कुलभूषण जाधव की जल्द फांसी के लिए पाक ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिक (फाइल फोटो)
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान किसी भी कीमत पर कुलभूषण जाधव मुद्दे पर पीछे हटने के मूड में नहीं है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की जेल में बंद भारत के कुलभूषण जाधव को फौरन फांसी देने की मांग पाकिस्तान में उठ रही है. इस संबंध में एक याचिका पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है.
पाक ने सुप्रीम कोर्ट में जाधव की फांसी से संबधित एक याचिका दायर की है. याचिका में जाधव की फौरन फांसी की मांग की गई है. पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो यह याचिका मुजामिल अली नाम के एक वकील की है.
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि पाकिस्तान के नागरिकों को ऐसे लोगों से बदला लेने का अधिकार है, जो उनके देश के खिलाफ साजिश रचते हैं. याचिका में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि पाकिस्तान वियना संधि की शर्तें मानने के लिए विवश नहीं है.
पाकिस्तानी वकील मुजामिल अली ने पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को ये आदेश दे कि जाधव मामले में वह कानून के तहत जल्द से जल्द निर्णय ले. साथ ही मांग की गई कि जाधव को जल्द से जल्द फांसी दी जाए अगर उसकी सजा को कोर्ट उम्रकैद में तब्दील नहीं करती.
गौरतलब हो कि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. उसे पाकिस्तान की सरकार की ओर से न तो कोई कानूनी मदद दी जा रही है और न ही उसके बारे में कोई सूचना उसके परिवार को दी जा रही है. जाधव से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है.
पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव एक भारतीय जासूस है जिसे पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. जबकि भारत जाधव को भारतीय नौसेना का पूर्व अधिकारी बता रहा है जिसे ईरान से गिरफ्तार किया गया.
पाक की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है. भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था. इंडियन नेवी से रिटायरमेंट के बाद वे ईरान में बिजनेस कर रहे थे.
हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से 3 मार्च 2016 को अरेस्ट किया गया था. पाकिस्तान ने जाधव पर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने और जासूसी का आरोप लगाया है.
इंटरनेशनल कोर्ट में भारत की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने 8 मई को पिटीशन दायर की थी. भारत ने यह मांग की थी कि भारत के पक्ष की मेरिट जांचने से पहले जाधव की फांसी पर रोक लगाई जाए.