Wednesday, July 19, 2017

सोशल मीडिया पर क्यों मचा है बबाल, मंगला मिश्रा की योग्यता पर सवालिया निशान

सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि मुझे ज्ञान नहीं है
सोशल मीडिया पर क्यों मचा है बबाल, मंगला मिश्रा की योग्यता पर सवालिया निशान
भोपाल,। मध्यप्रदेश माध्यम में संचालक के पद पर जमे मंगला प्रसाद मिश्रा की योगयता पर शुरू से ही सवालिया निशान लगे रहे हैं, लेकिन उन्हे एक के बाद एक पदोन्नति मिलना जाहिर करता है कि व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो व्यक्ति स्वयं स्वीकार कर चुका हो कि उसे समाचार की भाषा का पूर्ण ज्ञान नहीं है उसे मध्यप्रदेश माध्यम और जनसंपर्क जैसे विभाग में महत्वपूर्ण पर कैसे दिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 1994 में साध्वी ऋतंभरा के एक मामले में मंगला मिश्रा ने स्वयं ही सर्वोच्च न्यायालय में दिए अपने बयान में माफी मांगते हुए कहा था कि मुझे शब्दावलि का ज्ञान नहीं है, उस समय जस्टिस रामास्वामी ने मंगला मिश्रा को फटकार लगाई थी। गौरतलब है कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने मंगला मिश्रा को जनता को गुमराह करने का दोषी बनाया था।
सूत्रों की मानें तो मंगला प्रसाद मिश्रा की शैक्षणिक योग्यता जानने के लिए अब तक सैकडों आदेवन सूचना के अधिकार के तहत दिए गए लेकिन उनका उत्तर नहीं दिया गया। सूत्र बताते हैं कि मंगला मिश्रा ने अपनी एक बीए की मार्कशीट दिखाई थी, जो 78-79 की है उस मार्कशीट की सत्यता पर भी सवालिया निशान लगे हैं, यहीं नहंी कहा तो यह भी जा रहा है कि विभाग के रिकार्ड में मंगला मिश्रा की शैक्षधिक योग्यता के दस्तावेज सही नहीं हैं।
सर्विस रिकार्ड में भी लिखे हुए में काट-छांट की गई है। सूत्रों की मानें तो मंगला प्रसाद मिश्रा के पास उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय की डिग्री है, जबकि इस यूनिवर्सिटी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फर्जी विश्वविद्यालय की सूची में डाल दिया है।
मंगला मिश्रा की डिग्री को कैसे सही माना जाए। सवाल तो यहां भी खड़ा होता है कि जो व्यक्ति स्वयं को सर्वोच्च न्यायालय में अल्पज्ञानी बता रहा है उसने स्नातक में संस्कृत, अर्थशास्त्र और 'सैन्य विज्ञान' जैसे विषय में द्वितीय श्रेणी में परीक्षा कैसे उत्तीर्ण कर ली है।
अब तक जिन लोगों ने भी मंगला मिश्रा की योग्यता जानने के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिए हैं उन्हे अब तक उसकी जानकारी नहीं दी गई, जबकि राज्य सूचना आयोग ने 2014 में अपने एक आदेश में कहा था कि सरकारी रिकार्ड खो जाने या लापरवाही से नष्ट हो जाने की स्थिति में जिम्मेदार व्यक्ति पर एफआइआर दर्ज होनी चाहिए। फिर मंगला मिश्रा के मामले में इतनी नरम दिली क्यों?
सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करने वाले एक आवेदक ने नाम न छापने की बताया कि हमने मंगला मिश्रा की शैक्षणिक योग्यता जानने कई आवेदन दिए हैं लेकिन एक का भी उत्तर नहीं दिया गया। जिन्हे सूचना के अधिकार में सर्विस रिकार्ड की सत्यप्रतिलिपि दी गई है उस प्रतिलिपि में संयुक्त संचालक जनसंपर्क संचालनालय की सील तो लगी है लेकिन हस्ताक्षर नहीं हैं इससे लगता है कि मंगला मिश्रा के मामले में सब कुछ फर्जी है।

