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भोपाल, दिल्ली, उत्तराखण्ड में पत्रकारों ने की भर्त्सना
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)। नये साल के पहले दिन ही मध्य रात्रि को सिवनी पुलिस के द्वारा दो संपादकों के साथ किये गये व्यवहार की देश भर में निंदा का दौर आरंभ हो गया है। सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर देश भर के विभिन्न मीडिया समूहों में इस घटना की भर्त्सना कड़े शब्दों में की जाकर, इसकी जांच की मांग की जा रही है।
अपने जमाने की चर्चित पत्रिका रही माया के मध्य प्रदेश ब्यूरो रहे वरिष्ठ पत्रकार चंदा बारंगल लिखते हैं कि राजेश तिवारी जैसे पुलिस अफसर एमपी पुलिस पर कलंक हैं। हम सब साथ हैं . . .ये समूची बिरादरी का अपमान है। उन्होंने लिखा है कि लिमटी भाई हम आपके साथ हैं।
भोपाल के ही एम.के. विजयवर्गीय लिखते हैं कि डीजीपी सुरेंद्र सिंह7049100001 से मामले की बात की जाये एवं संबंधित तमाम पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी पर कानूनी कार्यवाही हो। भोपाल में बैठे तमाम अखबार के संपादक इस मामले को एकजुटता के साथ उठायें। उन्होंने आगे लिखा है कि सिवनी की घटना प्रदेश के पत्रकार जगत के लिये प्रदेश पुलिस विभाग की नाकाबिलियत का नमूना है।
भोपाल के एक समूह में भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार कैलाश गुप्ता लिखते हैं - लिमटी भाई हम आपके साथ हैं। भोपाल के ही नवीन आनंद जोशी ने कहा है कि लिमटी भाई हम आपके साथ हैं। उन्होंने कहा है कि लंबे समय से निरंकुश है पुलिस और सरकार। वे लिखते हैं कि पत्रकार मित्र तीसरा नेत्र खोलें।
एक समूह में वरिष्ठ पत्रकार अवधेश भार्गव ने लिखा है कि लिमटी भाई जो शिकायत की है उसकी प्रति हो सके तो मेल कर दें। भोपाल के ही राजेश पाठक ने कहा है कि इस मामले की तुरंत उचित माध्यम से शिकायत की जाये एवं कार्यवाही होने की दिशा में आंदोलन किया जाये।
राजगढ़ के अरूण का कहना था कि कलंकित चेहरे को उजगार करना भी धर्म है। उन्होंने लिखा है कि राजगढ़ के पत्रकार इस घटना की निंदा करते हैं। टाईम्स ऑफ क्राईम के संपादक विनय डेविड ने व्यक्तिगत संदेश भेजकर कहा है कि जो शिकायत की है उसकी प्रति मेल पर भेजें।
इस मामले की इंडियन फेडरेशन ऑफ स्माल न्यूज पेपर्स एॅसोसिएशन नई दिल्ली की उत्तराखण्ड ईकाई के अध्यक्ष चंद्र शेखर जोशी ने भी कड़े शब्दों मेें भर्त्सना की है। उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच के लिये सूबे के निज़ाम शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। देर रात तक इस मामले में देश के अनेक हिस्सों से प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी था।
भोपाल, दिल्ली, उत्तराखण्ड में पत्रकारों ने की भर्त्सना
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)। नये साल के पहले दिन ही मध्य रात्रि को सिवनी पुलिस के द्वारा दो संपादकों के साथ किये गये व्यवहार की देश भर में निंदा का दौर आरंभ हो गया है। सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर देश भर के विभिन्न मीडिया समूहों में इस घटना की भर्त्सना कड़े शब्दों में की जाकर, इसकी जांच की मांग की जा रही है।
अपने जमाने की चर्चित पत्रिका रही माया के मध्य प्रदेश ब्यूरो रहे वरिष्ठ पत्रकार चंदा बारंगल लिखते हैं कि राजेश तिवारी जैसे पुलिस अफसर एमपी पुलिस पर कलंक हैं। हम सब साथ हैं . . .ये समूची बिरादरी का अपमान है। उन्होंने लिखा है कि लिमटी भाई हम आपके साथ हैं।
भोपाल के ही एम.के. विजयवर्गीय लिखते हैं कि डीजीपी सुरेंद्र सिंह7049100001 से मामले की बात की जाये एवं संबंधित तमाम पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी पर कानूनी कार्यवाही हो। भोपाल में बैठे तमाम अखबार के संपादक इस मामले को एकजुटता के साथ उठायें। उन्होंने आगे लिखा है कि सिवनी की घटना प्रदेश के पत्रकार जगत के लिये प्रदेश पुलिस विभाग की नाकाबिलियत का नमूना है।
भोपाल के एक समूह में भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार कैलाश गुप्ता लिखते हैं - लिमटी भाई हम आपके साथ हैं। भोपाल के ही नवीन आनंद जोशी ने कहा है कि लिमटी भाई हम आपके साथ हैं। उन्होंने कहा है कि लंबे समय से निरंकुश है पुलिस और सरकार। वे लिखते हैं कि पत्रकार मित्र तीसरा नेत्र खोलें।
एक समूह में वरिष्ठ पत्रकार अवधेश भार्गव ने लिखा है कि लिमटी भाई जो शिकायत की है उसकी प्रति हो सके तो मेल कर दें। भोपाल के ही राजेश पाठक ने कहा है कि इस मामले की तुरंत उचित माध्यम से शिकायत की जाये एवं कार्यवाही होने की दिशा में आंदोलन किया जाये।
राजगढ़ के अरूण का कहना था कि कलंकित चेहरे को उजगार करना भी धर्म है। उन्होंने लिखा है कि राजगढ़ के पत्रकार इस घटना की निंदा करते हैं। टाईम्स ऑफ क्राईम के संपादक विनय डेविड ने व्यक्तिगत संदेश भेजकर कहा है कि जो शिकायत की है उसकी प्रति मेल पर भेजें।
इस मामले की इंडियन फेडरेशन ऑफ स्माल न्यूज पेपर्स एॅसोसिएशन नई दिल्ली की उत्तराखण्ड ईकाई के अध्यक्ष चंद्र शेखर जोशी ने भी कड़े शब्दों मेें भर्त्सना की है। उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच के लिये सूबे के निज़ाम शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। देर रात तक इस मामले में देश के अनेक हिस्सों से प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी था।