उज्जैन के मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु नर्सों का यौन उत्पीडऩ!,
मैट्रन को देर रात लिया हिरासत में
उज्जैन // डॉ. अरूण जैन
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उज्जैन । आगर रोड स्थित आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु नर्सों के यौन उत्पीड़ऩ का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 13 ट्रेनी नर्सों की शिकायत पर चिमनगंज पुलिस ने कॉलेज के सीएमओ सहित तीन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों शामिल महिला को देर रात हिरासत में लिया गया है। नर्सों ने पुलिस को बताया कि तीनों आरोपी उन्हें सेक्स रैकेट में धकेलने की कोशिश कर रहे थे। अश्लील फोटो में उनके चेहरे लगाकर इंटरनेट पर डालने की धमकी भी दी गई।
चिमनगंज थाना प्रभारी संजय पाठक ने बताया कि प्रशिक्षु नर्सों ने सीएमओ डॉ. किशन किदवई, कॉलेज के गर्ल्स होस्टल के सहायक अधीक्षक अशोक महाकाल व मैट्रन मरियम के खिलाफ शिकायत की। नर्सों ने बताया, 1 अक्टूबर से अशोक उन्हें सेक्स रैकेट में धकेलने की कोशिश कर रहा था। जब मैट्रन मरियम से इसकी शिकायत की तो उन्होंने भी यही करने को कहा। सीएमओ के पास गए तो उसने अश्लील चित्र इंटरनेट पर अपलोड करने और रात के वक्त ड्?यूटी लगाकर परेशान करने की धमकी दी। 28 दिन तक यौन उत्पीड़ऩ सहने के बाद हिमत जुटाकर वे पुलिस के पास पहुंचीं हैं।
थाना प्रभारी पाठक ने बताया कि प्रशिक्षु नर्सों की शिकायत पर सीएमओ डॉ.किशन, सहायक अधीक्षक अशोक व मैट्रन मरियम के खिलाफ आईपीसी की धारा 294बी (अश्लील शब्द कहना), 354ए (अश्लील बातें कर धमकी देना), 504 (लैंगिक शोषण) व 34 (एक से अधिक आरोपी होना) के तहत केस दर्ज किया गया है। अन्य के खिलाफ भी साक्ष्य मिलता है तो उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।
प्रशिक्षु नर्सों द्वारा यौन उत्पीड़ऩ की शिकायत के बाद चिमनगंज पुलिस ने आरोपियों की गिरतारी के लिए दबिश दी। रात 12.30 बजे पुलिस ने मेडिकल कॉलेज परिसर से स्थित आरोपी मैट्रन मरियम को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस सीएमओ डॉ. किदवई के घर भी पहुंची। लेकिन घर पर ताला लगा था। पुलिस ने सहायक अधीक्षक अशोक की तलाश में हॉस्पिटल बिल्डिंग में भी दबिश दी। शिकायत के अनुसार लगातार उत्पीड़ऩ से तंग आकर इन प्रशिक्षु नर्सों ने कॉलेज के डीन व अन्य डॉक्टर को भी मामले की जानकारी दी थी। किसी ने सुनवाई नहीं की। लिहाजा, नर्सों ने को परिजन को आपबीती सुनाई। सुबह परिजन कॉलेज पहुंचे और नर्सों को लेकर थाने आए।
महिला आयोग ने की जांच
आगर रोड स्थित आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की प्रशिक्षु नर्सों के यौन उत्पीड़ऩ के मामले को राज्य महिला आयोग ने संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक उज्जैन से जांच प्रतिवेदन तलब किया जा रहा है।मंगलवार को आयोग की सदस्य स्नेहलता उपाध्याय कॉलेज पहुंचीं और इसके प्रबंधन से जुड़़े अफसरों से जानकारी ली। ट्रेनी नर्सों के न मिलने से उनके बयान नहीं हो पाए। इस बीच आरोपी मैट्रन को पुलिस ने गिरतार कोर्ट पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई। दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
आयोग सदस्य ने डीन डॉ. जेके शर्मा, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ. शैलेंद्र शर्मा, वाइस डीन प्रो. एनके सिंह व नर्सिंग कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य लता सेठी से जानकारी तलब की और पूछा कि संस्थान यौन उत्पीड़ऩ के गंभीर आरोपों पर क्या कार्रवाई कर रहा है। इस पर डीन डॉ.शर्मा ने कहा कि इस संबंध में निदेशक डॉ.वीके महाडिक ही बता पाएंगे। डीन ने आरोपों को नकारा और कहा कि सभी लड़़कियां जावरा के कॉलेज से आई हैं। उन्होंने ड्यूटी चेंज करने का आवेदन दिया था। सोमवार को इस पर विचार होना था किंतु इससे पहले ही वे थाने चली गईं। प्रशिक्षु नर्सों ने ऐसा क्यों किया, पता नहीं। करीब आधे घंटे चर्चा के बाद सदस्य उपाध्याय होस्टल गईं और अन्य ट्रेनी नर्सों से भी चर्चा की। करीब ड़ेढ़ घंटे जांच की गई। इससे पहले सुबह 11.30 बजे मेडिकल कॉलेज की पदस्थ नर्सें, सफाईकर्मी व अन्य स्टॉफ सहित करीब 70 लोग आरोपियों के पक्ष में थाने पहुंचे। कर्मचारियों ने टीआई संजय पाठक से कहा कि डॉ. किदवाल, मारियमा व अशोक निर्दोष हैं। उन्हें झूठा फंसाया गया है। अस्पतालकर्मियों ने प्रशिक्षु नर्सों पर ठीक से काम न करने का आरोप भी लगाया।