इनका कहना है

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में जो हो जाए कम है यहां अयोग्य व्यक्ति को उच्च स्थान मिल जाता है और योग्यता को दरकिनार कर दिया जाता है। सरकार की छवि बनाने वाले विभाग में ही सरकार ने यदि इस तरह की छवि वाले लोगों को उपकृत करने की परंपरा चला रखी है तो और क्या अपेक्षा की जा सकती है।
अजय सिंह
नेता प्रतिपक्ष, मप्र विधानसभा
*राष्ट्रीय हिन्दी मेल विशेष*

Tuesday, July 18, 2017

व्हाट्सएप पर फोटो भेजकर ग्राहकों को पसंद कराते थे लड़कियां, आठ गिरफ्तार



TOC NEWS 
देहरादून, पटेलनगर में तेलपुर चौक के पास एक मकान में छापा मारकर सेक्स रैकेट पकड़ा। रैकेट एक महिला चला रही थी। पुलिस ने उक्त महिला समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। 
सभी के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इसके अलावा मौके से पांच युवतियों को मुक्त कराया गया, सभी युवतियां पूर्वोत्तर राज्यों की हैं। शिमला बाईपास स्थित तेलपुर चौक के पास दीपा पत्नी रवि आनंद का मकान है। यहां पिछले कई महीने से सेक्स रैकेट चल रहा था। एक मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने यहां छापा मारा तो कई युवक-युवती आपत्तिजनक हालत में मिले।
उस वक्त मकान में दीपा के अलावा सात युवक और पांच युवतियां मौजूद थे। इंस्पेक्टर रितेश शाह ने बताया कि रैकेट का संचालन दीपा करती थी।
वहीं गिरफ्तार युवकों में से विक्टर डेनियल पुत्र जोसफ डेनियल निवासी चूना भट्ठा रायपुर रोड और विवेक पुत्र संबल सिंह निवासी गंगोह चुंगी देवबंद सहारनपुर यहां लड़कियों की सप्लाई करते थे। ये दोनों पूर्वोत्तर के राज्यों से लड़कियों को नौकरी दिलाने के बहाने दून लाते और जिस्मफरोशी में धकेल देते। ग्राहक तलाशने का काम भी ये दोनों ही करते थे।
इसके अलावा पकड़े गए सतीश पुत्र श्यामलाल निवासी रोड़ी बेलवाला दीनदयाल पार्क हरिद्वार, रजत शर्मा पुत्र विनय कुमार शर्मा बेहट सहारनपुर, मोनू पुत्र विश्वास कोहली तलहेड़ी चुंगी देवबंद सहारनपुर, कपिल उर्फ चीकू पुत्र किशनलाल दून एनक्लेव पटेलनगर और प्रवीण पुत्र बलवंत निवासी सेक्टर 23 द्वारिका कंचनजंघा अपार्टमेंट (दिल्ली) ग्राहक बताए जा रहे हैं।

बनवा रखी थी वेबसाइट

विक्टर और विवेक ने इस काले कारोबार के लिए बाकायदा वेबसाइट बनवा रखी थी। जिस पर संपर्क करने वाले ग्राहकों को व्हाट्सएप पर लड़कियों की फोटो भेजी जाती थी। लड़की पसंद आने पर रेट की बात होती, फिर उन्हें ठिकाने का पता देकर बुलाया जाता था।

होटलों में भेजते थे लड़कियां

बड़े व रसूखदार ग्राहक जो दीपा के ठिकाने पर आने से कतराते थे, उनके लिए लड़कियों को होटलों में भेजा जाता था। इसका अलग रेट वसूला जाता था। होटल बुक कराने से लेकर लड़की को वहां पहुंचाने तक का काम विक्टर और विवेक ही करते थे।

50 फीसद मिलता था लड़कियों को

लड़कियों को प्रत्येक ग्राहक से मिलने वाली रकम का आधा हिस्सा बतौर कमीशन दिया जाता था। रैकेट में कोलकाता, नेपाल, दिल्ली, असोम के साथ दून की कुछ लड़कियां भी शामिल थीं। एक रात के लिए ग्राहकों से 20 से 50 हजार रुपये तक लिए जाते थे।

