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छतरपुर। समाज में दहेज के लिए कई बार महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है तो कई बार रिश्ते तोड़ दिए जाते हैं। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक ऐसी ही घटना सामने आई है जहां दहेजलोभियों ने दहेज के लिए रिश्ता तोड़ दिया। लेकिन कहते हैं कि रिश्ते तो उपर बनते हैं धरती में तो बस उन्हें मिलाया जाता है।
मामला चंदला थाना के छपरा गांव का है। रामशिरोमण ने अपनी दोनों बेटियों का विवाह विराहुलपुरवा गांव के नत्थू पाल के दोनों बेटे रामप्रकाश व प्रमोद कुमार के साथ तय किया था। किन्तु दहेज को लेकर वर-वुध पक्ष में विवाद हो गया। विवाद के बाद नत्थू लाल ने बारात निकलने के दो घंटे पहले रिश्ता तोड़ दिया।
शादी टूटने से जश्न के घर में मातम फैल गया। लेकिन इंसानियत का फरिश्ता बनकर आए सुद्धा पाल ने लड़की के परिजनों को साहस देते हुए इंसानियत की मिसाल पेश की। सुद्धा पाल ने अपने दोनों बेटों का विवाह निर्धारित लग्न व समय में बिना किसी दहेज के कराया। इस विवाह की जानकारी मिलते ही विवाह समारोह में क्षेत्रीय विधायक आरडी प्रजापति भी पहुंचे और वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया।
छतरपुर। समाज में दहेज के लिए कई बार महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है तो कई बार रिश्ते तोड़ दिए जाते हैं। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक ऐसी ही घटना सामने आई है जहां दहेजलोभियों ने दहेज के लिए रिश्ता तोड़ दिया। लेकिन कहते हैं कि रिश्ते तो उपर बनते हैं धरती में तो बस उन्हें मिलाया जाता है।
मामला चंदला थाना के छपरा गांव का है। रामशिरोमण ने अपनी दोनों बेटियों का विवाह विराहुलपुरवा गांव के नत्थू पाल के दोनों बेटे रामप्रकाश व प्रमोद कुमार के साथ तय किया था। किन्तु दहेज को लेकर वर-वुध पक्ष में विवाद हो गया। विवाद के बाद नत्थू लाल ने बारात निकलने के दो घंटे पहले रिश्ता तोड़ दिया।
शादी टूटने से जश्न के घर में मातम फैल गया। लेकिन इंसानियत का फरिश्ता बनकर आए सुद्धा पाल ने लड़की के परिजनों को साहस देते हुए इंसानियत की मिसाल पेश की। सुद्धा पाल ने अपने दोनों बेटों का विवाह निर्धारित लग्न व समय में बिना किसी दहेज के कराया। इस विवाह की जानकारी मिलते ही विवाह समारोह में क्षेत्रीय विधायक आरडी प्रजापति भी पहुंचे और वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया।