फर्जी वेबसाइट्स घोटाला : जनसंपर्क विभाग के पीएस संजय शुक्ला व आयुक्त पी. नरहरि को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस |
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फर्जी वेबसाइट्स को करोड़ों रुपए के विज्ञापन देने का मामला, सुनवाई 28 फरवरी को
जबलपुर। फर्जी न्यूज वेबसाइट्स को करोड़ों रुपए के विज्ञापन देने से संबंधित अवमानना मामले पर हाईकोर्ट ने जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला और आयुक्त पी नरहरि को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की एकलपीठ ने मामले पर जवाब पेश करने का समय देकर अगली सुनवाई 28 फरवरी 2020 को निर्धारित की है।
ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन (आइसना) के प्रांताध्यक्ष विनोद मिश्रा की ओर से दायर इस अवमानना याचिका में आरोप है कि धांधली करके गूगल की एनालिसिस रिपोर्ट तैयार कराकर कुछ वेबसाइट्स संचालक जनसंपर्क विभाग से भारी भरकम विज्ञापन लेते हैं।
आरोप है कि विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की वेबसाइट संचालकों से साँठगाँठ है। इसकी शिकायत जनसंपर्क आयुक्त को की गई थी, लेकिन दो वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप यह भी है कि लाखों करोड़ों रुपये के होने वाले भुगतान के खिलाफ भोपाल साइबर सेल व ईओडब्ल्यू को भी शिकायतें की गईं।
लेकिन वहाँ याचिकाकर्ता के न तो बयान दर्ज हुए और न ही कोई जाँच की गई। इसके खिलाफ एक याचिका पूर्व में हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिस पर 27 अगस्त 2019 को याचिकाकर्ता की शिकायतों पर विधि अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई।
याचिका में जनसंपर्क विभाग के पीएस संजय शुक्ला और आयुक्त पी नरहरि को पक्षकार बनाया गया है। मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मानस वर्मा पैरवी कर रहे हैं।
जनसंपर्क विभाग के पीएस संजय शुक्ला और आयुक्त पी नरहरि को अवमानना नोटिस
फर्जी वेबसाइट प्रकरण में प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क को दिये थे हाईकोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश
जबलपुर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीपति श्री विशाल धागट जी ने 27 अगस्त2019 को मध्यप्रदेश में जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत होने वाले फर्जी वेबसाइट घोटाले के मामले में आज प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं आयुक्त जनसंपर्क को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे ।
जनसंपर्क विभाग मध्य प्रदेश कई वर्षों से फर्जी वेबसाइट घोटाले के मामले में चर्चित है। विगत 2 वर्षों से फर्जी वेबसाइट को फायदा पहुंचाने के लिए आंख बंद करके विज्ञापन बांटने के खिलाफ 2017 में 'ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" ( आइसना ) के प्रांतीय अध्यक्ष श्री विनोद मिश्रा में 07 फरवरी 2017 ज्ञापन सौंपकर शिकायत की थी फर्जी तरीके से गूगल एनालिसिस रिपोर्ट तैयार कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर विज्ञापन प्राप्त करने हेतु कई वेबसाइट संचालक फर्जी अवैध रूप से विज्ञापन प्राप्त कर रहे थे।
यही शिकायत मध्यप्रदेश के एक अन्य पत्रकार संगठन के द्वारा आयुक्त जनसंपर्क को शिकायत प्रेषित की थी शिकायत होने के पश्चात करीब 2 वर्ष बीत गये। परंतु जनसंपर्क विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि उन लोगों को संरक्षण देकर फर्जी वेबसाइट में दिए गए विज्ञापन के भुगतान भी समय-समय पर कर देंगे।
फर्जी वेबसाइट घोटाले की शिकायत संगठन के अध्यक्ष श्री विनोद मिश्रा ने भोपाल सायबर सेल के पुलिस अधीक्षक और भोपाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस अधीक्षक को की थी, उक्त शिकायत में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ आज दिनांक तक शिकायतकर्ता के किसी भी प्रकार की कोई बयान दर्ज नहीं की ना इस प्रकार में किसी प्रकार की जांच आरंभ की । वहीं उक्त प्रकरण में साइबर थाना भोपाल द्वारा जांच की गई जिस पर जनसंपर्क विभाग द्वारा फर्जी वेबसाइट संचालकों को बचाने का भरपूर प्रयास किया, साइबर थाने ने अपनी जांच में पाया कि उक्त प्रकरण में 420 467 468 एवं 120 बी के तहत अपराध किए गए हैं वहीं अभियोजन पक्ष ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है कि जनसंपर्क विभाग की भूमिका संदिग्ध है इसलिए विभाग से संबंधित अधिकारियो और कर्मचारियों और वेबसाइट संचालकों की संदिग्ध भूमिका है सांठगांठ है। इस सांठगांठ का सरकार को प्रतिमाह लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
उक्त प्रकरण में जांच में समय लगने और जनसंपर्क विभाग द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने के कारण पत्रकार संगठन को माननीय हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा । इस मामले में 'ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" ( आइसना ) प्रदेश अध्यक्ष विनोद मिश्रा ने फर्जी वेबसाइट के मामले में एक याचिका प्रस्तुत की जिस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीपति श्री विशाल धागट जी ने आज दिनांक 27 अगस्त 2019 को अपने आदेश में प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं आयुक्त जनसंपर्क को शिकायत की जांच कर निराकरण करने के निर्देश दिए है।
फर्जी वेबसाइट घोटाले में याचिकाकर्ता विनोद मिश्रा के के एडवोकेट श्री मानसमणि वर्मा जी ने माननीय न्यायालय से उक्त प्रकरण में अविलंब जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया, याचिका में फर्जी वेबसाइट संचालकों में कथित अवधेश भार्गव की मुख्य भूमिका है इनके साथ ही अन्य आरोपी अवनीश कुमार भार्गव, जितेंद्र भार्गव, संजय रायजादा, प्रदीप तिवारी, निशांत तिवारी, प्रशांत तिवारी, कल्पना शर्मा, राकेश शर्मा, के के पियासी, वैशाली डुमने, रवि चटर्जी, सुबोध, कार्तिक, सतीश सिंह, जय कुमार शर्मा, एनडब्ल्यून्यूज़डॉटकॉम वेब डेवलपर नर्सिंग सेगर याचिका में आरोपी शामिल है।
फर्जी 70 बेबसाइट्स संचालकों ने सरकार को करोड़ों की चपत लगाई
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आइसना के प्रांतीय अध्यक्ष और भोपाल निवासी विनोद मिश्रा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उन्होंने 7 फरवरी 2017 को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की थी कि फर्जी तरीके से एनालिसिस रिपोर्ट तैयार कर कई फर्जी वेबसाइट्स के संचालक विज्ञापन प्राप्त कर रहे है। दो साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं इस मामले में भोपाल सायबर सेल के पुलिस अधीक्षक और भोपाल आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस अधीक्षक को भी शिकायत की गई थी।
सायबर सेल पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि इस मामले में धारा 420, 467, 468 और 120 बी के तहत अपराध किए गए है, लेकिन आईटी एक्ट का उल्लघंन नहीं माना गया। अधिवक्ता मानस मणि वर्मा ने तर्क दिया कि फर्जी बेबसाइट्स संचालकों ने सरकार को करोड़ों की चपत लगाई है। इस मामले में प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त को निर्देश दिया कि फर्जी वेबसाइट्स की जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई की जाए।
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