आधार केस: सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बेंच करेगी फैसला, CJI करेंगे अध्यक्षता

आधार केस: सुप्रीम कोर्ट के लिए चित्र परिणाम
TOC NEWS // नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक बेंच इस बात को तय करेगा कि क्या 'राइट टु प्रिवेसी' यानी 'निजता का अधिकार' संविधान के तहत मूल अधिकार है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने मामले को 9 जजों की बेंच को रेफर कर दिया। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा कि इस मामले को अब 9 जजों की संवैधानिक बेंच सुनेगी और वह इस मामले में पहले से दिए गए दो जजमेंट को एग्जामिन करेगी। 

अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि खड़ग सिंह और एमपी शर्मा से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट की दो अलग-अलग बेंच ने कहा हुआ है कि राइट टु प्रिवेसी मौलिक अधिकार नहीं है। 1950 में 8 जजों की संवैधानिक बेंच ने एमपी शर्मा से संबंधित वाद में कहा था कि राइट टु प्रिवेसी मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं 1961 में खड़ग सिंह से संबंधित वाद में सुप्रीम कोर्ट की 6 जजों की बेंच ने भी राइट टु प्रिवेसी को मौलिक अधिकार के दायरे में नहीं माना था।
आधार के लिए लिए जाने वाला डेटा राइट टु प्रिवेसी का उल्लंघन करता है या नहीं इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच के सामने ये सवाल आया कि क्या राइट टु प्रिवेसी मूल अधिकार है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि पहले अब ये तय किया जाएगा कि राइट टु प्रिवेसी संविधान के तहत मूल अधिकार है या नहीं। 
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बेंच सुनवाई करेगी और पहले के दिए जजमेंट को देखेगी। इसके बाद आधार मामले में प्रिवेसी को देखेगी। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि पहले हम ये दखेंगे कि राइट टु प्रिवेसी संविधान के तहत मूल अधिकार है या नहीं। अब 9 जजों की बेंच बुधवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश अटर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के जजमेंट का हवाला दिया। अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस जे चेलामेश्वर ने टिप्पणी की कि ये तर्क सही नहीं है कि संविधान में राइट टु प्रिवेसी का जिक्र नहीं है लेकिन कॉमन लॉ में है। ये सही है कि ये लिखित में नहीं है लेकिन फ्रीडम ऑफ प्रेस भी लिखा नहीं हुआ है लेकिन उसकी व्याख्या की गई है। ऐसे में पहले का जजमेंट देखना जरूरी है।
गौरतलब है कि 23 जुलाई 2015 को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राइट टु प्रिवेसी संविधान के तहत मूल अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से पेश तत्कालीन अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि संविधान में देश के नागरिकों के लिए राइट टु प्रिवेसी का प्रावधान नहीं है। 
उन्होंने 1950 के 8 जजों के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला देकर कहा था कि जजमेंट में कहा गया था कि राइट टु प्रिवेसी मूल अधिकार नहीं है। अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि राइट टु प्रिवेसी से संबंधित कानून अस्पष्ट है। आधार कार्ड के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि राइट टु प्रिवेसी, मूल अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस सवाल को अभी तय किया जाना है और ऐसे में मामले को लार्जर बेंच को रेफर कर देना चाहिए।

धमाका बिग बॅास 11 में शाहरूख की बेटी की एंट्री..

