बैतूल : सत्ताधारी भाजपा पार्टी के सासंद और विधायकों ने विकास करवाया नहीं चुनाव आते ही बौखलाये, विपक्ष पर मढ़ रहे दोष |
- जिन रास्तो पर पैदल चलना मुश्कील था, वे रास्ते भी तो आपके शासन की ही देन है !
- सबसे अधिक सासंद और विधायक स्वंय की भाजपा पार्टी के उसके बाद भी दोषारोपण न्यायोचित !!
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बैतूल से रामकिशोर पवार की रिपोर्ट
बैतूल, बैतूल जिला मुख्यालय के भाजपा विधायक एवं पूर्व सासंद हेमंत विजय कुमार खण्डेलवाल अपने ही बयानो एवं दांवो के चलते स्वंय के मकडज़ाल में बुरी तरह फंस गए है। हाल ही में भाजपा कार्यालय से उनकी बयान रीलिज किया गया जिसमें कहा गया कि बैतूल विधानसभा क्षेत्र के जिन सुदूर ग्रामों के रास्तों पर पैदल चलना मुश्किल था वहां बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने न केवल पक्की सड़कों का निर्माण शुरू किया बल्कि ग्रामीण अंचल हाईवे से भी जोडऩे का काम किया है।
बीते गुरूवार को क्षेत्रीय विधायक हेमंत खंडेलवाल ने बैतूल विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में 14.37 करोड़ रूपए की लागत की 23.61 किमी लंबी सात सड़कों के निर्माण के लिए भूमिपूजन कर आधा शिला रखी। आजादी के बाद पक्की सड़कों की सौगात मिलने से उत्साहित ग्रामीणों ने ढोल-ढमाकों,आतिशबाजी के साथ विधायक श्री खंडेलवाल का गर्मजोशी से स्वागत किया। बुंडाला, सोहागपुर, नागझीरी, खरपड़ा सहित अन्य ग्रामों में सड़कों के भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बैतूल विधायक ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना और गांव-गांव को पक्की सड़कों से जोडऩा उनका लक्ष्य है।
जिसके लिए वे सतत काम कर रहे है। बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि सड़क एवं पानी को विकास का मुख्य आधार माना जाता है। इसलिए वे विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक ग्रामों में पेयजल,सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता एवं पक्की सड़कों के निर्माण के लिए लगातार कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षो के दौरान बैतूल विधानसभा क्षेत्र सहित समूचे जिले में जितने जलाशय एवं पक्की सड़के स्वीकृत हुई उतनी बीते 50 वर्षो में नहीं हुई है। बैतूल विधायक ने कहा कि ग्रामीण अंचलों विशेषकर आदिवासी बाहुल्य इलाकों का चँहूमुखी विकास के लिए काम करने में उन्हें ज्यादा खुशी मिलती है।
उन्होंने कहा कि वे प्रत्येक ग्राम में खुशहाली एवं प्रत्येक ग्रामीण के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए रात दिन काम कर रहे है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जितने विकास कार्य किए उतने बीते 50 सालों में नहीं हुए है। बैतूल विधायक ने कहा कि पेयजल,सिंचाई,सड़कों के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार गरीबों के उत्थान के क्षेत्र में भी जिले में ऐतिहासिक विकास कार्य करवाये गये है। उन्होंने बताया कि मप्र का पहला मॉडल स्कूल समेकित विद्यालय बैतूलबाजार में शुरू हुआ है। जिसमें बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ ही खेलए व्यवसायिकए जीवन कौशल का प्रशिक्षण भी मिलेगा। बैतूल विधानसभा क्षेत्र के पक्की सड़क विहीन सुदूर ग्रामीण अंचलों में 14.37 करोड़ रूपए की लागत की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत चार एवं लोक निर्माण विभाग के तहत तीन सड़कों के निर्माण का भूमिपूजन किया। लगभग 23.61 किमी सड़कों के निर्माण से एक दर्जन से अधिक ग्रामों के ग्रामीण के लिए आवागमन की सुविधा सुलभ हो जाएगी।
