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भोपालl आगामी विधानसभा से पहले मप्र में जमीनी हकीकत टटोलने के लिए सर्वे कराये जा रहे है, जिसमे भाजपा विधायकों की हालत बेहद खराब है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निर्वाचन क्षेत्रों का सर्वे कर रहे हैं, वहीं बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी मतदाताओं की मनोदशा को समझने और विधायकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए लगातार सर्वेक्षण कर रहा है|
सर्वे रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आये उसने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है| भाजपा के 100 विधायकों और डेढ़ दर्जन मंत्रियों की अपने ही क्षेत्र में स्तिथि ठीक नहीं हैI
*सर्वे में 100 विधायकों की रिपोर्ट नेगेटिव*
केंद्र और राज्य स्तर पर बीजेपी द्वारा किए गए सर्वेक्षणों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 100 से ज्यादा विधायकों की चुनाव जीतने की संभावना कम है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में राज्य के कई शक्तिशाली नेताओं के नाम शामिल हैं | वहीं बीजेपी के लिए उन्हें टिकट से इनकार करना आसान नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट में कई मंत्रियों की भी हालत ख़राब है, उनके इस बार जीतने की उम्मीद कम है।कई विधायकों और मंत्रियों को अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ना पड़ सकता हैIसर्वे में क्षेत्र बदलने की सलाह दी जा रही हैIवहीं संगठन के लिए टिकट देने से इनकार करना एक बड़ी चुनौती बन गई है। पार्टी ने ऐसे विधायकों का टिकट काटने या किसी भी अन्य निर्वाचन क्षेत्र से टिकट देने पर मंथन शुरू कर दिया है। विरोध न हो इसके लिए पार्टी द्वारा यह निर्णय लिया है कि सर्वे में जिन विधायकों और मंत्रियों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, उनकी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के जरिये दी जायेगीI सूत्रों के मुताबिक सीएम शिवराज और प्रदेश चुनाव अभियान समिति के संयोजक नरेंद्र तोमर कुछ नेताओं से सीधा संवाद कर रिपोर्ट को लेकर चर्चा कर चुके हैं|
*कांग्रेस विधायकों पर भी नजर*
प्रदेश की तमाम सीटों पर कराये गए सभी सर्वे के बाद यह निश्चित है कि बीजेपी विधानसभा चुनावों के दौरान अपने उम्मीदवारों को बदलेगी। बीजेपी ने भाजपा नेताओं के अलावा कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर भी सर्वे कराया है । कई कांग्रेस विधायकों का उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विरोध है और जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ऐसी सीटों पर शक्तिशाली उम्मीदवार की तलाश में है जो पार्टी की जीत सुनिश्चित कर सके।
*डेंजर जोन में डेढ़ दर्जन मंत्री*
चौथी बार सत्ता वापसी के लिए भाजपा को कड़े फैसले लेने होंगे, क्यूंकि सरकार चलाने वाले डेढ़ दर्जन मंत्रियों की रिपोर्ट भी निगेटिव है| जो मंत्री डेंजर ज़ोन में हैं उनमे गौरीशंकर शेजवार, कुसुम मेहदाले, गौरीशंकर बिसेन, रुस्तम सिंह, उमाशंकर गुप्ता, माया सिंह, जयभान सिंह पवैया, दीपक जोशी, लाल सिंह आर्य, शरद जैन, सुरेंद्र पटवा, हर्ष सिंह, संजय पाठक, ललिता यादव, सूर्यप्रकाश मीना और जलाम सिंह पटेल के नाम सामने आये हैं। विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा की रिपोर्ट भी निगेटिव है|
*इन विधायकों की रिपोर्ट निगेटिव*
जिन विधायकों की सर्वे रिपोर्ट निगेटिव आई है उनमें ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह, सेवडा के प्रदीप अग्रवाल, भांडेर से घनश्याम पिरोनिया, श्योपुर से दुर्गलाल विजय, सबलगढ़ के मेहरबान सिंह रावत, जोरा के सूबेदार सिंह, भिंड से नरेंद्र सिंह कुशवाह, मुकेश सिंह चतुर्वेदी मेहगांव से, गुना से पन्नालाल शाक्य, चाचौड़ा से ममता मीना, सागर से शैलेंद्र जैन, बंडा से हरवंश राठौर, पृथ्वीपुर से अनीता नायक, चंदला से आरडी प्रजापति, बड़ामलहरा विधायक रेखा यादव, गुन्नौर से महेंद्र सिंह, सिरमौर दिव्यराज सिंह, सेमरिया से नीलम मिश्रा, सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य, अनूपपुर के रामलाल रौतेल, बरगी से प्रतिभा सिंह, पनागर विधायक सुशील तिवारी|
जयसिंहनगर विधायक प्रमिला सिंह, कटंगी से केडी देशमुख, गोटेगाव से कैलाश जाटव, गाडरवारा से विधायक गोविंद पटेल, चौरई से रमेश दुबे, अमला के चेतराम मानेकर, भैंसदेही के महेंद्र सिंह चौहान, विदिशा के कल्याण सिंह, भोपाल सेंट्रल से सुरेंद्र नाथ सिंह, खिलचीपुर से अमर सिंह यादव, सुसनेर से भाजपा विधायक मुरलीधर, आगर से गोपाल परमार, सोनकच्छ से राजेंद्र वर्मा, मांधाता से लोकेंद्र तोमर, पंधाना से योगिता बोरकर, शुजालपुर से जसवंत सिंह हाड़ा, पानसेमल से दीवान सिंह पटेल, अलीराजपुर से नागर सिंह चौहान, शांतिलाल बिलवाल झाबुआ से, धरमपुरी विधायक कालूसिंह ठाकुर, बदनावर से भंवर सिंह शेखावत, इंदौर -3 से उषा ठाकुर, रतलाम ग्रामीण से मथुरा लाल, सेलाना से संगीता चारेल, गरोठ से चंदरसिंह सिसौदियाI
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