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झांकी निर्माण के लिए अधिकतम लागत वाले टेंडर को दी स्वीकृति
डॉ नवीन जोशी
भोपाल।गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग झांकी तैयार करवा रहा है। इसके लिए बकायदा टेंडर बुलवाये गये, बुधवार को टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई, लेकिन खास बात यह है कि तीन लाख की झांकी का आठ लाख रुपए की लागत से निर्माण कराया जा रहा है।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग भोपाल संभाग के संयुक्त संचालक कार्यालय द्वारा 23 दिसंबर से 30 दिसंबर के बीच निविदा बुलाई गई। इसी दिन बुधवार को दोपहर 2 बजे निविदा खोली गई। निविदा प्रक्रिया में पांच लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें संजय डिजाइनर ने 8 लाख 53 हजार, लोटस डिजाइनर ने 8 लाख 85 हजार, डेकोफेयर ने 8 लाख 44 हजार, गायत्री कंस्ट्रक्शन ने 8 लाख रुपए और आशिफ कंस्ट्रक्शन ने 3 लाख 30 हजार रुपए की दर लिफाफा टेंडर में भरा था। लेकिन विभाग ने गायत्री कंस्ट्रक्शन की दर को सबसे कम मानते हुए 8 लाख रुपए टेंडर जारी कर दिया।
आशिफ डेकोरेटर्स के आशिफ खान ने आरोप लगाया है कि पहले पांच टेक्निकल लिफाफे खोले गए, लेकिन बाद में दर वाले मात्र चार लिफाफे ही खोले गये। आशिफ कंस्ट्रक्शन का लिफाफा खोला ही नहीं गया। टेंडर प्रक्रिया में अधिकारियों ने गायत्री कंस्ट्रक्शन से मिलकर टेंडर उनसे नाम कर दिया। आशिफ का कहना है कि तीन अन्य झांकी निर्माताओं ने गायत्री कंस्ट्रक्शन को सपोर्ट कर दिया और टेंडर अधिकतम दर 8 लाख रुपए में दे दिया गया। नियमानुसार न्यूनतम दर वाले निर्माता को झांकी निर्माण का टेंडर मिलना था। अब विभाग के जिम्मेदार अफसर स्वयं को मामले से अनभिग्य बता रहे हैं।
निविदा पत्र में नहीं अनुभव समयावधि का उल्लेख: निविदा पत्र में पांच साल का अनुभव मांगा गया लेकिन बाद में अनुभव के लिए समयावधि निर्धारित कर दी गई। विभाग ने 2011 से 2015 के बीच पांच साल का कार्य अनुभव मांगा, लेकिन इस बात का निविदा पत्र में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया। इससे अधिकांश झांकी निर्माता टेंडर नहीं डाल पाये। न ही न्यनतम दर वालों का टेंडर खोला गया।
2014 में भी गायत्री कांस्ट्रक्शन को मिला था टेंडर: पिछले वर्ष 2014 में भी गायत्री कंस्ट्रक्शन को ही टेंडर मिला था। उस समय साढ़े सात लाख रुपए की लागत से झांकी बनवाई गई थी। इस वर्ष भी इसी झांसी निर्माता कंपनी को आठ लाख रुपए का टेंडर दिया गया है।
इनका कहना है :
'संयुक्त संचालक एसएम बालपांडे ने गायत्री कंस्ट्रक्शन से मिलकर अधिकतम कास्ट आठ लाख रुपए में टेंडर जारी कर दिया। हमने तीन लाख तीस हजार रुपए की न्यनतम कास्ट का टेंडर डाला था लेकिन इसे खोला ही नहीं गया।Ó
- आशिफ खान, झांकी निर्माता, आशिफ डेकोरेटर
'मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। आप जेडी आफिस में संपर्क करें। वैसे न्यनतम कास्ट वाले को ही टेंडर दिया जाता है, अधिकतम कास्ट में टेंडर जारी किया गया है तो यह गलत है।Ó
- बीएस सहारे अपर संचालक, कृषि संचालनालय
कुक्कुट निगम के एमडी के विरुध्द मोर्चा
भोपाल।
कर्मचारी संगठनों ने मप्र कुक्कुट निगम के एमडी डा. एचबीएस भदौरिया के खिलाफ मोर्चा लिया है। दरअसल संचालनालय पशुपालन के अंतर्गत संचालित प्रक्षेत्रों यानी फाम्र्स को कुक्कुट निगम को हस्तांतरित किया जा रहा है। इसके विरोध में मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जीवन सिंह बिष्ट, प्रांतीय पशु चिकित्सा विभागीय कर्मचारी समिति के अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा एवं मप्र अजाजजा कर्मचारी संघ के सचिवदवराम जमरे तथा तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने सरकार को लिखित शिकायत की है कि उक्त हस्तांतरण आदेश निरस्त कर निगम के एमडी के विरुध्द जांच संस्थापित की जाये।
