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भोपाल। किसानों के हित के लिये इस वर्ष से फसल गिरदावरी संबंधी जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से संग्रहीत की जायेगी। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पटवारियों को उनके मोबाइल पर ही ग्राम के समस्त भूमि स्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो जायेगी। लगायी गयी फसल की जानकारी ग्राम से ही भरी जा सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समन्वय भवन में मोबाइल एप का शुभारंभ किया।
चौहान ने कहा कि राजस्व अमले की कमी पूरी करने के लिये जल्दी ही 10 हजार पटवारियों, 550 तलसीलदारों और 940 नायब तहसीलदारों की भर्ती की जायेगी। भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दे दिये गये हैं। उन्होंने राजस्व विभाग प्रमुख को पटवारियों की विभागीय पदोन्नति के संबंध में भी विचार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रशासन को प्रभावी बनाने के लिये युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने पटवारियों को सूचना प्रोद्योगिकी का उपयोग करने के लिये टेब खरीदने के लिये उनके खाते में आवश्यक राशि देने की घोषणा की। चौहान ने कहा कि सरकार पूरी तरह से लोगों के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि बोनी के समय के आँकडों का शुद्ध रेकार्ड उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिये हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं। किसानों को समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर के आधार पर आदर्श दर से भुगतान करने का नवाचारी प्रयोग भी किया जायेगा।
मोबाइल एप से होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग का यह क्रांतिकारी कदम भविष्य में बदलाव लायेगा। पारंपरिक बस्ते से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने एप संचालन के लिये एनआईसी का उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लोगों को राजस्व विभाग और इसके अमले से बहुत अपेक्षाएँ हैं।
फसल गिरदावरी प्रतिवर्ष की जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह वर्ष में दो बार खरीफ और रबी सीजन की बुवाई के बाद की जाती है। इसे भू-अभिलेखों में दर्ज किया जाता है। यह कृषि सांख्यिकी एकत्रित करने की प्रक्रिया है। इसके आधार पर फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन संबंधी अनुमान की जानकारी तैयार की जाती है।
कृषि वर्ष 1 जुलाई से प्रारंभ होकर 30 जून को समाप्त होता है। प्रथम खरीफ की फसलों तथा द्वितीय रबी की फसलों के आधार पर चालू वर्ष के खसरे में बोए गए क्षेत्रफल की फसल गिरदावरी के आधार पर दर्ज की जाती है। गिरदावरी जितनी सही और समय पर होगी, कृषि सांख्यिकी पूरी तरह से विश्वसनीय रहेगी।
फसल गिरदावरी के आधार पर ही खरीफ और रबी फसलों के बोए गए रकबे के आँकड़े प्राप्त होते हैं। उस आधार पर प्रमुख फसलों के उत्पादन व उत्पादकता अनुमान तथा राज्य एवं देश की कृषि दर निर्धारित की जाती है।
फसल गिरदावरी कार्य से ही फसल पूर्वानुमान लगाया जाता है, जिससे फसल गिरदावरी को राजस्व खसरे के रकबे के आधार पर सांख्यिकी कार्य के लिये जानकारी शासन को प्रेषित की जाती है। यह जानकारी कई मामलों जैसे फसल बीमा, प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई, बैंक ऋण, योजनाओं के लाभ लेने आदि में महत्वपूर्ण होती है।
इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पटवारियों को उनके मोबाइल पर ही ग्राम के समस्त भूमि स्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो जायेगी। जैसे ही भरी गयी जानकारी अपलोड की जायेगी, कृषक को उससे संबंधित खसरों में फसल गिरदावरी के अंतर्गत कौन सी जानकारी दर्ज की गयी है, यह सूचना एस.एम.एस. के माध्यम से भेजी जायेगी। इसमें एक पासकोड भी होगा।
यदि कृषक, पटवारी द्वारा भरी गयी जानकारी से सहमत है, तो वह पासकोड पटवारी को बतायेगा। जब पटवारी द्वारा यह पासकोड एप्लीकेशन में डाला जायेगा तभी जानकारी को अंतिम माना जायेगा।
यदि किसी कृषक के पास कोई मोबाइल नंबर नहीं है तो वह अपने पड़ोसी का नंबर भी एस.एम.एस. प्राप्त करने में उपयोग कर सकेगा। फसल की जानकारी के साथ ही अन्य पड़त भूमि, भूमि में लगे वृक्ष, मकान आदि की जानकारी भी एप्लीकेशन के माध्यम से दर्ज की जा सकेगी।
प्रमुख सचिव राजस्व अरूण पांडे ने मोबाइल एप के बारे में जानकरी दी। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी उपस्थित थे। आयुक्त भू-अभिलेख एन. के. अग्रवाल ने आभार माना।
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