विधायक श्री खंडेलवाल ने बारव्ही से जगधर, कन्हडग़ांव से कोहपान, बारव्ही से डोडरा मोहाड़, एनएच 69 आरूल से बुंडाला मलकापुर प्रधानमंत्री सड़कों तथा अर्जुनवाड़ी से खरपड़ा, सोहागपुर से जैतपुरा, रौंधा से नागझीरी लोक निर्माण विभाग की सड़कों का भूमिपूजन कर आधारशिला रखी। जिला मुख्यालय के लगभग 25 किमी दूर बैतूल विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य नागझीरी के बाशिन्दे क्षेत्र में हो रहे विकास से फूले नहीं समा रहे है। नागझीरी निवासी एवं ग्राम पंचायत थावड़ी की सरपंच श्रीमति दुर्गा बाई पाटनकर के पति रामकिशोर पाटनकर (जिन पर ग्रामिणो का आरोप है कि वे स्वंय पत्नि की आड़ में पूरी ग्राम पंचायत चलाते है) बताते है कि आजादी के बाद पहली बार उनके गांव में पक्की सड़क और जलाशय का निर्माण हो रहा है।
जिससे ग्रामीण खासे खुश है लेकिन रामकिशोर पाटनकर यह नही बता पा रहे है कि उनकी पत्नि के सरंपची कार्याकाल में ग्राम पंचायती थावड़ी में कितने कार्य किए गए है ! मजेदार बात तो यह रही कि बैतूल से खण्डेलवाल परिवार के तीन सदस्य मंत्री / सासंद / विधायक रहने के बाद भी 1967 से लेकर 2018 तक सिर्फ उनके गांव में दो वर्ष पूर्व बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल और सांसद श्रीमति ज्योति धुर्वे आये थे। बैतूल विधायक एवं सासंद रहे हेमंत खण्डेलवाल अपने लगभग पांच पूरे होने जा रहे कार्यकाल में जब सिर्फ एक बार ही इस गांव आए तब विकास के गांव तक न पहुंचने के लिए 50 सालो को कोसना कहां तक न्याय संगत है इन 50 सालो में 7 बार 7 विधायक उनकी ही पार्टी के बैतूल से रह चुके है तथा 9 बार सासंद रह चुके है तथा वर्तमान मे भी विधायक / सासंद / सरकार उनकी ही पार्टी की है।
ऐसे में विधायक श्री खंडेलवाल ने सड़के और डेम बनाने का वादा यदि पूरा भी किया तो किस पर अहसान किया ! आजाद भारत में 1952 से लेकर आज तक सबसे अधिक बार 7 बार भाजपा के विधायक रहे जिसमें प्रदेश में तीन बार से लगातार कांग्रेस की भाजपा की सरकार होने के बाद भी उनके विधानसभा क्षेत्र के गांवो में यदि सड़के नहीं बनी तो इसके लिए सबसे अधिक दोषी कोई है तो वे स्वंय और उनका ही अपना खण्डेलवाल परिवार ही है! बैतूल विधायक के विकास के नाम पर बजाये जा रहे भोपू पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय जनता दल यू के मध्यप्रदेश राज्य इकाई के प्रदेश सचिव विनोद मालवीय ने बैतूल के विधायक एवं बैतूल जिले के सासंदो की एक सूचि जारी करते हुए बैतूल विधानसभा ही नहीं जिले के विकास के लिए दुसरो को कोसने वाले विधायक हेमंत खण्डेलवाल एवं उनके परिवार को ही कटघरे में खड़ा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
