Union Minister Thavarchand Gehlot |
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा । औद्योगिक नगर नागदा जिला उज्जैन के थावरचंद गेहलोत को एक बार पुन: केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। गेहलोत किसी समय वर्ष 1962-66 के अंतराल में ग्रेसिम उद्योग में मजदूर के पद पर कार्यरत्त थे। ग्रेसिम उद्योग में एक आंदोलन में भाग लेने पर उन्हे नौकरी से निकाल दिया गया था। बाद में तंगहाली में जीवन गुजारा। यहां तक कि सायकल का पंचर जोडक़र रोजी रोटी कमाई। बाद में राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। लगातार आगे कदम बढ़ाते गए।गांव रुपेटा में रामलाल गेहलोत के यहां 18 मई 1948 को उनका जन्म हुआ। विक्रम विश्व विद्यालय उज्जैन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। गेहलोत के राजनीतिक अतीत को देखा जाए तो वर्ष 1962 से 77 तक भारतीय जनसंघ में सक्रिय भागीदारी की। बिरलाग्राम क्षेत्र में बचपन से ही आरएसएस की शाखा में जाना शुरू किया। विधायक व सांसद के अलावा संगठन में कई महत्तपूर्ण पद पर रहे। वर्ष 1977 से 80 के बीच भारतीय जनता पार्टी उज्जैन के उपाध्यक्ष तथा महासचिव बने। भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी वर्ष 1983 में निभाई।
थावरचंद गेहलोत वर्ष 2002 से 04 तक भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भी रहे। वर्ष 2004 से 06 तक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर दायित्व निभाई। वर्ष 2006से 2014 तक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी निभाई। वर्ष 2006 से अभी तक भाजपा संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य है। विधायी एवं संसदीय दायित्व भी कई बार निभाए। जीवन में विधानसभा का पहला चुनाव वर्ष 1980 में रतलाम जिले की आलोट तहसील से लड़ा और विजय हुए। इस सीट पर वे 1996 तक तीन बार विधायक बने। इस दौरान 19 मार्च 1996 को उत्कृष्ट विधायक का अवार्ड भी मिला।
वर्ष 1990-92 में उन्हें मप्र शासन में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली। लोकसभा का पहला चुनाव शाजापुर-देवास क्षेत्र से लड़ा और सांसद बने। इस क्षेत्र से चार बार सांसद का दायित्व निभाया। वर्ष 1998 और 2007 में संयुक्त राष्ट महासंघ न्यूयॉर्क अमेरिका में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रुप में भाग लिया। इसी प्रकार संयुक्त राष्ट महासंघ में भारत के सरकार के प्रतिनिधि के रूप में हिंदी में संबोधन दिया। मोदी मंत्री मंडल में पहली बार राज्यसभा से वर्ष 2014 मेें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का दायित्व निभाया। अब उन्हें पुनः केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है।