तीन जिलों के सीएमओ नहीं किया नर्सिंग होमों का पंजीयन
Present by - toc news
डॉ नवीन जोशी
भोपाल।प्रदेश के तीन जिलों इंदौर, देवास और ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने निजी नर्सिंग होम्स का पंजीयन नहीं किया जिस पर राज्य सरकार ने तीनों पर लोक सेवा गारंटी कानून के तहत अर्थदण्ड लगाया है।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में संचालित निजी नर्सिंग होम एवं क्लीनिक्स आदि संबंधी स्थापनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन दिया जाना एवं नवीनीकरण करना, लोक सेवा गारंटी कानून में सम्मिलित किया गया है।
इस सेवा को प्रदान करने हेतु पदाभिहित अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हैं एवं 30 कार्य दिवस की समयसीमा निर्धारित की गई है। परन्तु तीन जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने कतिपय आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण नहीं किया। इनमें इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. शांतिलाल पोरवाल ने आवेदक महेश गौड़ के न्यू लाईफ हास्पिटल, अपर सिंघवी के महावीर हास्पिटल तथा डा. आरएस चौधरी के स्वामी परमानंद नेत्रालय के प्रकरणों का निपटारा नहीं किया जिस पर उन पर पत्येक प्रकरण के लिये एक हजार रुपये कुल तीन हजार रुपये की शास्ति (अर्थदण्ड) लगाई गई है ।
इसी प्रकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देवास डा. अशोक कुमार दीक्षित ने आवेदक जॉन जोसफ के जोसफ हास्पिटल एण्ड डायग्रोस्टिक सेंटर बागली के प्रकरण का निपटारा निर्धारित समय-सीमा में नहीं किया जिस पर उन पर एक हजार रुपये की शास्ति लगाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर डा. अनूप कुमार कामठान ने आवेदक अनुज सक्सेना के एशियन अस्पताल के प्रकरण का निर्धारित समय-सीमा में निपटारा नहीं किया जिस पर उन पर भी एक हजार रुपये की शास्ति लगाई गई है।
उक्त तीनों दण्डित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा गया है कि वे सात दिन के अंदर सम्बन्धित जिला कलेक्टर कार्यालय में चालान के जरिये शास्ति जमा कर इसकी एक प्रति स्वास्थ्य संचालनालय को अनिवार्य रुप से जमा कराना होगी अन्यथा उनके विरुध्द कठोर कार्यवाही की जायेगी।
अब देनी होगी पूर्व सूचना
भोपाल। राज्य सरकार के कर्मियों को अब विदेश यात्रा पर जाने हेतु पासपोर्ट बनवाने एवं विदेश जाने से पहले अपने विभाग/कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होगा। ऐसा केंद्र सरकार के एक आदेश पर राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों एवं कार्यालयों में यह पाबंदी लगा दी है। अब राज्य के सरकारी सेवकों को निर्धारित फार्मेट को भरकर बताना होगा उसने पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट बनाने के लिये आवेदन किया है जबकि विदेश जाने से पहले उसे निर्धारित फार्मेट में अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होगा जिसमें उसके खिलाफ कोई शिकायत/विभागीय जांच/लोकायुक्त प्रकरण/न्यायालयीन प्रकरण/ईओडब्ल्यु प्रकरण/अनाधिकृत अनुपस्थिति प्रकरण लंबित नहीं है।
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भोपाल।प्रदेश के तीन जिलों इंदौर, देवास और ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने निजी नर्सिंग होम्स का पंजीयन नहीं किया जिस पर राज्य सरकार ने तीनों पर लोक सेवा गारंटी कानून के तहत अर्थदण्ड लगाया है।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में संचालित निजी नर्सिंग होम एवं क्लीनिक्स आदि संबंधी स्थापनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन दिया जाना एवं नवीनीकरण करना, लोक सेवा गारंटी कानून में सम्मिलित किया गया है।
इस सेवा को प्रदान करने हेतु पदाभिहित अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हैं एवं 30 कार्य दिवस की समयसीमा निर्धारित की गई है। परन्तु तीन जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने कतिपय आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण नहीं किया। इनमें इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. शांतिलाल पोरवाल ने आवेदक महेश गौड़ के न्यू लाईफ हास्पिटल, अपर सिंघवी के महावीर हास्पिटल तथा डा. आरएस चौधरी के स्वामी परमानंद नेत्रालय के प्रकरणों का निपटारा नहीं किया जिस पर उन पर पत्येक प्रकरण के लिये एक हजार रुपये कुल तीन हजार रुपये की शास्ति (अर्थदण्ड) लगाई गई है ।
इसी प्रकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देवास डा. अशोक कुमार दीक्षित ने आवेदक जॉन जोसफ के जोसफ हास्पिटल एण्ड डायग्रोस्टिक सेंटर बागली के प्रकरण का निपटारा निर्धारित समय-सीमा में नहीं किया जिस पर उन पर एक हजार रुपये की शास्ति लगाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर डा. अनूप कुमार कामठान ने आवेदक अनुज सक्सेना के एशियन अस्पताल के प्रकरण का निर्धारित समय-सीमा में निपटारा नहीं किया जिस पर उन पर भी एक हजार रुपये की शास्ति लगाई गई है।
उक्त तीनों दण्डित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा गया है कि वे सात दिन के अंदर सम्बन्धित जिला कलेक्टर कार्यालय में चालान के जरिये शास्ति जमा कर इसकी एक प्रति स्वास्थ्य संचालनालय को अनिवार्य रुप से जमा कराना होगी अन्यथा उनके विरुध्द कठोर कार्यवाही की जायेगी।
अब देनी होगी पूर्व सूचना
भोपाल। राज्य सरकार के कर्मियों को अब विदेश यात्रा पर जाने हेतु पासपोर्ट बनवाने एवं विदेश जाने से पहले अपने विभाग/कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होगा। ऐसा केंद्र सरकार के एक आदेश पर राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों एवं कार्यालयों में यह पाबंदी लगा दी है। अब राज्य के सरकारी सेवकों को निर्धारित फार्मेट को भरकर बताना होगा उसने पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट बनाने के लिये आवेदन किया है जबकि विदेश जाने से पहले उसे निर्धारित फार्मेट में अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होगा जिसमें उसके खिलाफ कोई शिकायत/विभागीय जांच/लोकायुक्त प्रकरण/न्यायालयीन प्रकरण/ईओडब्ल्यु प्रकरण/अनाधिकृत अनुपस्थिति प्रकरण लंबित नहीं है।