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सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ने वाले जबलपुर के खेल और लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे पर ₹10,000 का जुर्माना |
*सूचना आयोग ने लगाया जबलपुर के खेल अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे पर 10,000 का जुर्माना*
- RTI में मांगी जानकारी न देना खेल अधिकारी आशीष पांडे को पड़ा महंगा, राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया 10 हजार का जुर्माना
- RTI की सूचना नहीं देने वाले अधिकारी पर राज्य सूचना आयुक्त ने लगाया 10 हजार का जुर्माना
- सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ने वाले लोक सूचना अधिकारी पर ₹10,000 का जुर्माना
- मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 26 दिसंबर 2025 पेशी नियत
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मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त माननीय श्री ओंकार सिंह ने अपील प्रकरण क्रमांक ए 592/2023 के मामले में सुनवाई करते हुए जबलपुर के खेल और युवा कल्याण विभाग के संभागीय खेल अधिकारी और जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे को दोषी मानते हुए 10000 के जुर्माने से दंडित किया। वही तात्कालिक लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे को जुर्माना की राशि एक माह के भीतर आयोग कार्यालय में जमा करने के आदेश दिए हैं शास्ति ( जुर्माना) राशि जमा करने का पालन प्रतिवेदन के लिए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 26 दिसंबर 2025 पेशी नियत की हैं।
भोपाल/ जबलपुर । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने जबलपुर के खेल और युवा कल्याण विभाग के संभागीय खेल अधिकारी और जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे के खिलाफ सुनवाई कर दोषी पाए जाने पर ₹10000 का शास्ति अधिरोपित की है।
सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने माना कि सूचना के अधिकार के तहत अपीलार्थी श्री विनय जी. डेविड द्वारा सूचना की जानकारी के लिए एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था जिसमें जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी एवं लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे के द्वारा चाही गई जानकारी जो सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई थी उसे छुपाने दबाने गुमराह करने के लिए जानबूझकर अपीलार्थी डेविड का आवेदन अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत निरस्त किया गया था, जो कि अधिनियम की धारा 7 का उल्लंघन है। उक्त कृत्य अधिनियम की धारा 20 के तहत कार्यवाही योग्य है। अतः तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डे संभागीय खेल अधिकारी, कार्यालय जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, जबलपुर को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिसके जवाब में लोक सूचना अधिकारी आशीष पांडे
अपने वकील के साथ सूचना आयोग में 23 अक्टूबर 2025 को पेशी के दौरान उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। अपने पक्ष में उक्त प्रकरण पर अनेकों दलील दी गई, परंतु एक भी दलील काम नहीं आई । अपीलार्थी विनय जी. डेविड ने आयोग को बताया कि लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पांडे सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं देना चाहते वह हर जानकारी को छुपाने की नीयत से कार्य करते हैं कोई ना कोई बहाना ढूंढ करके आरटीआई के आवेदन को निरस्त कर देते। इस प्रकरण के मामले में भी उन्होंने जानकारी नहीं देते हुए आरटीई आवेदन को निरस्त कर दिया। जिस कारण मुझे प्रथम अपीलीय अधिकारी के सामने आवेदन प्रस्तुत करना पड़ा अपीलीय अधिकारी ने भी प्रकरण पर किसी भी प्रकार का विचार विमर्श करवाई नहीं की । इसी कारण मुझे मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत करनी पड़ी इस सभी प्रकरण में करीब 3 साल का वक्त लग गया।
सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने अपने आदेश में कहा कि इस प्रकरण में लोक सूचना अधिकारी का दायित्व था कि यदि जानकारी उनके कार्यालय में अगर जानकारी नहीं थी तो उस भाग के लिए अधिनियम की धारा 6 (3) के तहत आवेदन संबंधित कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी को अंतरित किया जाना चाहिए था जो कि नहीं किया गया। लोक सूचना अधिकारी यह कहकर दायित्व से नहीं बच सकते कि मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकादमी से संबंधित जानकारी होने के कारण वह जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके, जबकि अपीलार्थी के आवेदन में चाही गई जानकारी प्रकटन योग्य होने से समयावधि में उपलब्ध करायी जानी चाहिए थी।
