सेवा में,
सभी वर्किंग कमेटी सदस्य, राष्ट्रीय परिषद के सदस्यगण, समस्त प्रदेशों के अध्यक्ष व महामंत्री और आईएफडब्लूजे के सम्मानित सदस्यों,
प्रिय साथियों,
आईएफडब्लूजे संविधान की धारा 53 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए संगठन की वर्किंग कमेटी ने बीवी मल्लिकार्जुनैय्या को इंडियन फेडरेशन अफ वर्किंग जर्नलिस्ट का अंतरिम अध्यक्ष चुना है। के विक्रम राव को हटाए जाने के चलते बीवी मल्लिकार्जुनैय्या का चुनावआवश्यक हो गया था।
इससे पूर्व के विक्रम राव को आईएफडब्लूजे के सचिव (उतर क्षेत्र) श्री हेमंत तिवारी ने 22 दिसंबर, 2015 को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि वह किसी तरह का स्पष्टीकरण देने में विफल रहे। एसा माना जा रहा है कि उनके पास देने के लिए कोई स्पष्टीकरण न हो और वर्किंग कमेटी के पास न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत का पालन करने के बाद भी उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने और मल्लिकार्जुनैय्या को अंतरिम अध्यक्ष चुनने के अलावा कोई विकल्प नही था।
श्री मल्लिकार्जुनैय्या कन्नड़ पत्रकारिता का एक जाना माना नाम है। वह लंबे समय तक केयूडब्लूजे के अध्यक्ष रहे और उन्होंने कनार्टक में आईएफडब्लूजे के कई सम्मेलन आयोजित किए हैं। अभी उनके पास आईएफडब्लूजे के वरिष्ठ उपाध्यक्ष का पद था। कई देशों की यात्रा कर चुके, विद्वान, सुसंस्कृत, निष्ठावान, ट्रेड यूनियन राजनिति के माहिर और कुशल संगठनकर्त्ता श्री मल्लिकार्जुनैय्या की इस पद पर चुने जाने से निसंदेह संगठन को नयी ऊर्जा मिलेगी।
श्री मल्लिकार्जुनैय्या ने आईएफडब्लूजे के चुनावों के तुरंत बाद होने वाले प्रतिनिधि सत्र तक के लिए अधोहस्ताक्षरी को प्रधान महासचिव पद पर कार्य करने की अनुमति दी है।
गौरतलब है कि श्री विक्रम राव को अनगिनत फरजीवाड़े करने और अपना चुनाव विधिसम्मत तरीके से न कराने व अध्यक्ष पर गैर कानूनी व मनमाने तरीके से तीन दशक से ज्यादा समय से काबिज रहने के आरोप सही साबित हुए हैं।
विक्रम राव को राष्ट्रीय व अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर व कई मंचो पर आईएफडब्लूजे को अपमानित करने व नीचा दिखाने का जिम्मेदार पाया गया है। आप सभी को मालूम है कि विक्रम राव की धोखाधड़ी, फरजीवाड़े, ठगी के चलते इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन आफ जर्नलिस्ट (आईओजे) ने आईएफडब्लूजे को बाहर निकाल दिया था। विक्रम राव ने आईओजे की ओर से बेरोजगार व प्रताड़ित पत्रकारों की मदद के लिए दी गयी प्रिंटिंग प्रेस को अपने निजी व्यवसाय के लिए इस्तेमाल कर 100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि कमायी। विक्रम राव का पुत्र उक्त प्रिंटिंग मशीन को अपने व्यवसाय में इस्तेमाल करता रहा है।
इसके अलावा विक्रम राव ने पत्रकारों को विदेश यात्राएं कराने के नाम पर लाखों रुपये और सम्मेलनों में ली जाने वाली कैंप फीस जो करोड़ों में है, को भी हड़प कर लिया है। यह सिलसिला बरसों से चला आ रहा था।
साथियों जल्दी ही वर्किंग कमेटी के वृहत स्वरुप में एक बैठक उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में होगी जिसमें आईएफडब्लूजे के चुनाव कार्यक्रम को निर्धारित किया जाएगा। तब तक श्री बीवी मल्लिकार्जुनैय्या आईएफडब्लूजे के अध्यक्ष के रुप में कार्यरत रहेगे।
आईएफडब्लूजे की वर्किंग कमेटी ने विगत तीन दशकों में गैरकानूनी तरीके से संगठन के नाम पर हड़पे गए पैसों की वसूली के लिए विधिक कारवाई शुरु करने का भी फैसला किया है।
सधन्यवाद
सदैव आपका
परमानंद पांडे
प्रधान महासचिव, आईएफडब्लूजे
