर्तिकर्ता फूल सिंह के
खिलाफ अदालत ने वारंट भी जारी किया।
चारा घोटाले में कुल 61 मामले दर्ज किए गए थे और बिहार से अलग होने के
बाद 53 को झारखण्ड स्थानांतरित कर दिया। गुरूवार के निर्णय के बाद से
रांची स्थित सीबीआई अदालतें 40 मामलों में निर्णय सुना चुकी हैं।
इस मामले में सीबीआई ने कुल
36 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये थे, लेकिन मुकदमें की कार्रवाई
के दौरान ही छह आरोपियों की मौत हो गयी, जबकि तीन सरकारी गवाह बन गये और
शेष एक ने अपनी गलती स्वीकार कर ली थी, जिसे पहले ही सजा दी जा चुकी है।