शाहरुख की बेटी के लिए चित्र परिणाम
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कलर्स टीवी पर प्रसारित किया गया रिएलिटी टीवी शो बिग बॉस का 10वां सीजन इस शो के इतिहास के अब तक का सबसे विवादित सीजन माना गया। 10वां सीजन खत्म हुए अभी कुछ ही महीने बीते हैं कि इस शो के 11वें सीजन को लेकर बातें शुरू हो गई हैं।
सुहाना की हॉट तस्वीर वायरल के लिए चित्र परिणाम
खबर है कि शाहरुख खान की फिल्म 'कुछ कुछ होता है' में उनकी बेटी अंजली की भूमिका निभा चुकी एक्ट्रेस सना सईद शो के आने वाले सीजन का हिस्सा हो सकती हैं। 22 सितंबर 1988 को जन्मी सना ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 'हर दिल जो प्यार करेगा' और 'बादल' जैसे फिल्मों में भी काम किया है।
शाहरुख के साथ इस फिल्म में काम करने के बाद वह बड़े पर्दे पर तो नजर नहीं आईं लेकिन उन्होंने 'लो हो गई पूजा इस घर की', 'बाबुल का आंगन छूटे ना', 'झलक दिखला जा 6', एमटीवी स्प्लिट्सविला सेक्सी सना, नच बलिए 7 और 'फियर फेक्टर खतरों के खिलाड़ी 7' जैसे शोज का हिस्सा रह चुकी हैं। चलिए आपको बताते हैं कि और कौन से सेलेब्स आने वाले शो का हिस्सा हो सकते हैं।

पकड़ा गया ‘रॉबिनहुड’, चोरी के पैसे से करवाता था लड़कियों की....


पकड़ा गया ‘रॉबिनहुड’, चोरी के पैसे से करवाता था लड़कियों की शादी


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पकड़ा गया रॉबिनहुड, चोरी के पैसे से करवाता था लड़कियों की शादी

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुपरी से 27 साल के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो रियल लाइफ का रॉबिनहुड है। जुर्म के पैसे से वह गरीब लोगों की सहायता करता था। यह दयावान चोर चोरी के पैसे से अपने गांव में गरीब लड़कियों की शादी कराता था और हेल्थ कैम्प लगवाता था।
यह कहानी पूरी फिल्मी है। बिहार के अपने गांव में यह शख्स दयावान उर्फ उजाला बाबू के नाम से मशहूर है। दिल्ली पुलिस की टीम ने इस दयावान चोर को उसके ज्वैलर्स साथी के साथ गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 25 लाख की ज्वैलरी बरामद की गई है। पुलिस के मुताबिक आरोपी बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है। पुलिस रिकॉर्ड में उसके ऊपर सेंधमारी-चोरी के 12 मामले दर्ज हैं।
आरोपी ने भोजपुरी फिल्मों की हेरोइन को अपनी गर्लफ्रेंड बना रखा था और महंगी गाडिय़ों में घूमता था। दक्षिण-पूर्व जिला डीसीपी रोमिल बानिया के अनुसार वो हर वारदात अकेले करता था और वारदात के वक्त हमेशा नंगे पैर रहता ताकि भागने में आसानी हो और कोई पैरों की आहट भी न सुन पाए।
आरोपी छोटी-मोटी नहीं, बल्कि नामचीन कोठियों को ही अपना निशाना बनाता था। पहले वह इन कोठियों में किसी तरह से काम की तलाश करता था, जब उसे काम मिल जाता था, तो इसके बाद वह मालिक का भरोसा जीतने का काम करता था। जैसे ही मालिक को उस पर भरोसा हो जाता था, वह कोठी से लाखों की ज्वैलरी और कैश लेकर फरार हो जाता था।
फिर अपने गांव जाकर समाजसेवा करता था। गरीब बेटियों की शादी में आने वाली आर्थिक अड़चन को दूर करता था। गांव के गरीब बुजुर्गों के लिए मेडिकल कैम्प लगवाता था। गांव और आसपास के लोग उसे इज्जतभरी निगाहों से देखते और उसे समाजसेवी कहते थे।

चीन के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने की ताकत भारत में नहीं -फारुख अब्दुल्ला

