(अखिलेश दुबे)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व में कुछ व्यवसाईयों को लीज पर भूखण्ड आवंटित किए हैं। व्यवसाईयों और नगर पालिका के बीच लीज अनुबंध तो संपादित हो गया है पर इसके पंजीयन में पालिका द्वारा रोड़े अटकाए जा रहे हैं। पालिका द्वारा शहर के लगभग 58व्यवसाईयों के लीज एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड करवाना बाकी है।
व्यवसाईयों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नगर पालिका परिषद द्वारा लीज एग्रीमेंट के पंजीयन के लिए राजस्व शाखा में पदस्थ कामता बघेल को अधिकृत किया गया है। पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा 31जुलाई को व्यवसाईयों को पंजीयक कार्यालय पहुंचने की बात कही थी।
बताया जाता है कि 31जुलाई को जब व्यवसाई पंजीयक कार्यालय पहुंचे तब वहां कामता बघेल भी उपस्थित थे। इसी बीच पालिका के एक शीर्ष प्रतिनिधि ने मौके पर पहुंच कामता बघेल को अपनी गाड़ी में बिठाकर वहां से ले जाया गया जिससे 31जुलाई को एग्रीमेंट का पंजीयन नहीं हो सका।
व्यवसाईयों ने बताया कि आज सुबह से ही पालिका के सीएमओ का मोबाईल नाट रीचेबल मिल रहा था। बाद में उन्हें पालिका की ओर से कहा गया कि इस लीज डीड में कुछ संशोधन होना है अतः इसका पंजीयन कुछ समय बाद किया जाएगा। इस पर वहां उपस्थित व्यवसाई बुरी तरह बिफर गए। बताया जाता है कि 30जुलाई को नगर पालिका में भी व्यवसाईयों और पालिका प्रशासन के बीच इसी बात को लेकर काफी तू तू मैं मैं हो चुकी है। चर्चा है कि इन पट्टों के लिए किसी ने छः अंकों में राशि भी एकत्र की गई है। यह राशि पालिका के जिम्मेदार कारिंदों के पास नहीं पहुंच पाने से सारा का सारा 'रायता' बगरता दिख रहा है।
वहीं, व्यवसाई ने बताया कि उप पंजीयक को दी शिकायत में व्यवसाई ने कहा है कि उनके द्वारा 31जुलाई और एक अगस्त को अपना काम छोड़कर पंजीयक कार्यालय पहुंचने के बाद भी लीज डीड का पंजीयन नहीं करवाया जा रहा है। शिकायत में कहा गया है कि 31जुलाई को जब वे नगर पालिका पहुंचे तो वहां मुख्य नगर पालिका अधिकारी सी.के.मेश्राम एवं नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी द्वारा उनके बीस लाख रूपए की राशि की मांग की गई है।
शिकायत में कहा गया है कि सीएमओ नगर पालिका ने व्यवसाई से साफ तौर पर कह दिया गया है कि अगर वे बीस लाख रूपए की राशि की व्यवस्था नहीं कर सकते तो उनके लीज एग्रीमेंट को संपादित नहीं किया जाएगा! उक्त अनुचित मांग को अस्वीकार करने और इसकी शिकायत जिला कलेक्टर भरत यादव से करने की बात कहने पर सीएमओ ने 1अगस्त को इस मामले में कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।
आज भी व्यवसाई खाली हाथ ही घर लौट गए। आवेदन में व्यवसाईयों ने शंका व्यक्त की है कि पालिका प्रशासन द्वारा बीस लाख रूपए ना मिलने की दशा में उक्त संपत्ति का अनुबंध किसी अन्य के नाम से किया जा सकता है। इसलिए व्यवसाई अपनी आपत्ति इसमें दर्ज करवाकर शिकायत कर रहे हैं।
व्यवसाईयों ने बताया कि आज उप पंजीयक कार्यालय में उनके द्वारा बाकायदा पचास रूपए की रसीद कटवाकर शिकायत दर्ज करवाई गई। शुक्रवार को व्यवसाई जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं।
(साई) samacharagency se sabhar
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