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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इंदौर में महाजनसंपर्क अभियान के तहत कार्यकर्ताओ में नई ऊर्जा भरने की कोशिश की। इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 के दशहरा मैदान पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में ना सिर्फ उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार की उपलब्धियां गिनाई बल्कि कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा।
उनके बोल अचानक बिगड़ गए और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राक्षस की संख्या दे दीl शाह ने इंदौर में खुद को भाग्यशाली बताया और कहा कि वो पहले ऐसे राष्ट्रीय अध्यक्ष जिन्होंने देश और सभी राज्यो में एक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया है।शाह ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा वे हमसे चार साल का हिसाब पूछते हैं। पहले आप तो अपनी चार पीढ़ियों का हिसाब दो। शाह ने कमलनाथ को चैलेंज किया कि विकास पर बहस करें।
मेरे युवा मोर्चा का कार्यकर्ता ही आपसे बहस कर लेगा। वही उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भारत के सफलतम मुख्यमंत्रियों में से एक बताया और कार्यकर्ताओं से उन्हें और बीजेपी को विजय दिलाने की अपील की। उन्होंने कार्यकर्ताओ की महत्ता बताते हुए कहा कि बूथ पर खड़ा हुआ कार्यकर्ता चुनाव जिताता है ना कि मंत्री, विधायक या सीएम।
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कांग्रेस के पास राजा, महाराजा और उद्योगपति है लेकिन बीजेपी के पास पिछड़ा और गरीब नेता शिवराज हैIउन्होंने कांग्रेस और बीजेपी की प्रदेश सरकार की तुलना करते हुए कहा कि सिंचाई, सड़क, बिजली, शिशु मृत्यु दर में कमी, कृषि उत्पादन और माध्यमिक शिक्षा के लिहाज से बीजेपी सरकार को बेहतर बताया। वही उन्होंने कहा कांग्रेस जातिगत मुद्दों पर चुनाव लड़ती है जबकि विकास और जातिवाद के मुद्दे पर विकास दो कदम आगे ही रहता है।
वही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के विकास कार्यो के साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक और घुसपैठियो को देश से बाहर निकालने के कदम को बेहतर बताया वही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर इटालियन चश्मा पहनने का तंज कसते हुए उन्होंने अलग अलग मुद्दों पर राहुल पर निशाना साधा।
वही कार्यकर्ताओ को सिख देते हुए कहा कि वे विकास के 23 बिन्दुओ के जनता के पास ले जाने के साथ साथ ये भी बताए कि नीचे शिवराज सरकार और ऊपर मोदी सरकार है जो मणिकंचन योग है ऐसे में विकास ही प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा देश के 70 प्रतिशत भूभाग पर भगवा लहरा रहा है
ऐसे में कार्यकर्ता संकल्प ले कि मध्यप्रदेश में ना सिर्फ विजय होनी चाहिए बल्कि प्रचंड विजयी होनी चाहिए ताकि जब चुनाव परिणाम आये तो राजा, महाराजा और उद्योगपति के दिल दहल जाए।