बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल. भाजपा विधायक ने आदिम जाति कल्याण विभाग के दो लिपिकों द्वारा पंचायतों से चैक सहित एग्रीमेंट की कापी के लिए कमीशन मांगने के मामले का खुलासा किया। खुलासा होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी ने पूरे मामले में ठोस कार्रवाई करने की जगह महज चेतावनी दे कर मामले को दस मिनट मे ही रफा-दफा कर दिया। विधायक चैतराम मानेकर, सरपंच सुखराम भोदेकर, सचिव गणपति अलोने सहित अन्य ग्रामीण सहायक आयुक्त आरके श्रोती के कक्ष में पहुंचे। वहां पर विधायक ने वस्तुस्थिति की जानकारी दी और वह चैक भी दिखाया जो कि दस दिसंबर को कट जाने के बाद भी सरपंच सचिव को नहीं दिया जा रहा था। इसके साथ ही यह भी बताया कि स्टीमेट और एग्रीमेंट की कापी भी नही दी जा रही है जबकि वे स्वंय दो तीन बार इस मामलें में व्यक्तिगत रूप से संबंधित लिपिक को कह चुके है। मगर स्थिति यह सामने आ रही है। इस पर सहायक आयुक्त ने सरपंच से पूछा तो उसने कहा कि बाबू लोग उससे पैसे मांग रहे थे।
इस पर संबंधित शाखा के लिपिक एस के मराहवी को बुलवाया गया तो उन्हें देखकर सरपंच ने कहा कि ये एग्रीमेंट की कापी नहीं दे रहे और पैसे मांग रहे थे तो मराहवी ने बताया कि उसने चैक लेखापाल अशोक गायकी को दे दिया था। अशोक गायकी को तलब किया गया तो सरपंच ने चैक के बदले पांच प्रतिशत मांगने की बात दोहरा दी। इस पर अशोक गायकी ने कहा कि उसने चैक देने के पहले पंचायत की रसीद मांगी थी। सरपंच ने कहा कि वह आज रसीद लेकर आया फिर भी चैक नहीं दे रहे थे। विधायक के आने पर चैक दिया। वहीं एग्रीमेंट की कापी को लेकर मराहवी से सहायक आयुक्त ने यह कहा कि तुमने डाक से कापी पंचायत को क्यों नहीं भेजी। इस पर मराहवी ने ठोस जवाब नहीं दिया। इसके बाद सहायक आयुक्त ने दोनों लिपिक को विधायक सहित अन्य लोगों की मौजूदगी में यह कह कर छोड़ दिया कि भविष्य में इस तरह की पुनर्रावृत्ति नहीं होनी चाहिए। आमला जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली पंचायत परसोडा में 2.75 लाख रूपए की लागत से आदिम जाति कल्याण विभाग की बस्ती विकास योजना में 186 मीटर लंबी एक सीसी रोड स्वीकृत की गई। सड़क के स्वीकृत होने केे बाद जनपद पंचायत आमला से स्टीमेट और टीएस भी जारी हो गया। टीएस जारी होने के बाद वर्कआर्डर और और चैक के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग से ग्राम सरपंच और सचिव ने संपर्क किया तो लगातार उन्हें गुमराह किया जाता रहा है। इसी मामले को लेकर आमला विधायक चैतराम मानेकर ने भी दो तीन बार आदिम जाति कल्याण विभाग के संबंधित अधिकारियों और लिपिक को जल्द से जल्द वर्कआर्डर और चैक काटने के लिए कहा। चैक तो काट दिया गया मगर सरपंच और सचिव को दिया नहीं जा रहा था।
सरपंच सुखराम भोदेकर और सचिव गणपति अलोने ने विधायक चैतराम मानेकर को मोबाईल पर बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग के बाबू उनसे पांच प्रतिशत कमीशन मांग रहे है। इसके बाद विधायक पहुंचे तो यह सामने आया कि गत् 10 दिसंबर से चैक बनाकर रखा हुआ है मगर सरपंच सचिव को नहीं दिया जा रहा है। मैंने इस पूरे मामले में स्वंय दो तीन बार कहा और इसके बाद भी पैसे की मांग की जा रही है इससे मुझे भी बेहद ताज्जुब हो रहा है। मेरे पहुंचने पर ही चैक और एग्रीमेंट की कापी दी और सहायक आयुक्त का यह तरीका मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। मुझसे यहां के बाबूओं ने एग्रीमेंट और चैक के लिए कमीशन की मांग की जब मैंने कहा कि कहां से पैसे दूंगा, कही से पैसे बहकर तो आ नहीं रहा तो उन्होंने परेशान करना शुरू कर दिया फिर मैंने विधायक जी को फोन किया। विधायक महोदय से वस्तुस्थिति जानने के बाद और पूरी परिस्थिति को समझने के बाद फिलहाल दोनों कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी गई है। यदि दोबारा इस तरह का मामला सामने आता है तो कार्रवाई की जाएगी।