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प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने की यात्रा की अगवानी
नरसिंहपुर, 02 जनवरी 2017. जीवनदायिनी मां नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से निकाली जा रही नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा का जबलपुर से दो जनवरी को दोपहर में नरसिंहपुर जिले में सनेर नदी के पुल पर प्रवेश हुआ। यात्रा की अगवानी प्रदेश के लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री और नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने की। यात्रा का ध्वज मध्यप्रदेश गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष श्री स्वामी अखिलेश्वरानंद जी ने स्वामी दयालु जी महाराज को सौंपा। श्री दयालु जी महाराज ने यात्रा का ध्वज प्रभारी मंत्री को सौंपा। यात्रा का कलश विधायक जालम सिंह पटैल ने प्राप्त किया। प्रवेश के समय यात्रा के ध्वज और कलश की पूजा- अर्चना कर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर सांसद राव उदय प्रताप सिंह, विधायक जालम सिंह पटैल, संजय शर्मा एवं डॉ. कैलाश जाटव, जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटैल, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष कैलाश सोनी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष वीरेन्द्र फौजदार, पूर्व विधायक शेखर चौधरी एवं हाकम सिंह चड़ार, कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले, पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव, सी.ई.ओ. जिला पंचायत प्रतिभा पाल, बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीणजन मौजूद थे।
जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के प्रवेश पर हुआ अभूतपूर्व स्वागत
सनेर नदी के पुल पर नर्मदा सेवा यात्रा के प्रवेश पर अभूतपूर्व भव्य स्वागत किया गया। जगह- जगह फूलों की मालाओं, वंदनवारों, सजावटी गुब्बारों व झंडियों, केलों के पत्तों और तोरण द्वारों से यात्रा पथ को सजाया गया था। 108 महिलाओं ने कलश लेकर यात्रा की अगवानी की। जगह- जगह घरों के सामने एवं रास्ते पर रांगोली सजाकर और पुष्पवर्षा कर यात्रियों का अभिनंदन किया गया। कुछ युवा ध्वज लेकर और घोड़े पर सवार होकर यात्रा के आगे- आगे चल रहे थे। प्रवेश अवसर पर स्वस्तिवाचन, मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि से यात्रा की अगवानी की गई। बैंड बाजे, लोकनृत्य एवं लोक भजनों व कीर्तन से यात्रा का स्वागत किया गया।
सनेर नदी के पुल से करीब 3 किलोमीटर तक पैदल यात्रा में आसपास गांवों के हजारों लोग, महिलायें, युवा एवं बुजुर्ग उत्साह पूर्वक शामिल हुए। सनेर नदी के पुल से तरवारा एवं भड़री तक यात्रा पथ पर नर्मदा संरक्षण के नारों और त्वदीयपाद पंकजम्- नमामि देवि नर्मदे के घोष के साथ आकाश गुंजायमान हो रहा था। यात्रा पथ पर जगह- जगह नर्मदा सेवा यात्रा के यात्रियों के स्वागत एवं स्वल्पाहार के लिए स्टॉल लगाये गये थे। इन स्टॉलों से विभिन्न प्रकार के फल, गन्ने का रस, चाय, पानी और फलाहारी सामग्री की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई थी। इसके बाद यात्रा कुकलाह पहुंची। कुकलाह में सेवा यात्रियों के लिए भंडारे की व्यवस्था जिला खाद, बीज और कीटनाशक विक्रेता संघ नरसिंहपुर की ओर से की गई।
प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने की यात्रा की अगवानी
नरसिंहपुर, 02 जनवरी 2017. जीवनदायिनी मां नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से निकाली जा रही नमामि देवि नर्मदे- नर्मदा सेवा यात्रा का जबलपुर से दो जनवरी को दोपहर में नरसिंहपुर जिले में सनेर नदी के पुल पर प्रवेश हुआ। यात्रा की अगवानी प्रदेश के लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री और नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह ने की। यात्रा का ध्वज मध्यप्रदेश गौ पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष श्री स्वामी अखिलेश्वरानंद जी ने स्वामी दयालु जी महाराज को सौंपा। श्री दयालु जी महाराज ने यात्रा का ध्वज प्रभारी मंत्री को सौंपा। यात्रा का कलश विधायक जालम सिंह पटैल ने प्राप्त किया। प्रवेश के समय यात्रा के ध्वज और कलश की पूजा- अर्चना कर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर सांसद राव उदय प्रताप सिंह, विधायक जालम सिंह पटैल, संजय शर्मा एवं डॉ. कैलाश जाटव, जिला पंचायत अध्यक्ष संदीप पटैल, अपैक्स बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष कैलाश सोनी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष वीरेन्द्र फौजदार, पूर्व विधायक शेखर चौधरी एवं हाकम सिंह चड़ार, कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले, पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव, सी.ई.ओ. जिला पंचायत प्रतिभा पाल, बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीणजन मौजूद थे।
जिले में नर्मदा सेवा यात्रा के प्रवेश पर हुआ अभूतपूर्व स्वागत
सनेर नदी के पुल पर नर्मदा सेवा यात्रा के प्रवेश पर अभूतपूर्व भव्य स्वागत किया गया। जगह- जगह फूलों की मालाओं, वंदनवारों, सजावटी गुब्बारों व झंडियों, केलों के पत्तों और तोरण द्वारों से यात्रा पथ को सजाया गया था। 108 महिलाओं ने कलश लेकर यात्रा की अगवानी की। जगह- जगह घरों के सामने एवं रास्ते पर रांगोली सजाकर और पुष्पवर्षा कर यात्रियों का अभिनंदन किया गया। कुछ युवा ध्वज लेकर और घोड़े पर सवार होकर यात्रा के आगे- आगे चल रहे थे। प्रवेश अवसर पर स्वस्तिवाचन, मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि से यात्रा की अगवानी की गई। बैंड बाजे, लोकनृत्य एवं लोक भजनों व कीर्तन से यात्रा का स्वागत किया गया।
सनेर नदी के पुल से करीब 3 किलोमीटर तक पैदल यात्रा में आसपास गांवों के हजारों लोग, महिलायें, युवा एवं बुजुर्ग उत्साह पूर्वक शामिल हुए। सनेर नदी के पुल से तरवारा एवं भड़री तक यात्रा पथ पर नर्मदा संरक्षण के नारों और त्वदीयपाद पंकजम्- नमामि देवि नर्मदे के घोष के साथ आकाश गुंजायमान हो रहा था। यात्रा पथ पर जगह- जगह नर्मदा सेवा यात्रा के यात्रियों के स्वागत एवं स्वल्पाहार के लिए स्टॉल लगाये गये थे। इन स्टॉलों से विभिन्न प्रकार के फल, गन्ने का रस, चाय, पानी और फलाहारी सामग्री की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई थी। इसके बाद यात्रा कुकलाह पहुंची। कुकलाह में सेवा यात्रियों के लिए भंडारे की व्यवस्था जिला खाद, बीज और कीटनाशक विक्रेता संघ नरसिंहपुर की ओर से की गई।