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा है कि भारत के पास ताकत नहीं है कि वह चीन के कब्जे वाले कश्मीर को वापस ले सके। हालांकि उन्होंने कहा कि जंग इस मसले का हल नहीं है बल्कि चीन से दोस्ती करके ही यह मुद्दा सुलझाया जा सकता है।
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख ने चीन ने अक्साई चीन को कब्जे में लिया हुआ है। हम इसे लेकर चिल्लाते रहते हैं लेकिन हमारे पास इसे वापस लेने की ताकत नहीं। फारुख ने कहा, चीन के साथ तनाव कम करने का सिर्फ एक ही रास्ता है कि हम उसके दोस्त बन जाएं। जंग कोई हल नहीं है। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि हमें अपनी डिप्लोमेटिक कोशिशों को बढ़ाना चाहिए।
फारुख ने कहा कि चीन का मकसद कराकोरम-बाय पास बनाना है जो कि उन्हें बंदरगाह से जोड़ देगा और उनके लिए सिल्क रूट के तौर पर काम करेगा। यह बायपास चीन के कब्जे वाले इलाके से होकर गुजरेगा।
फारुख ने कहा कि दलाई लामा एक और मुद्दा। चीन कहता है कि हम उन्हें देश से बाहर भेजे। भारत जानता है कि किसी को शरण कैसे दी जाती है। हम किसी को देश से बाहर नहीं फेंक सकते हैं।

मोदी ने सौंपा स्मृति और तोमर को अतिरिक्त कार्यभार



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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी विकास मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को सौंपा है। प्रधानमंत्री ने खुद ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी। स्मृति ईरानी के पास पहले से कपड़ा मंत्रालय है। इससे पहले वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय की मंत्री थीं।

उल्लेखनीय है कि राजग की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नायडू के पास शहरी विकास तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नायडू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था।
सरकार में अभी वित्त मंत्री अरुण जेटली रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार और विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।

माना जा रहा है कि जल्द ही नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करेंगे क्योंकि कई पद खाली हो चुके हैं। वेंकैया नायडु को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है। गोवा चुनाव के बाद अप्रैल 2017 में मनोहर पर्रिकर वापिस राज्य के मुख्यमंत्री का पदभाल संभालने के लिए पहुंच गए थे। अनिल दवे के निधन के बाद हर्ष वर्धन को साइन्स एंड टेक्नॉलजी मंत्रालय संभालने का दायित्व सौंपा गया।

वैंकेया नायडू होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

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नई दिल्ली। केंद्रीय नगरीय विकास मंत्री वैंकेया नायडू एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। भाजपा संसदीय दल की सोमवार को हुई बैठक में नायडू के नाम पर मुहर लगाई गई। अब उनका मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से होगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। शाह ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में वेंकैया नायडू का चयन किया गया।
उन्होंने बताया कि वेंकैया कल सुबह 11 बजे उपराष्ट्रपति पद के लिये अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि इस बारे में राजग के सभी सहयोगियों को बताया गया है और सभी ने इसका स्वागत किया है। वेंकैया नायडू आज देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक है और इसिलए सम्पूर्ण राजग ने उनके नाम का स्वागत किया है।
भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया और बैठक समाप्त होने के बाद शाह ने इसकी घोषणा की। शाह ने कहा कि वेंकैया नायडू पार्टी के वरिष्ठतम नेता हैं और उन्होंने आपना सार्वजनिक जीवन 1970 से शुरू किया था। विद्यार्थी परिषद से आगे बढ़ते हुए उन्होंने जे पी आंदोलन में सक्रियता से हिस्सा लिया। वे आंध्रप्रदेश भाजपा युवा इकाई के अध्यक्ष भी रहे।
वेंकैया भाजपा महासचिव और दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वे चार बार राज्य सभा के सदस्य रहे। उनका 25 वर्षो का सुदृढ कार्यकाल रहा है। वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे और अभी शहरी विकास एवं सूचना प्रसारण मंत्री हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एक किसान परिवार से आने वाले वेंकैया नायडू ने छोटे पदों से आगे बढ़ते हुए देश की सेवा की।
यह पूछे जाने पर कि उपराष्ट्रपति पद के लिये सर्वानुमति की कोई संभावना है, शाह ने कहा कि विपक्ष ने पहले ही उपराष्ट्रपति पद के लिये अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है और अगर उन्हें सर्वानुमति बनानी होती तो वे थोड़ा इंतजार करते। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नीत विपक्षी दलों ने गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।
उप-राष्ट्रपति को लेकर जहां एक तरफ पूरी तरह से आंकड़े सरकार के पक्ष में हैं ऐसे में हामिद अंसरी के दूसरे कार्यकाल पूरा होने के बाद नायडू देश का अगला उपराष्ट्रपति बन सकते हैं। नायडू विपक्षी उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का मुकाबला करेंगे। गोपालकृष्ण गांधी को अठारह विपक्षी दलों ने अपनी ओर से उतारा है।
भाजपा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए दक्षिणी राज्य से किसी को उतारने की इच्छुक थी। रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार (उत्तर प्रदेश से प्रतिनिधित्व करते हैं) के तौर पर उतारे जाने के बाद वेंकैया नायडू इस पद के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं क्योंकि वह आंध्रप्रदेश से आते हैं जिसे हाल में दो राज्यों में विभाजन किया गया है। इसके साथ ही नायडू का तमिलनाडु से भी संबंध है।
भाजपा संसदीय दल की बैठक में जेपी नड्?ढा ने नायडू के नाम का प्रस्ताव किया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। नायडू मंगलवार सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे। वे इसके बाद सुबह 11 बजे उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे।
नायडू के अलावा एनडीए की तरफ से निर्मला सीतारमण का नाम भी चर्चाओं में था, लेकिन सशक्त दावेदार माने जा रहे नायडू ने बाजाी मारी।

