नई दिल्ली. इशरत जहां एनकाउंटर केस में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक गुजरात में कॉलेज स्टूडेंट इशरत जहां और 3 अन्य लोगों के फर्जी एनकाउंटर की जानकारी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके करीबी अमित शाह और सरकार में शामिल कुछ 'टॉप लोगों' को थी। अखबार ने सीबीआई के एक सीनियर अधिकारी और गुजरात पुलिस के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से यह खबर छापी है। गौरतलब है कि 15 जून 2004 को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में मुंबई की कॉलेज स्टूडेंट इशरत जहां, जावेद शेख, अमजद अली राणा और जीशान को पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया था।
इस एनकाउंटर के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि वे सभी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैबा के मेंबर थे और उनका मकसद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना था। हालांकि, इशरत के परिवारवालों और कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने उन्हें निर्दोष बताया था।
इस मामले अब कहा जा रहा है कि उन चारों को कहीं और से पकड़कर गुजरात लाया गया और फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया गया। आईबी के एक सीनियर अधिकारी और अमित शाह (उस वक्त गुजरात के गृह राज्यमंत्री थे) को इस षड्यंत्र में मुख्य आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया कि इस मामले में सरकार में शामिल 'टॉप' लोगों को सारी जानकारी दी जा रही थी। सीबीआई इस एनकाउंटर की जांच गुजरात हाई कोर्ट की दिशा-निर्देश में कर रही है। सीबीआई को इस मामले में 4 जुलाई से पहले चार्जशीट दाखिल करनी है।
खबर है कि चार्जशीट में सरकार में शामिल कुछ 'टॉप लोगों' के ऊपर कुछ गंभीर आरोप लगाए जा सकते हैं। सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, फर्जी एनकाउंटर के आरोप को पुख्ता करने के लिए उनके पास दस्तावेजी सबूतों के अलावा कुछ इलेक्ट्रॉनिक इविडेंस भी हैं। इसी के आधार पर आईबी के स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार और अमित शाह को मुख्य साजिशकर्ता बताया जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक, सबूतों से यह साफ हो गया है कि राजेंद्र कुमार और अमित शाह ने इशरत जहां सहित चारों को फर्जी एनकाउंटर में मार गिराने की साजिश रची थी। राजेंद्र कुमार ने न सिर्फ फर्जी अलर्ट दिए, बल्कि पहले उन लोगों को पकड़कर गुजरात पुलिस की कस्टडी में दिया। यही नहीं उन्होंने उन चारों को लश्कर-ए-तैबा के आतंकवादी साबित करने लिए एके 47 राइफल भी उपलब्ध करवाई। उन्होंने यह साबित करने की पूरी कोशिश की कि वे चारों आतंकवादी हैं और नरेंद्र मोदी की हत्या करना चाहते हैं।
सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, चार्जशीट दाखिल करने के बाद सीबीआई राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार करेगी। राजेंद्र कुमार 31 जुलाई को रिटायर्ड होने वाले हैं।
राजेंद्र कुमार 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के अधिकारी हैं। वह आईबी के जाने-माने अधिकारी हैं।
इस एनकाउंटर के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि वे सभी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैबा के मेंबर थे और उनका मकसद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना था। हालांकि, इशरत के परिवारवालों और कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने उन्हें निर्दोष बताया था।
इस मामले अब कहा जा रहा है कि उन चारों को कहीं और से पकड़कर गुजरात लाया गया और फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया गया। आईबी के एक सीनियर अधिकारी और अमित शाह (उस वक्त गुजरात के गृह राज्यमंत्री थे) को इस षड्यंत्र में मुख्य आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया कि इस मामले में सरकार में शामिल 'टॉप' लोगों को सारी जानकारी दी जा रही थी। सीबीआई इस एनकाउंटर की जांच गुजरात हाई कोर्ट की दिशा-निर्देश में कर रही है। सीबीआई को इस मामले में 4 जुलाई से पहले चार्जशीट दाखिल करनी है।
खबर है कि चार्जशीट में सरकार में शामिल कुछ 'टॉप लोगों' के ऊपर कुछ गंभीर आरोप लगाए जा सकते हैं। सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, फर्जी एनकाउंटर के आरोप को पुख्ता करने के लिए उनके पास दस्तावेजी सबूतों के अलावा कुछ इलेक्ट्रॉनिक इविडेंस भी हैं। इसी के आधार पर आईबी के स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार और अमित शाह को मुख्य साजिशकर्ता बताया जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक, सबूतों से यह साफ हो गया है कि राजेंद्र कुमार और अमित शाह ने इशरत जहां सहित चारों को फर्जी एनकाउंटर में मार गिराने की साजिश रची थी। राजेंद्र कुमार ने न सिर्फ फर्जी अलर्ट दिए, बल्कि पहले उन लोगों को पकड़कर गुजरात पुलिस की कस्टडी में दिया। यही नहीं उन्होंने उन चारों को लश्कर-ए-तैबा के आतंकवादी साबित करने लिए एके 47 राइफल भी उपलब्ध करवाई। उन्होंने यह साबित करने की पूरी कोशिश की कि वे चारों आतंकवादी हैं और नरेंद्र मोदी की हत्या करना चाहते हैं।
सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, चार्जशीट दाखिल करने के बाद सीबीआई राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार करेगी। राजेंद्र कुमार 31 जुलाई को रिटायर्ड होने वाले हैं।
राजेंद्र कुमार 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के अधिकारी हैं। वह आईबी के जाने-माने अधिकारी हैं।