श्री मालवीय के अनुसार बैतूल एक परिवार की जागीर रहा है, एक ही परिवार ने बैतूल जिले में सबसे अधिक समय तक राज किया है। श्री मालवीय के अनुसार 1967 में गोविंद नारायण सिंह मुख्यमंत्री बने उनके मंत्री मंडल में बैतूल जिले में स्वर्गीय जीडी खण्डेलवाल जिले के सबसे पहले मंत्री बने। स्वर्गीय खण्डेलवाल 19 महीने की संविद सरकार में मंत्री बने और उसके बाद ही जिले को केन्द्र एवं प्रदेश की सरकार में प्रतिनिधित्व का मौका मिला। स्वर्गीय जीडी खण्डेलवाल के जिले के वर्तमान विधायक हेमंत खण्डेवाल के परिवार से आते है वे उनके चचेरे दादा थे। स्वर्गीय आरडी और स्व.जीडी दोनो सगे भाई थे।
इसी कड़ी में 19 महीने संविद सरकार के बाद 1980 में जनता पार्टी की प्रदेश में स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा की सरकार में बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी से जनता पार्टी के विधायक रामजीलाल उइके संसदीय सचिव (राज्यमंत्री)बने। उसके बाद स्वर्गीय रामजी महाजन, स्वर्गीय डाँ अशोक साबले तथा प्रताप सिंह उइके मंत्री बने। बैतूल जिले में जनसंघ, जनता पार्टी तथा भाजपा की सरकारे रही है। बीते 15 सालो से प्रदेश में भाजपा की सरकार है और 15 सालो से बैतूल के विधायक भी शिव प्रसाद राठौर, अलकेश आर्य, हेमंत खण्डेलवाल भाजपा के विधायक रहे है। पूर्व में स्वर्गीय माधव गोपाल नासेरी दो बार तथा स्व.जीडी खण्डेलवाल एवं श्री भगवत पटेल एक बार विधायक रहे। 1951 से 2018 तक कांग्रेस के 7 एवं भाजपा / जनता पार्टी / जनसंघ के 7 विधायक रहे है।
लगातार 15 सालो तक भाजपा के विधायक है इसके बाद भी बैतूल जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर ग्राम पंचायत थावड़ी के गांवो को सड़को से नहीं जोड़ा जा सका इसके लिए कांग्रेस को दोष देना क्या न्यायोचित होगा! मजेदार बात तो यह है कि केन्द्र में बैतूल जिले से 1977 में सुभाष आहूजा, 1989 में स्वर्गीय आरीफ बेग (केन्द्रीय मंत्री), 1996 से 2008 तक स्वर्गीय विजय कुमार खण्डेलवाल और उनके निधन के बाद 6 माह के लिए उनके पुत्र हेमंत खण्डेलवाल उप चुनाव में सासंद चुने गए। 2009 से आज दिनांक तक श्रीमति ज्योति स्वर्गीय प्रेम धुर्वे बैतूल जिले से सासंद है। कुल 15 लोकसभा चुनावो में भाजपा ने 9 बार बैतूल संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
बैतूल जिले के भाजपाई आज भी स्वर्गीय विजय कुमार खण्डेलवाल को जिले का विकास पुरूष कहते चले आ रहे है यदि विकास पुरूष के पुत्र एवं पूर्व सासंद एवं वर्तमान विधायक हेमंत खण्डेलवाल ग्राम पंचायत थावड़ी के गांवो को सड़को से नहीं जोडऩे के लिए बीते 50 वर्षो की सरकारो को दोष देते है तो वे अपने ही पिता के नाम पर लगी विकास पुरूष की पटट्ी पर प्रश्रचिन्ह लगा रहे है। बैतूल जिले में 1951 से 2018 तक 67 सालो में काग्रेंस 47 साल तथा भाजपा / जनसंघ / जनता पार्टी / लोकदल के 30 साल तक जनप्रतिनिधि रहे। इसी तरह विधानसभा के 67 सालो में 35 साल कांग्रेस के तथा 32 साल भाजपा / जनसंघ / जनता पार्टी / लोकदल के जनप्रतिनिधि रहे है। ऐसे में कहीं से कही तक उस कांग्रेस को 50 सालो के लिए दोष देना न्याय संगत नही है क्योकि केन्द्र में कहे या राज्य में उसके 50 साल तक जनप्रतिनिधि रहे ही नहीं!
