छात्राओं के अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में पंजाब पुलिस ने दबोचा आरोपी
मोहाली प्रकरण में जवान गिरफ्तार, अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में पंजाब पुलिस ने दबोचा आरोपी
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में आपत्तिजनक वीडियो मामले में कोर्ट ने लड़की समेत चारों आरोपियों को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. एमएमएस मामले में पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश से सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया है
पंजाब के मोहाली जिला में स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूआं (सीयू) में छात्राओं के अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में पंजाब पुलिस ने असम से सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया है। पंजाब पुलिस के डायरैक्टर जनरल गौरव यादव ने यहां बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मामले में चौथी गिरफ्तारी करते हुए पंजाब पुलिस ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में तैनात एक फौजी जवान को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए मुलजिम की पहचान संजीव सिंह के तौर पर हुई है,
आरोपी छात्रा को ब्लैकमेल कर रहा था सेना का जवान
सेना के जवान संजीव सिंह को पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश से दबोचा. फिर उसे मोहाली की एक अदालत में पेश किया गया. डीजीपी ने ट्वीट कर बताया था कि सेना, असम और अरुणाचल प्रदेश पुलिस के सहयोग से चंडीगढ़ विश्वविद्यालय मामले में अहम खुलासा और आरोपी सैन्यकर्मी संजीव सिंह को सेला दर्रे से गिरफ्तार किया गया. डीजीपी ने उस समय बताया था सेना का जवान आरोपी छात्रा को ब्लैकमेल कर रहा था.
भारतीय सेना ऐसे कृत्य को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती
दिल्ली में सेना के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना ऐसे कृत्य को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती और जांच में अपना पूरा सहयोग देना जारी रखेगी. सेना के अधिकारी ने कहा, पुलिस प्रशासन से सूचना मिलने के तुरंत बाद से ही सैन्यकर्मी की गिरफ्तारी के लिए पंजाब और अरुणाचल प्रदेश पुलिस को हरसंभव सहयोग मुहैया कराया था.
क्या है मामला
17 सितंबर को आरोपी छात्रा को अन्य छात्राओं ने वीडियो बनाते देखा, जिसकी शिकायत हॉस्टल वार्डन से की गयी. लेकिन आरोपी है कि वार्डर ने मामले को दबा दिया. देर रात अफवाह फैली की छात्रा ने 60 से अधिक लड़कियों का वीडियो बनाया है और उसे लीक कर दिया गया. उसके बाद एक और अफवाह फैली की कुछ छात्राओं ने खुदकुशी कर ली. उसमें बाद पंजाब के मोहाली स्थित विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ था कि छात्रावास के साझा स्नानघर में छात्राओं के कई आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किये गये थे. कुछ छात्रों ने दावा किया था कि वीडियो लीक हो गए थे. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन आरोपों को झूठा और निराधार बताकर खारिज कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने पहले एक छात्रा को और हिमाचल प्रदेश से दो अन्य पुरुषों को गिरफ्तार किया था.