पत्रकार कल्पेश याग्निक को दुष्कर्म में फंसाने की धमकी दे रही थी सलोनी |
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इंदौर। वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने पत्रकार सलोनी अरोरा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।
याग्निक से पांच करोड़ रुपये की मांग पूरी नहीं किए जाने पर सलोनी दुष्कर्म के केस में फंसाने की धमकियां देती थी। कॉल अटेंड नहीं करने पर यूट्यूब पर अपलोड सेक्स स्कैंडल की वीडियो-ऑडियो की लिंक व्हाट्सएप कर मानसिक दबाव बनाती थी। यह पर्दाफाश एमआइजी पुलिस की जांच में हुआ है। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की कड़िया जोड़ लीं और परिजनों के बयान के बाद शुक्रवार को सलोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
55 वर्षीय कल्पेश याग्निक ने 13 जुलाई को एबी रोड स्थित कार्यालय की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। गुरुवार देर रात भाई नीरज याग्निक के बयान दर्ज करवाए गए। उन्होंने बताया कि उनके भाई ने पत्रकार सलोनी अरोरा के कारण आत्महत्या की है। वह उनसे पांच करोड़ की मांग कर ब्लैकमेल कर रही थी।
सलोनी ने याग्निक से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली और उसका एक हिस्सा वायरल कर दिया था। सलोनी ने "कल्पेश याग्निक स्कैंडल" के नाम से यूट्यूब पर लिंक तैयार की और उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज कर कहा कि उनके बीच हुई बातचीत के ऑडियो अपलोड कर बदनाम कर देगी। कल्पेश सलोनी से मिल रही धमकियों को बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्होंने खुदकशी कर ली।
मौत के पहले सौंपे पत्र को पुलिस ने सुसाइड नोट माना
डीआइजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक याग्निक ने मौत के कुछ दिनों पूर्व एडीजी अजय शर्मा को छह पन्ने का सूचना पत्र दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि सलोनी उनके खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवा सकती है। सलोनी द्वारा शिकायत करने पर उनका भी पक्ष सुना जाए।
उनके सहयोगी द्वारा अंग्रेजी में टाइप किए गए पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि सलोनी पांच करोड़ की मांग कर ब्लैकमेल कर रही है। पत्र में इस बात का भी जिक्र था कि सलोनी को प्रबंधन ने नौकरी से हटा दिया है। वह दोबारा नौकरी पर रखने की मांग कर दबाव बना रही है।
डीआइजी के मुताबिक उन्होंने उस वक्त सलोनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं की, बल्कि सूचना मात्र दी थी। हालांकि अब पुलिस ने इस पत्र को सुसाइड नोट मानकर जांच में शामिल कर लिया है।
पुलिस ने खुद जोड़ी ब्लैकमेलिंग की कड़ियां
याग्निक की मौत के बाद भाई नीरज ने पोस्टमार्टम की मांग की, जिसमें मल्टीपल इंजूरी की रिपोर्ट मिली। घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच में तीसरी मंजिल स्थित एसी के कंप्रेसर पर जूते का निशान मिल गया। संस्थान के एक कर्मचारी ने डीआइजी को गुप्त सूचना दी और कहा कि उसने खुद लैपटॉप में पत्र टाइप किया था। उनकी मौत सामान्य नहीं है। उन्होंने कूदकर आत्महत्या की है। पुलिस ने साथी, गार्ड और ऑफिस के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए और सलोनी अरोरा से मिल रही धमकियों और तनाव की कड़ियां जुड़ती चली गईं।
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