क्राइम रिपोर्टर// लखन लाल (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी रेल्वे स्टेशन इस समय असमाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। स्टेशन प्लेट फार्मों में सबसे अधिक आवारा किस्म के लोग नजर आते हैं। 11 सितम्बर की रात 8 बजे जब कोल्हापुर निवासी जावेद खान चाय पीने के लिऐ प्लेट फार्म 2 पर उतरा चाय पीते वक्त किसी अवैध वैन्डर ने उसकी चाय में बेहोशी की दवा मिला दी। जिससे जावेद खान चाय पीते ही बेहोश हो गया तथा मौका देखकर जावेद के जेब में रखे 11 हजार एवं 6 हजार कीमत का मोबाइल भी पार करके रफू चक्कर हो गया और जब होश आया तो जी. आर. पी. थाने जाकर रिपोट लिखाई की में चाय पीने के लिऐ उतरा मैने चाय वाले से चाय ली जिसे पीते ही मैं बेहोश हो गया तथा जिस वैन्डर ने मुझे चाय पिलाई उसने ही मेरे जेब में रखे रुपय एवं मो. निकाल कर फरार हो गया।
कुल तीन ठेकेदारों का ठेका
कटनी स्टेशन में खाद्यान सामग्री बेचने के लिऐ कुल तीन ठेकेदारों को अधिकृत किया गया है। एवं पांच प्लेट फार्मों में तीन ठेकेदारों के स्टाल चलते हैं। उसके बाद भी वैध वैन्डर अपना अलग से खाद्य सामग्री बना कर बेचते है। जिसका पता स्टेशन के सारे अधिकारियों को है।
अधिकृत 30 वैन्डर एवं अनाधिकृत 100 की तादात में
सम्पूर्ण स्टेशन परिसर में कुल तीन ठेकेदार ही हैं जिन्होंने तीस वैन्डर कुल अधिकृत किये है। उसके बाद भी जब प्लेट फार्म में सवारी गाड़ी लगती है तब सैकडों की तदात में वैन्डर नजर आते हैं। एवं अपनी खाद्य सामग्री बेच कर रवाना हो जाते हैं। समझ से परे है की आखिर किसकी सहमति से प्लेट फार्म में अवैध आते हैं। वैध
वैन्डर चलाते है अलग से अपना भट्टी घर
वैध वैन्डरों ने अपना खुद का भट्टी घर बना रखा है जहॉं से ये लोग ठेकेदार की खाद्य सामग्री एवं अपनी खाद्य सामग्री दोनों को मिला कर प्लेट फार्म में बेचते हैं एवं अधिक से अघिक मात्रा में लाभ कमाते है। जब कोई अधिकारिक कार्यवाही होती है तब केवल वैध वैन्डर ही नजर आते हैं और उस दिन अवैध वैन्डर प्लेट फार्म में नजर नहीं आते हैं। तथा जांच अधिकारी के जाने के बाद अवैध वैन्डरों की होड़ सी लग जाती है।
स्टेशन में हर विभाग की मिली भगत
रेल्वे स्टेशन में कुल 30 अधिकृत वैन्डर हैं जो की ठेकेदारों ने रखे हैं जिनके नेम प्लेट व मैडिकल सर्टीफिकेट बने हुऐ हैं परन्तु अवैध वैन्डरों के पास नेम प्लेट एवं वर्दी के अलावा कुछ भी नहीं है कहीं कहीं तो ऐसा हे की अव्ैाध वैन्डरों के पास कुछ भी नहीं होता फिर भी बेखौफ प्लेट फार्म में खाद्य सामग्री बेचते पाये जाते हैं। क्योंकि अधिकारियों के मिली भगत से ही सब होता है।
जी. आर. पी. प्रभारी ने काटा फोन
जब टाइम्स ऑफ क्राइम के ब्यूरो चीफ ने 11 सितम्बर की रात 8 बजे की घटना की जानकारी फोन करके लेनी चाही तब जी. आर. पी. प्रभारी बघेल ने यह कह कर फोन काट दिया की अभी कुछ भी नहीं मालूम अभी जांच चल रही है और फोन काट दिया गया। जब भी किसी घटना के विषय में पूॅछा जाता है तो वही रटारटाया जवाब दिया जाता है और घटना से अपना पल्लू झाड़ लिया जाता है।