दस हजार पटवारियों की भर्ती होगी-मुख्यमंत्री चौहान



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भोपाल। किसानों के हित के लिये इस वर्ष से फसल गिरदावरी संबंधी जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से संग्रहीत की जायेगी। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पटवारियों को उनके मोबाइल पर ही ग्राम के समस्त भूमि स्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो जायेगी। लगायी गयी फसल की जानकारी ग्राम से ही भरी जा सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समन्वय भवन में मोबाइल एप का शुभारंभ किया।
चौहान ने कहा कि राजस्व अमले की कमी पूरी करने के लिये जल्दी ही 10 हजार पटवारियों, 550 तलसीलदारों और 940 नायब तहसीलदारों की भर्ती की जायेगी। भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दे दिये गये हैं। उन्होंने राजस्व विभाग प्रमुख को पटवारियों की विभागीय पदोन्नति के संबंध में भी विचार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रशासन को प्रभावी बनाने के लिये युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने पटवारियों को सूचना प्रोद्योगिकी का उपयोग करने के लिये टेब खरीदने के लिये उनके खाते में आवश्यक राशि देने की घोषणा की। चौहान ने कहा कि सरकार पूरी तरह से लोगों के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि बोनी के समय के आँकडों का शुद्ध रेकार्ड उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिये हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं। किसानों को समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर के आधार पर आदर्श दर से भुगतान करने का नवाचारी प्रयोग भी किया जायेगा।
मोबाइल एप से होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग का यह क्रांतिकारी कदम भविष्य में बदलाव लायेगा। पारंपरिक बस्ते से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने एप संचालन के लिये एनआईसी का उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोगों को राजस्व विभाग और इसके अमले से बहुत अपेक्षाएँ हैं।
फसल गिरदावरी प्रतिवर्ष की जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह वर्ष में दो बार खरीफ और रबी सीजन की बुवाई के बाद की जाती है। इसे भू-अभिलेखों में दर्ज किया जाता है। यह कृषि सांख्यिकी एकत्रित करने की प्रक्रिया है। इसके आधार पर फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन संबंधी अनुमान की जानकारी तैयार की जाती है।
कृषि वर्ष 1 जुलाई से प्रारंभ होकर 30 जून को समाप्त होता है। प्रथम खरीफ की फसलों तथा द्वितीय रबी की फसलों के आधार पर चालू वर्ष के खसरे में बोए गए क्षेत्रफल की फसल गिरदावरी के आधार पर दर्ज की जाती है। गिरदावरी जितनी सही और समय पर होगी, कृषि सांख्यिकी पूरी तरह से विश्वसनीय रहेगी।
