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भवन निर्माण सामग्री न ढंकने और खाद्य प्रतिष्ठानों में गंदगी पर बड़ी कार्रवाई |
- सड़कों पर गंदगी फैलाना अब पड़ेगा महंगा - निगमायुक्त
- भवन निर्माण सामग्री न ढंकने और खाद्य प्रतिष्ठानों में गंदगी पर बड़ी कार्रवाई
- निगमायुक्त के निर्देश पर अभियान चलाकर 74 चालान कटे, जुर्माने के रूप में वसूले गए 23 हजार 8 सौ रूपये
जबलपुर। शहर की सड़कों पर गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ अब अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जा रही है। निगमायुक्त रामप्रकाश अहिरवार के निर्देश पर शहर की सड़कों पर गंदगी फैलाने और खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नगर निगम ने सख्त रुख अपनाया है। इसी के तहत आज से प्रारंभ हुई कार्रवाई में शहर के विभिन्न हिस्सों में जॉंच दलों के द्वारा चालानी कार्रवाई कर जुर्माना अधिरोपित किया गया है। निगमायुक्त ने कहा कि सड़कों पर गंदगी फैलाना नागरिकों, व्यापारियों को अब महंगा पड़ेगा। निगम के स्वास्थ्य अमले ने संभाग क्रमांक 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 12, और 16 में विशेष अभियान चलाकर 74 चालान काटे और मौके पर ही 23 हजार 8 सौ की वसूली की। संभाग क्रमांक 2 के अंतर्गत शताब्दीपुरम, उखरी आदि प्लाजा, मेहता पेट्रोल पंप, लेबर चौक, कछपुरा रेलवे लाइन, गुलौआ चौक के पास स्थित दुकानदारों की जांच की गई एवं निर्मानाधीन भवनों की जांच की गई जिसमें सड़क पर मलवा रेत, डस्ट तथा भवन को ग्रीन नेट से न ढंकने पर चालान की कार्रवाई की गई, साथ ही खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच कर, लाइसेंस, दुकान पर डस्टबिन एवं गंदगी पाए जाने पर चालान जुर्माना की कार्यवाही की गई।
भवन निर्माण सामग्री खुली रखने पर जुर्माना
निगमायुक्त रामप्रकाश अहिरवार ने बताया कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए निगम द्वारा लगातार अपील की जा रही है कि सभी भवन निर्माण सामग्री (जैसे रेत, डस्ट, और मलबा) को सड़क पर खुला न रखा जाए और निर्माणाधीन भवनों को अनिवार्य रूप से ग्रीन नेट से ढंका जाए। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई। संभाग 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 12 और 16 के विभिन्न क्षेत्रों में निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई स्थानों पर मलबा, रेत और डस्ट खुले में पड़ा था, जिससे हवा में धूल उड़ रही थी। साथ ही, कई निर्माणाधीन इमारतों को ग्रीन नेट से नहीं ढंका गया था। इन सभी मामलों में मौके पर ही नियमानुसार चालानी कार्रवाई की गई। निगम ने चेतावनी दी है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच, गंदगी पर कार्रवाई
निगमायुक्त श्री अहिरवार ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ निगम ने नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खाद्य प्रतिष्ठानों की भी सघन जांच की। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विभिन्न क्षेत्रों के भोजनालयों, होटलों और खान-पान की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान, कई प्रतिष्ठानों में लाइसेंस की कमी, दुकान और आस-पास गंदगी की मौजूदगी, और डस्टबिन का उपयोग न किए जाने जैसी गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। निगम ने तत्काल ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ जुर्माना लगाया, जिनका उद्देश्य खाद्य स्वच्छता के प्रति लापरवाही बरतने वालों को सख्त संदेश देना था। निगम अधिकारी ने बताया कि खाने-पीने की दुकानों में साफ-सफाई और वैध लाइसेंस होना अनिवार्य है। निगम प्रशासन ने नागरिकों और व्यवसायियों से अपील की है कि वे स्वच्छ और स्वस्थ शहर के निर्माण में सहयोग करें।
कार्यवाही में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक श्रीमती हर्षा पटेल, सचिन जैन, वैभव तिवारी, आनंदराव, स्वास्थ्य निरीक्षक अक्षय कोरी, राम कोरी, संभाग सुपरवाइजर व्यंकटेश, संतोष सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल बारी आदि उपस्थित रहे।


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