बैतूल विधायक अपने संग अपने चौपहिया वाहन से जिले के कुछ नामचीन पत्रकारो को दौरा कार्यक्रम में ले जाकर स्वंय को महीमा मंडित करने का काम कर रहे है जिसके चलते उनकी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र कपूर को आगे आकर विकास पुरूष के पुत्र विकास कुमार को ही आइना दिखाना पड़ रहा है। अब समझ में यह नही आ रहा है कि बैतूल विधायक या उनका कार्यालय बैतूल जिले में किसके इशारे पर ऐसी परिस्थितियों को जन्म दे रहा है जिसमें पार्टी अध्यक्ष और विधायक सोशल मीडिया एवं प्रिंट तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया में एक दुसरे की पतलून उतारने में लगे हुए है।
जिले मे विकास यदि पगलट हो गया है तो उसे छाती से लगा कर घुमने से विकास के पगलट कीटाणू जिले में बहुँत बड़ी सक्रांमक बीमारी की स्थिति ला सकते है। ऐसी स्थिति में जब विधायक और पार्टी जिलाध्यक्ष एक दुसरे को पटखनी देने के लिए कमर कस कर मैदान में कूद पड़े हो तब जिले के विकास के लिए 50 सालो को दोष देने के बजाय अपने ही परिवार के 1967 से 2018 के कार्यकाल पर गौर कर लेना चाहिए। बैतूल जिले में परिवार और पार्टी की लड़ाई में वंशवाद भी जमकर एक दुसरे पर आरोपो एवं प्रत्यरोपो का कारण बना हुआ है। भाजपा जिलाध्यक्ष की पीड़ा है कि बैतूल विधायक के चलते ही उनके मीसाबंदी पिता का नाम जिले के मीसाबंदी की सूचि में नही आ सका है।
ऐसे में जितेन्द्र कपूर का यह तर्क अपने आप में सवालो का ऐसा कूचक्र बना रहा है जिसमें यह कहा जा रहा है कि सिर्फ अपने परिवार की महत्वाकांक्षा के चलते अपने चचेरे दादा जी स्वर्गीय जीडी खण्डेलवाल तक का नाम बैतूल की सरकारी मीसाबंदी की सूचि से गायब करवाने में बैतूल विधायक का ही हाथ है! सवाल एक बार फिर जहां का तहां पड़ा कराह रहा है कि क्या चार बार सासंद रहे बैतूल जिले के विकास पुरूष स्वर्गीय विजय कुमार स्व.रामदयाल खण्डेलवाल का स्वंय को प्रचारित किया जाने वाला विकास पुरूष का तमगा झूठा है! हम अपने पाठको के लिए यहां पर बैतूल के विधायक एवं बैतूल के सासंद की पूरी सूचि प्रकाशित कर रहे है ताकि लोग समझ सके कि 50 साल किसके है!
Year A. C. No. Assembly Constituency Name Winner Candidates Name Gender Party
- 1951 112 Betul Dipchand Gothi M INC
- 1957 110 Betul (ST) Mokhamsingh Sabsingh M INC
- 1962 206 Betul Deepchand Gothi M INC
- 1967 210 Betul G. Khandelwal M BJS
- 1972 210 Betul Maruti Narayanrao M INC
- 1977 231 Betul Madhav Gopal Naseree M IND
- 1980 231 Betul Madhev Gopal Naseri M BJP
- 1985 231 Betul Ashok Sable M INC
- 1990 231 Betul Bhagwat Patel M BJP
- 1993 231 Betul Ashok Sable M INC
- 1998 231 Betul Vinod Daga M INC
- 2003 141 Betul Shiv Prasad Rathore M BJP
- 2008 131 Betul Alkesharya M BJP
- 2013 131 Betul Hemant Vijay Khandelwal M BJP
Lok Shabha Election Member Party 1952 To 2019
- 1952 Bhikulal Lakshmichak Chandak Indian National Congress
- 1967 Narendra Kumar Salve Indian National Congress
- 1971 Narendra Kumar Salve Indian National Congress
- 1977 Subhash Chandra Ahuja Bharatiya Lok Dal
- 1980 Gufran Azam Indian National Congress (Indira)
- 1984 Aslam Sher Khan Indian National Congress
- 1989 Arif Beg Bharatiya Janata Party
- 1991 Aslam Sher Khan Indian National Congress
- 1996 Vijay Kumar Khandelwal Bharatiya Janata Party
- 1998 Vijay Kumar Khandelwal Bharatiya Janata Party
- 1999 Vijay Kumar Khandelwal Bharatiya Janata Party
- 2004 Vijay Kumar Khandelwal Bharatiya Janata Party
- 2008 Hemant Khandelwal Bharatiya Janata Party
- 2009 Jyoti Dhurve Bharatiya Janata Party
- 2014 Jyoti Dhurve Bharatiya Janata Party
- 2019 !!!!!!
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