पुलिस अधीक्षक अंशुमन सिंह के नाम पर वसूली का खेल
फाइनेंस कम्पनी के तयशुदा गुण्डों और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से
टाटा फाइनेंस के तयशुदा गुण्डे जीतू एस. सोलंकी |
(भोपाल // संजय शर्मा)
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भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी में धड़ल्ले से खुलेआम वसूलीबाजों की गुण्डागर्दी और जबरिया वसूली चल रही है। आश्चर्य जनक पहलू ये हैं कि इस वसूली में बेहिचक राजधानी के एम.पी.नगर क्षेत्र में जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मात्र आधा एक किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर थाना एम.पी. नगर के कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर फाइनेंस कम्पनी के रसूखदार गुण्डों ने हडक़म्प मचा रखा है। वहीं सीधे कर्जदारों से पुलिस अधीक्षक के नाम पर वसूली की कार्यवाहीं की जा रही है। इस वसूली में कुछ पुलिस वाले अंजाम देकर मोटी रकम कमा रहे है। मामला बड़ा रोचक और गंभीर है क्योंकि शहर के बीचों बीच राजधानी में ये खेल खुलेआम चल रहा है। जिसमें ये कहा जा सकता हैं कि पुलिस अधीक्षक के पद की गरिमा को महकमें के कुछ करिंदें चन्द रूपयों के खातिर बदनाम कर रहे है। आईये आपको बताते है ये पूरी कहानी..
टाटा फाइनेंस के तयशुदा गुण्डे जीतू एस. सोलंकी |
घटना दिनांक 24 अप्रैल 2013 समय शाम 5:30 बजे से शाम 7 बजे की है घटना स्थल प्रेस काम्प्लेक्स एम.पी.नगर जोन-1 जहां करीब 5:30 बजे टाटा फाइनेंस के तयशुदा गुण्डे जीतू एस. सोलंकी संचालक श्री सोलंकी सर्विस शॉप नम्बर 240, बी.डी.ए. कॉम्प्लेक्स, 7 नम्बर बस स्टेण्ड, शिवाजी नगर और उसका एक साथी (तस्वीर में) आते है और कार फाइनेंस रकम की वसूली जबरिया करने की कोशिश करते है और जबरिया गाड़ी की चाबी छिनने का प्रयास करते है। वसूलबाज अपने आपको पत्रकार बताते हुए एक प्रेसकार्ड जेब से निकालकर दिखाया और धमकाने लगे। इसका मतलब हैं कि इन गुण्डों ने पत्रकारिता की पवित्रता का इस्तेमाल वसूलीबाजी भी कर रहे है। वहीं अपने आपको पत्रकारिता से जुड़ी एक संस्था का सदस्य भी बताते है। फर्जी पत्रकार बनकर वसूली करने वाले इस शख्स ने आकर गाड़ी को खीचने के आर्डर हो गये है और कहा कि भोपाल एस.पी. श्री अंशुमान को बता दिया है उन्होंने ही कहा हैं कि गाड़ी को उठा लाओ उन्हीं के कहने पर हम लोग गाड़ी उठाने आये है इस पर जब पार्टी ने आदेश दिखाने की बात कही तो जीतू सोलंकी ने फर्जी कागजात दिखाते हुए पुलिस को बुलाने की धमकी दे डाली वहीं पुलिस थाने में सेटिगबाज पुलिसकर्मी से मोबाइल पर बात की और पार्टी से बात कराया मोबाइल पर थाना एम.पी. नगर का एक पुलिसकर्मी रंजीत मिश्रा था जो बोल रहा था कि पुलिस अधीक्षक अंशुमान सिंह के आदेश पर ही हम आपको कह रहे हैं कि इन लोगों का गाड़ी सौप दें मैं थाना एम.पी.नगर से पुलिस भेज रहा हूं। वहीं मुकेश नामक कर्मी को भेजने की बात कहीं।
टाटा फाइनेंस के तयशुदा गुण्डे जीतू एस. सोलंकी दो पुलिसकर्मी चीता लेकर घटनास्थल पर आ गये |
इस घटना के करीब पन्द्रह मिनट बाद ही वसूलीबाज के कहने पर दो पुलिसकर्मी चीता लेकर घटनास्थल पर आ गये (तस्वीर में) और इन गुण्डों का समर्थन करने लगे। इसी दौरान घटना स्थल पर कुछ पत्रकार इक_ा हो गये जिन्होंने इस अवैध अड़ीबाजी की कहानी की जानकारी नगर पुलिस अधीक्षक से बताई तो सब दूध का दूध पानी का पानी हो गया। वहीं चीता से पहुंचे, नगर पुलिस अधीक्षक ने चीता पुलिसवालों से रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि बताते हुए अपने रजिस्टर में रिपोर्ट दर्ज की और थाने जाकर इन अड़ीबाजों पर कार्यवाहीे करने की बात कहने लगे परन्तु आज दिवस तक कोई कार्यवाहीं नहीं हो सकी।