झांकी निर्माण के लिए अधिकतम लागत वाले टेंडर को दी स्वीकृति
डॉ नवीन जोशी
भोपाल।गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग झांकी तैयार करवा रहा है। इसके लिए बकायदा टेंडर बुलवाये गये, बुधवार को टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई, लेकिन खास बात यह है कि तीन लाख की झांकी का आठ लाख रुपए की लागत से निर्माण कराया जा रहा है।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग भोपाल संभाग के संयुक्त संचालक कार्यालय द्वारा 23 दिसंबर से 30 दिसंबर के बीच निविदा बुलाई गई। इसी दिन बुधवार को दोपहर 2 बजे निविदा खोली गई। निविदा प्रक्रिया में पांच लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें संजय डिजाइनर ने 8 लाख 53 हजार, लोटस डिजाइनर ने 8 लाख 85 हजार, डेकोफेयर ने 8 लाख 44 हजार, गायत्री कंस्ट्रक्शन ने 8 लाख रुपए और आशिफ कंस्ट्रक्शन ने 3 लाख 30 हजार रुपए की दर लिफाफा टेंडर में भरा था। लेकिन विभाग ने गायत्री कंस्ट्रक्शन की दर को सबसे कम मानते हुए 8 लाख रुपए टेंडर जारी कर दिया।
आशिफ डेकोरेटर्स के आशिफ खान ने आरोप लगाया है कि पहले पांच टेक्निकल लिफाफे खोले गए, लेकिन बाद में दर वाले मात्र चार लिफाफे ही खोले गये। आशिफ कंस्ट्रक्शन का लिफाफा खोला ही नहीं गया। टेंडर प्रक्रिया में अधिकारियों ने गायत्री कंस्ट्रक्शन से मिलकर टेंडर उनसे नाम कर दिया। आशिफ का कहना है कि तीन अन्य झांकी निर्माताओं ने गायत्री कंस्ट्रक्शन को सपोर्ट कर दिया और टेंडर अधिकतम दर 8 लाख रुपए में दे दिया गया। नियमानुसार न्यूनतम दर वाले निर्माता को झांकी निर्माण का टेंडर मिलना था। अब विभाग के जिम्मेदार अफसर स्वयं को मामले से अनभिग्य बता रहे हैं।
निविदा पत्र में नहीं अनुभव समयावधि का उल्लेख: निविदा पत्र में पांच साल का अनुभव मांगा गया लेकिन बाद में अनुभव के लिए समयावधि निर्धारित कर दी गई। विभाग ने 2011 से 2015 के बीच पांच साल का कार्य अनुभव मांगा, लेकिन इस बात का निविदा पत्र में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया। इससे अधिकांश झांकी निर्माता टेंडर नहीं डाल पाये। न ही न्यनतम दर वालों का टेंडर खोला गया।
2014 में भी गायत्री कांस्ट्रक्शन को मिला था टेंडर: पिछले वर्ष 2014 में भी गायत्री कंस्ट्रक्शन को ही टेंडर मिला था। उस समय साढ़े सात लाख रुपए की लागत से झांकी बनवाई गई थी। इस वर्ष भी इसी झांसी निर्माता कंपनी को आठ लाख रुपए का टेंडर दिया गया है।
इनका कहना है :
'संयुक्त संचालक एसएम बालपांडे ने गायत्री कंस्ट्रक्शन से मिलकर अधिकतम कास्ट आठ लाख रुपए में टेंडर जारी कर दिया। हमने तीन लाख तीस हजार रुपए की न्यनतम कास्ट का टेंडर डाला था लेकिन इसे खोला ही नहीं गया।Ó
- आशिफ खान, झांकी निर्माता, आशिफ डेकोरेटर
'मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। आप जेडी आफिस में संपर्क करें। वैसे न्यनतम कास्ट वाले को ही टेंडर दिया जाता है, अधिकतम कास्ट में टेंडर जारी किया गया है तो यह गलत है।Ó
- बीएस सहारे अपर संचालक, कृषि संचालनालय
कुक्कुट निगम के एमडी के विरुध्द मोर्चा
भोपाल।
कर्मचारी संगठनों ने मप्र कुक्कुट निगम के एमडी डा. एचबीएस भदौरिया के खिलाफ मोर्चा लिया है। दरअसल संचालनालय पशुपालन के अंतर्गत संचालित प्रक्षेत्रों यानी फाम्र्स को कुक्कुट निगम को हस्तांतरित किया जा रहा है। इसके विरोध में मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जीवन सिंह बिष्ट, प्रांतीय पशु चिकित्सा विभागीय कर्मचारी समिति के अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा एवं मप्र अजाजजा कर्मचारी संघ के सचिवदवराम जमरे तथा तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने सरकार को लिखित शिकायत की है कि उक्त हस्तांतरण आदेश निरस्त कर निगम के एमडी के विरुध्द जांच संस्थापित की जाये।