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केंद्र सरकार ने 2014 से लेकर 2018 तक इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और अन्य मीडिया में विज्ञापनों पर कुल कितना खर्च किया, राज्यसभा में इसका पूरा ब्यौरा दिया है। सूचना-प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर अबतक विज्ञापनों पर कुल 4880 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है।
राठौड़ ने राज्यसभा में बताया कि मोदी सरकार के चार साल के दौरान प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों पर कुल 2128.33 करोड़ रुपए, ऑडियो-विजुअल मीडिया पर 2131.57 करोड़ और अन्य मीडिया माध्यमों पर 620.70 करोड़ रुपए का खर्च किए गए।
इस तरह, वित्तीय वर्ष 2017-18 में करीब 1,313.57 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यानी 2016-2017 में यह राशि करीब 1,264.26 करोड़ रुपए रही। वहीं 2015-2016 में 1,160.16 करोड़ रुपए, 2014-2015 में यह राशि 979.78 करोड़ रुपए थी।
राठौड़ ने यह भी बताया कि लोक संपर्क व संचार ब्यूरो (बीओसी) के माध्यम से उसने 2017-18 में प्रिंट माध्यम को दिए विज्ञापनों पर 636.09 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि ऑडियो-विजुअल माध्यम के जरिए 468.93 करोड़ रुपए और अन्य प्रचार माध्यमों पर 208.55 करोड़ रुपए खर्च किए गए। वहीं 2016-17 में प्रिंट माध्यम में 468.53 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए गए, जबकि ऑडियो-विजुअल माध्यम के जरिए 609.14 करोड़ रुपए और अन्य प्रचार माध्यमों पर 186.59 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
राठौड़ ने बताया कि ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन विभाग के जरिए इस दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्वच्छ भारत अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन और सांसद आदर्श ग्राम योजना पर पिछले तीस सालों में 2015-16 में 52 विज्ञापनों पर 60.9442 करोड़ रुपए, 2016-17 में 142 विज्ञापनों पर 83.2686 करोड़ और 2017-18 में 309 विज्ञापनों पर 147.96 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
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