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नई दिल्ली। देश के अगले राष्ट्रपति के चुनाव का बिगुल फुंक चुका है, चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर दी है, इस घोषणा के बाद से ही तमाम दलों ने इसके लिए अपनी कवायदें तेज कर दी है।
एक तरफ जहां कांग्रेस तमाम सहयोगी दलों और छोटे दलों को अपनी ओर करने में जुटी है तो दूसरी तरफ भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ उन विकल्पों को साथ लाने में अपनी ताकत झोंक रही है जो उसके कम पड़ रहे नंबर को पूरा कर सके।
तमाम नामों को लेकर चर्चा
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 जुलाई की तारीख घोषित की है, राष्ट्रपति चुनाव के मतदान की गतगणना की तारीफ 20 जुलाई है, ऐसे में देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इसका फैसला 20 जुलाई को हो जाएगा। लेकिन इन सबके बीच जो दिलचस्प बात है वह यह कि सत्ता पक्ष और विपक्ष अभी तक किसी एक नाम को लेकर आम सहमति नहीं बना पाया है, दोनों ही गुटों में अभी तक उम्मीदवार के नाम पर मंथन चल रहा है।
भाजपा में शुरु हुआ मंथन
भाजपा की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जो उम्मीदवार सबसे आगे हैं उसमें द्रौपदी मुरमू, सुषमा स्वराज, थावर चंद गहलोत और वेंकैया नायडू सबसे आगे हैं। हालांकि भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वह राष्ट्रपति चुनाव में पर्याप्त नंबर हासिल कर लेगी और अगला राष्ट्रपति उसकी ही पसंद का होगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि वह अन्य दलों के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। हालांकि उन्होंने अभी तक इस बात की ओर इशारा नहीं किया है कि यह उम्मीदवार आपसी सहमति का होगा या नहीं। लेकिन माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए भाजपा एक ऐसे उम्मीदवार को आगे लाना चाहेगी जिसपर आम राय बन सके।
शक्ति प्रदर्शन
राष्ट्रपति चुनाव इस बात की वजह से भी काफी अहम हो गया है क्योंकि जो भी इस चुनाव में जो गुट जीत दर्ज करेगा वह अपनी ताकत को और मजबूत करेगा। गुजरात और कर्नाटक में होने वाले चुनाव के मद्देनजर भी यह चुनाव काफी अहम है, लिहाजा दोनों ही गुट राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करके शक्ति प्रदर्शन करने की भी कोशिश करेंगे। अभी तक के हालात पर नजर डालें तो भाजपा में चार नामों को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पार्टी किसी चौंकाने वाले नाम के साथ सामने आ सकती है।
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द्रौपदी मुरमू
सूत्रों से पता चला है कि जिन चार नामों को लेकर चर्चा चल रही है वह द्रौपदी मुरमू, सुषमा स्वराज, थावर चंद गहलोत और वेंकैया नायडू सबसे आगे हैं। द्रौपदी मुरमू मौजूदा समय में झारखंड की राज्यपाल है और उनके पास तकरीब दो दशक की राजनीति का अनुभव है। अगर वह देश की अगली राष्ट्रपति बनती हैं तो आदिवासी जाति की वह पहली राष्ट्रपति होंगी।
थावर चंद गहलोत
थावर चंद गहलोत का जन्म 18 मई 1948 को हुआ था और वह मौजूदा समय में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण णंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं। वह राज्यसभा सांसद हैं, ,उन्हें पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा है। इससे पहले वह लोकसभा में शाजपुर से 1996, 2009 में सांसद थे।
सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज को एक कद्दावर नेता के तौर पर जाना जाता है और वह सोशल मीडिया पर जिस तरह से लोगों की समस्याओं को मानवीय संवेदनाओं के आधार पर सुलझाती है उसे लेकर वह अक्सर चर्चा में रहती हैं। ऐसे में अगर भाजपा सुषमा स्वराज के नाम के साथ आगे आती है तो मुमकिन है कि उनके नाम पर सभी दल एकजुट हो जाए और उन्हें अपना समर्थन दे। इसके अलावा इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बिगड़ते स्वास्थ्य की वजह से विदेश मंत्रालय का जिम्मा छोड़ दें।
वेंकैया नायडू
वेंकैया नायडू के नाम को लेकर अभी तक किसी भी तरह की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तमाम सूत्रों की मानें तो कई शीर्ष नेताओं ने उनकी ओर इशारा किया है, हालांकि उन्हें राष्ट्रपति की बजाए उपराष्ट्रपति पद का दावेदार माना जा रहा है। भाजपा उन्हें इस वजह से भी उपराष्ट्रपति के पद पर चुनना चाहेगी ताकि वह राज्यसभा में पार्टी के लिए मददगार साबित हो सके। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर आगे करके सबको चौंका दे।
राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम
नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख- 14 जून 2017
नामांकन की आखिरी तारीख- 28 जून
आवेदकों की समीक्षा- 29 जून
नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख- 1 जुलाई
चुनाव की तारीख- 17 जुलाई सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
मतगणना का दिन - 20 जुलाई।