फसल गिरदावरी के आधार पर ही खरीफ और रबी फसलों के बोए गए रकबे के आँकड़े प्राप्त होते हैं। उस आधार पर प्रमुख फसलों के उत्पादन व उत्पादकता अनुमान तथा राज्य एवं देश की कृषि दर निर्धारित की जाती है।
फसल गिरदावरी कार्य से ही फसल पूर्वानुमान लगाया जाता है, जिससे फसल गिरदावरी को राजस्व खसरे के रकबे के आधार पर सांख्यिकी कार्य के लिये जानकारी शासन को प्रेषित की जाती है। यह जानकारी कई मामलों जैसे फसल बीमा, प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई, बैंक ऋण, योजनाओं के लाभ लेने आदि में महत्वपूर्ण होती है।
इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पटवारियों को उनके मोबाइल पर ही ग्राम के समस्त भूमि स्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो जायेगी। जैसे ही भरी गयी जानकारी अपलोड की जायेगी, कृषक को उससे संबंधित खसरों में फसल गिरदावरी के अंतर्गत कौन सी जानकारी दर्ज की गयी है, यह सूचना एस.एम.एस. के माध्यम से भेजी जायेगी। इसमें एक पासकोड भी होगा।
यदि कृषक, पटवारी द्वारा भरी गयी जानकारी से सहमत है, तो वह पासकोड पटवारी को बतायेगा। जब पटवारी द्वारा यह पासकोड एप्लीकेशन में डाला जायेगा तभी जानकारी को अंतिम माना जायेगा।
यदि किसी कृषक के पास कोई मोबाइल नंबर नहीं है तो वह अपने पड़ोसी का नंबर भी एस.एम.एस. प्राप्त करने में उपयोग कर सकेगा। फसल की जानकारी के साथ ही अन्य पड़त भूमि, भूमि में लगे वृक्ष, मकान आदि की जानकारी भी एप्लीकेशन के माध्यम से दर्ज की जा सकेगी।
प्रमुख सचिव राजस्व अरूण पांडे ने मोबाइल एप के बारे में जानकरी दी। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी उपस्थित थे। आयुक्त भू-अभिलेख एन. के. अग्रवाल ने आभार माना।

कीजिए खीरे का यूज, स्किन को मिलेंगे ये लाभ!

कीजिए खीरे का यूज, स्किन को मिलेंगे ये लाभ! के लिए चित्र परिणाम
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हमारी सेहत के लिए खीरा बेहद उपयोगी होता हैं, ये सेहत के साथ-साथ हमारी स्किन का भी ध्यान रखता हैं। इसलिए खीरे का हर रोज यूज लेना चाहिए। इससे शरीर को ठंडक मिलती है और वजन घटाने के लिए भी ये काफी सहायता करता है।
इसके अलावा खीरा चेहरे की सुंदरता भी बढ़ाता है। खीरे में विटामिन-के, सी और मैगनीज होता है जो स्क्नि और बालों के लिए काफी लाभकारी होता हैं। गर्मियों में अक्सर स्किन पर कई तरह की परेशानियां हो जाती है तो ऐसे में खीरे का यूज करके स्किन पर निखार ला सकते हैं। चलिए जानते हैं खीरे का यूज करने से होने वाले फायदों के बारे में…
-पसीने की वजह से स्किन और गर्दन का काली हो जाती है ऐसे में खीरे को पीसकर उसका रस निकाल लीजिए और इसे चेहरे और गर्दन पर कुछ देर लगा कर रखें। हर रोज ऐसा करने से बहुत जल्दी स्किन साफ हो जाएगी और इसमें निखार भी आएगा। इसके अलावा खीरे के स्लाइस को भी गर्दन और चेहरे पर रगड़ सकते हैं।

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‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

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