दिल्ली में भुखमरी से एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत हुई |
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नई दिल्ली: दिल्ली के मंडावली में एक ही परिवार की तीन बच्चियों की मौत भूख से ही हुई. सूत्रों के मुताबिक, दूसरे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह भुखमरी ही बताई गई है. दूसरा पोस्टमॉर्टम जीटीबी अस्पताल में कराया गया. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कराए गए पहले पोस्टमॉर्टम में भी मौत की वजह भूख बताई गई थी.
उनके शरीर में अन्न का एक दाना भी नहीं मिला था. इधर, मामला सामने आने के बाद दिल्ली सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. एसडीएम इस मामले की पड़ताल कर रहे हैं. वहीं पुलिस अपनी अलग जांच कर रही है. इस बीच डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया आज पीड़ित परिवार के घर जाएंगे.
भूख से तीन बच्चियों की मौत पर सियासत भी शुरू हो गई है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा है कि ये घटना डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के इलाके में हुई है. आम आदमी पार्टी की सरकार में आज भी आम आदमी की भूख के कारण मौत हो रही है. शर्म करो. मनोज तिवारी भी आज पीड़ित परिवार से मिलने मंडावली भी गए. उन्होंने पीड़ित परिवार को 50 हज़ार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है, जिसमे से 10 हज़ार रुपये कैश दिए.
लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के एमएस डॉक्टर अमित सक्सेना ने एनडीटीवी से कहा कि तीनों बच्चियों का शारीरिक ढांचा ही बता रहा था कि को कुपोषण का शिकार हुई हैं. ढांचा एक मंकी की तरह हो गया था. मौत की वजह कुपोषण और भूख थी. पीएम दोबारा हुआ है तो ठीक है और डिटेल्स में हो जाएगा वो टॉक्सिक वगैरा भी देख लेंगे. ऐसे मामलों में विसरा सैंपल लेने की कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि कोई फाउल प्ले पीएम में नहीं दिखा.
भूख से तीन बच्चियों की मौत पर सियासत भी शुरू हो गई है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा है कि ये घटना डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के इलाके में हुई है. आम आदमी पार्टी की सरकार में आज भी आम आदमी की भूख के कारण मौत हो रही है. शर्म करो. मनोज तिवारी भी आज पीड़ित परिवार से मिलने मंडावली भी गए. उन्होंने पीड़ित परिवार को 50 हज़ार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है, जिसमे से 10 हज़ार रुपये कैश दिए.
लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के एमएस डॉक्टर अमित सक्सेना ने एनडीटीवी से कहा कि तीनों बच्चियों का शारीरिक ढांचा ही बता रहा था कि को कुपोषण का शिकार हुई हैं. ढांचा एक मंकी की तरह हो गया था. मौत की वजह कुपोषण और भूख थी. पीएम दोबारा हुआ है तो ठीक है और डिटेल्स में हो जाएगा वो टॉक्सिक वगैरा भी देख लेंगे. ऐसे मामलों में विसरा सैंपल लेने की कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि कोई फाउल प्ले पीएम में नहीं दिखा.
भूख से आठ साल की मानसी, चार साल की शिखा और दो साल की पारुल का शव मंडावली में एक कमरे से बरामद हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि तीनों की मौत मंगलवार को तड़के हुई और मौत की वजह है कुपोषण. बच्चियों के शव के पोस्टमार्टम में खाने का एक भी अंश नहीं मिला. डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें सात-आठ दिन से खाना नहीं मिला था.
इन बच्चियों की मां वीणा की हालत मानसिक रूप से ठीक नहीं है. उसके मुताबिक बच्चियों को कई दिन से उल्टियां आ रही थीं इसलिए खाना नहीं दिया. वीणा ने बताया कि उन्होंने (बच्चियों) कई दिन से खाना नहीं खाया था. उनको उल्टी और खांसी हो रही थी.
बच्चियों की मां वीणा.
बच्चियों के पिता मंगल सिंह बचपन में दिल्ली के होटलों में बर्तन धोते थे, फिर मजदूरी करने लगे. वे कुछ सालों से रिक्शा चला रहे थे. उनके दोस्त नारायण यादव के मुताबिक कुछ दिन पहले उनका रिक्शा चोरी हो गया तो उनके मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया, क्योंकि रिक्शा उसी का था. बीते शनिवार को नारायण ने अपने एक कमरे के घर में मंगल सिंह के परिवार को भी रख लिया.
नारायण यादव ने बताया कि जब मंगल को घर से निकाल दिया तो बारिश हो रही थी. बारिश में बच्चे कीचड़ में पड़े होंगे तो हर किसी को दया आ जाती है, फिर ये तो मेरा दोस्त था, इसलिए मैं बच्चों को अपने घर ले आया.
दिल्ली के मंडावली में स्थित वह कमरा जिसमें बच्चियां भूख के कारण मर गईं.
अपने परिवार को नारायण के यहां छोड़कर मंगल नए काम की तलाश में निकल गए और अब तक उनका पता नहीं है. इसी बीच तीनों बेटियों की मौत हो गई. पड़ोसियों के मुताबिक उन्हें अगर पता होता कि बच्चियों को खाना नहीं मिल रहा है तो वे जरूर खिलाते, लेकिन यह परिवार दो दिन पहले ही यहां आया था, इसलिए उन्हें परिवार के बारे में ज्यादा पता नहीं है.
बच्चियों की मां वीणा.
बच्चियों के पिता मंगल सिंह बचपन में दिल्ली के होटलों में बर्तन धोते थे, फिर मजदूरी करने लगे. वे कुछ सालों से रिक्शा चला रहे थे. उनके दोस्त नारायण यादव के मुताबिक कुछ दिन पहले उनका रिक्शा चोरी हो गया तो उनके मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया, क्योंकि रिक्शा उसी का था. बीते शनिवार को नारायण ने अपने एक कमरे के घर में मंगल सिंह के परिवार को भी रख लिया.
नारायण यादव ने बताया कि जब मंगल को घर से निकाल दिया तो बारिश हो रही थी. बारिश में बच्चे कीचड़ में पड़े होंगे तो हर किसी को दया आ जाती है, फिर ये तो मेरा दोस्त था, इसलिए मैं बच्चों को अपने घर ले आया.
दिल्ली के मंडावली में स्थित वह कमरा जिसमें बच्चियां भूख के कारण मर गईं.
अपने परिवार को नारायण के यहां छोड़कर मंगल नए काम की तलाश में निकल गए और अब तक उनका पता नहीं है. इसी बीच तीनों बेटियों की मौत हो गई. पड़ोसियों के मुताबिक उन्हें अगर पता होता कि बच्चियों को खाना नहीं मिल रहा है तो वे जरूर खिलाते, लेकिन यह परिवार दो दिन पहले ही यहां आया था, इसलिए उन्हें परिवार के बारे में ज्यादा पता नहीं है.
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