जिला प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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अशोक नगर, किसी दुर्घटना में घायल एवं बीमार मवेशियों को मौक पर ही उपचार देने वाली चलित पशु चिकित्सा इकाई नाम की रह गई हैं। इस कारण लोगों को परेशान तो होना ही पड़ता हैं। साथ ही पशुओं की मौत भी हो जाती हैं। जिला मुख्यालय पर पशु चिकित्सालय के पीछे स्थित चल पशु चिकित्सा ईकाई के कार्यालय और कर्मचारियों के होने के बाद भी पशुओं को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। मौके पर ही पशुओं को चिकित्सा उपलब्ध हो, इसलिए पशु चिकित्सा ईकाई पहुंचकर ऐसे पशुओं को तुरंत उपचार पहुंचाती हैं। लेकिन इस ईकाई के होने के बाद भी घायल और बीमार पशुओं को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा हैं, जिस कारण उनकी मौत भी हो रही हैं। -
कार्यालय सूना, कर्मचारी नदारद
चल पशु चिकित्सा इकाई कार्यालय हर समय खाली मिलता हैं और वहां के कर्मचारी नदारत मिलते हैं। बुधवार को भी इसी तरह का वाक्या सामने आया। दोपहर लगभग दो बजे अपने ही टे्रक्टर से घायल हुए एक बछड़े को किसान लेकर पहुंचे, लेकिन पशु अस्पताल चार बजे खुली। इसके पूर्व ही चल चिकित्सा इकाई को दिखाने का था, लेकिन इस दौरान कार्यालय पूरी तरह खाली मिला। चल इकाई में पदस्थ कर्मचारी नदारद मिले। यह पहला वाक्या नहीं हैं कि इस तरह पूरा का पूरा कार्यालय कर्मचारी विहीन हो। लेेकिन इस ओर वरिष्ठ अधिकारियों ने गौर नहीं किया। इससे उक्त कैशलोन निवासी किसान दो घंटे तक पुश चिकित्सालय में बछड़े को घायल अवस्था में लिए बैठा रहा। वहीं कई बार चल इकाई के निष्क्रिय रहने से पशुओं की मौत हो चुकी हैं। ऐसा कई बार हुआ हैं कि मवेशी वेचारे सडक पर घायल पडे तडपते रहते हैं और इस ओर चलित इकाई का ध्यान तक नहीं जाता हैं।