सूचना आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने कहा कि उपरोक्त समस्त तथ्यों से स्पष्ट है कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय आवेदन में चाही गई प्रकटन योग्य जानकारी नहीं देना चाहते थे। उनके उपरोक्त आचरण को देखते हुए यह परिलक्षित होता है कि उनका उद्देश्य जानकारी प्रकटन नहीं करने का था। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रकरण में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधान अनुसार दायित्व निर्वहन नहीं करने के कारण अपीलार्थी के आवेदन में चाही गई जानकारी समयावधि में उपलब्ध नहीं कराने के लिए तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय द्वारा अधिनियम की धारा 7 का उल्लंघन किया गया है, जिससे अपीलार्थी को जानकारी उपलब्ध कराने में अत्यधिक विलंब हुआ है। उक्त कृत्य अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत शास्ति अधिरोपित करने योग्य है। प्रकरण एवं तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी की सेवा अवधि के दृष्टिगत उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाने का निर्णय लिया गया।
साथ ही अपीलार्थी द्वारा एक अन्य आवेदन लोक सूचना अधिकारी को पेश किया गया था जिसकी द्वितीय अपील क्रमांक ए-590/रा०सू०आ० / जबलपुर / 2023 का निराकरण राज्य सूचना आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 30 जनवरी 2025 से किया गया है। इस मामले में भी लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय ही थे, इसमें भी उन्होंने जानकारी नहीं दी थी, किन्तु इस मामले में उन्हें दंडित नहीं किया गया था।
अतः सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के तहत तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय, संभागीय खेल अधिकारी, कार्यालय जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी, जिला-जबलपुर पर रू. 10,000/- (रूपये दस हजार मात्र) की शास्ति अधिरोपित की जाती है। उपरोक्त अधिकारी / कर्मचारी उक्त शास्ति राशि एक माह के भीतर आयोग कार्यालय में जमा करेंगे। शास्ति ( जुर्माना) राशि जमा करने का पालन प्रतिवेदन के लिए मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग जबलपुर संभाग के प्रबाचक म०प्र०राज्य सूचना आयोग भोपाल ने प्रकरण क्रमांक ए-592/2023/ जबलपुर // 115885 का आदेश दिनांक 18 नवंबर 2025 को जारी कर दिया है । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में 26 दिसंबर 2025 पेशी नियत की हैं।
"सचिव, राज्य सूचना आयोग, भोपाल" के इस खाते में जमा करें जुर्माना
उपरोक्त अधिकारी/कर्मचारी को निर्देशित किया जाता है कि वह शास्ति राशि "सचिव, राज्य सूचना आयोग, भोपाल" को देय बैंक ड्राफ्ट अथवा चालान के माध्यम से शासकीय कोष के मद-"मुख्य शीर्ष 0070 अन्य प्रशासनिक सेवायें, उप शीर्ष 60 अन्य सेवायें, लघु शीर्ष 118 अन्य प्राप्तियाँ (0000)" में जमा कर उक्त बैंक ड्राफ्ट / चालान की प्रति के साथ पालन प्रतिवेदन आगामी पेशी के एक सप्ताह पूर्व आयोग कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे।
शास्ति राशि समयावधि में आयोग कार्यालय में जमा हो प्रमुख सचिव को दिया आदेश
लोक प्राधिकारी- प्रमुख सचिव, म०प्र० शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल यह सुनिश्चित करेंगे कि उपरोक्तानुसार अधिकारी / कर्मचारी द्वारा शास्ति राशि समयावधि में आयोग कार्यालय में जमा हो जाए अन्यथा म०प्र० सूचना का अधिकार (अपील तथा फीस) नियम, 2005 के नियम-8 (6) (तीन) के अनुसार उनके वेतन से कटौती कर तथा उनके सेवा-पुस्तिका में इन्द्राज करते हुए उसकी प्रति सहित आयोग को चालान / बैंक ड्राफ्ट/ नगद रूप में आयोग कार्यालय में जमा कराकर प्रति सहित आयोग को पालन प्रतिवेदन पेश करें।
प्रकरण तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री आशीष पाण्डेय द्वारा शास्ति राशि रू. 10,000/- (रूपये दस हजार मात्र) जमा करने का पालन प्रतिवेदन हेतु दिनांक 26.12.2025 को प्रातः 11.00 बजे नियत किया जाता है।
तत्कालीन प्रथम अपीलीय अधिकारी पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के उक्त कृत्य की आयोग ने की निंदा
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त श्री ओंकार नाथ ने प्रकरण में अपीलार्थी विनय जी. डेविड द्वारा प्रस्तुत प्रथम अपील के प्रकरण में तत्कालीन प्रथम अपील अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा को भी अधिनियम की धारा 19(1) के प्रावधान अनुसार समयावधि में निराकरण आदेश पारित नहीं किए जाने पर सूचना आयुक्त ने तात्कालिक प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा के उक्त कृत के लिए आयोग द्वारा निंदा व्यक्त करते हुए समझाईश दी है कि भविष्य में अधिनियम के प्रावधान अनुसार गुण-दोष के आधार पर समयावधि में प्रथम अपील का निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें।
*अधिक जानकारी के लिए*
*प्रकरण में अपीलार्थी*
*विनय जी. डेविड*
से संपर्क करें : 98932 21036
*( संपर्क का समय सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक )*