सभी वर्किंग कमेटी सदस्य, राष्ट्रीय परिषद के सदस्यगण, समस्त प्रदेशों के अध्यक्ष व महामंत्री और आईएफडब्लूजे के सम्मानित सदस्यों,
प्रिय साथियों,
आईएफडब्लूजे संविधान की धारा 53 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए संगठन की वर्किंग कमेटी ने बीवी मल्लिकार्जुनैय्या को इंडियन फेडरेशन अफ वर्किंग जर्नलिस्ट का अंतरिम अध्यक्ष चुना है। के विक्रम राव को हटाए जाने के चलते बीवी मल्लिकार्जुनैय्या का चुनावआवश्यक हो गया था।
इससे पूर्व के विक्रम राव को आईएफडब्लूजे के सचिव (उतर क्षेत्र) श्री हेमंत तिवारी ने 22 दिसंबर, 2015 को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि वह किसी तरह का स्पष्टीकरण देने में विफल रहे। एसा माना जा रहा है कि उनके पास देने के लिए कोई स्पष्टीकरण न हो और वर्किंग कमेटी के पास न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत का पालन करने के बाद भी उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने और मल्लिकार्जुनैय्या को अंतरिम अध्यक्ष चुनने के अलावा कोई विकल्प नही था।
श्री मल्लिकार्जुनैय्या कन्नड़ पत्रकारिता का एक जाना माना नाम है। वह लंबे समय तक केयूडब्लूजे के अध्यक्ष रहे और उन्होंने कनार्टक में आईएफडब्लूजे के कई सम्मेलन आयोजित किए हैं। अभी उनके पास आईएफडब्लूजे के वरिष्ठ उपाध्यक्ष का पद था। कई देशों की यात्रा कर चुके, विद्वान, सुसंस्कृत, निष्ठावान, ट्रेड यूनियन राजनिति के माहिर और कुशल संगठनकर्त्ता श्री मल्लिकार्जुनैय्या की इस पद पर चुने जाने से निसंदेह संगठन को नयी ऊर्जा मिलेगी।
श्री मल्लिकार्जुनैय्या ने आईएफडब्लूजे के चुनावों के तुरंत बाद होने वाले प्रतिनिधि सत्र तक के लिए अधोहस्ताक्षरी को प्रधान महासचिव पद पर कार्य करने की अनुमति दी है।
गौरतलब है कि श्री विक्रम राव को अनगिनत फरजीवाड़े करने और अपना चुनाव विधिसम्मत तरीके से न कराने व अध्यक्ष पर गैर कानूनी व मनमाने तरीके से तीन दशक से ज्यादा समय से काबिज रहने के आरोप सही साबित हुए हैं।
विक्रम राव को राष्ट्रीय व अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर व कई मंचो पर आईएफडब्लूजे को अपमानित करने व नीचा दिखाने का जिम्मेदार पाया गया है। आप सभी को मालूम है कि विक्रम राव की धोखाधड़ी, फरजीवाड़े, ठगी के चलते इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन आफ जर्नलिस्ट (आईओजे) ने आईएफडब्लूजे को बाहर निकाल दिया था। विक्रम राव ने आईओजे की ओर से बेरोजगार व प्रताड़ित पत्रकारों की मदद के लिए दी गयी प्रिंटिंग प्रेस को अपने निजी व्यवसाय के लिए इस्तेमाल कर 100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि कमायी। विक्रम राव का पुत्र उक्त प्रिंटिंग मशीन को अपने व्यवसाय में इस्तेमाल करता रहा है।
इसके अलावा विक्रम राव ने पत्रकारों को विदेश यात्राएं कराने के नाम पर लाखों रुपये और सम्मेलनों में ली जाने वाली कैंप फीस जो करोड़ों में है, को भी हड़प कर लिया है। यह सिलसिला बरसों से चला आ रहा था।
साथियों जल्दी ही वर्किंग कमेटी के वृहत स्वरुप में एक बैठक उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में होगी जिसमें आईएफडब्लूजे के चुनाव कार्यक्रम को निर्धारित किया जाएगा। तब तक श्री बीवी मल्लिकार्जुनैय्या आईएफडब्लूजे के अध्यक्ष के रुप में कार्यरत रहेगे।
आईएफडब्लूजे की वर्किंग कमेटी ने विगत तीन दशकों में गैरकानूनी तरीके से संगठन के नाम पर हड़पे गए पैसों की वसूली के लिए विधिक कारवाई शुरु करने का भी फैसला किया है।
सधन्यवाद
सदैव आपका
परमानंद पांडे
प्रधान महासचिव, आईएफडब्लूजे