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आभार जताने के बजाय, टू व्हीलर्स के शो रूम में बूलेट गाड़ी की चाबी सौप रहे
बैतूल // रामकिशोर पंवार
बैतूल । मध्यप्रदेश - महाराष्ट्र की सीमा से लगी बैतूल - हरदा लोकसभा संसदीय क्षेत्र क्रमांक 29 के लगभग 17 लाख मतदाताओं में से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हरसूद,टिमरनी,घोडाडोंगरी, भैसदेही विधानसभा क्षेत्र के साथ एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित आमला विधानसभा के साथ - साथ हरदा, बैतूल,मुलताई विधानसभा क्षेत्र के मोदी भक्त भाजपाई विचारधारा से जुड़े 3 लाख 60 हजार मतदाताओ का अपनी शानदार - जानदार - वजनदार जीत के लिए आभार मानने के बदले वर्तमान नवनिर्वाचित सासंद दुर्गादास उर्फ डीडी उइके अब उन लोगो की चौखट पर आर्शिवाद मांगने के लिए जा रहे है रसूखदार एवं भाजपा के वरिष्ठ - कनिष्ठ नेता कहे जाते है।
अपनी जीत से उत्साहित सासंद एवं उनके समर्थक पकड़ - पकड़ कर नवागत सासंद को अपनी पसंद के अनुसार लोगो के घरो एवं कार्यालयों में ले जाकर स्वंय की इमेज बनाने में लगे है। इधर चुनाव जीतने के लगभग एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद नवागत सासंद का अपने संसदीय क्षेत्र की जनता से सीधा संवाद तक नहीं हो सका है। आभार यात्रा के दौरान भाजपा का अंर्त:कलह स्पष्ट रूप से देखने को मिला भाजपाई प्रेस विज्ञिप्त से लेकर होर्डिंगस एवं समाचार पत्रो के विज्ञापनो से जिले की पूर्व सासंद को दर किनार कर भाजपा अब नई राह और चाह की ओर निकल पड़ी है।
दस साल से जली ज्योति बुझ गई!
भाजपा की बीते दस वर्षो से सासंद रही पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री / सचिव श्रीमति ज्योति बेवा प्रेम धुर्वे चुनाव परिणाम आने के बाद से भाजपा के मानचित्र से लगभग गायब सी हो गई है। पार्टी की किसी भी प्रेस विज्ञिप्त में अब उनका नाम पहले नम्बर से गायब हो चुका है। लगभग एक पखवाड़े से उनकी कोई $खबर नहीं मिल रही है। अपने ऊपर लगे फर्जी आदिवासी के दाग को लेकर स्वंय 10 वर्षाे तक कानूनी एवं आमने - सामने की लड़ाई लडऩे वाली भाजपा की दबंग सासंद श्रीमति ज्योति धुर्वे का यूं भाजपा की सक्रिय राजनीति से गायब हो जाना एक पहेली बना हुआ है। स्वर्गीय विजय कुमार खण्डेलवाल के बाद भाजपा से एक मात्र श्रीमति धुर्वे ही एक सासंद थी जो लगतार अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर सकी। स्वंय स्वर्गीय विजय कुमार खण्डेलवाल भी अपना चार वक्त का संसदीय कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
नवागत सासंउ डीडी से उम्मीद
बैतूल - हरदा संसदीय क्षेत्र क्रमांक 29 से अब भाजपा के नवागत सासंद श्री डी डी उइके से लोगो की उम्मीदे बढ़ी है लेकिन उनके आसपास की घेराबंदी उन्हे उन लोगो से कोसो दूर ले जा रही है जो भाजपा की शानदार जीत के कारण एवं कारक बने थे। इस समय बैतूल जिले में जबरदस्त सुखा पड़ा है, किसानो को इस बार अपने गेहूं का वाजीब दाम नहीं मिल सका जिसके कारण सहकारी समितियों में गेहूं की आवक कम रही। ऐसे में कर्ज से मुक्ति के वादो के बीच फंसा भाजपा की ओर राहत भरी निगाह से देख रहा है। उसे उम्मीद है कि केन्द्र की भाजपा सरकार किसानो के लिए कोई राहत भरी $खबर लाएगी।
युवा रोजगार की पाल रखे उम्मीद
उम्मीदो के दिये जलाए रखना, न जाने कब किसकी उम्मीद पूरी हो जाए .....! किसी शायर की ए पंक्तियां बैतूल जिले के युवा बेराजगारो के लिए आशा की किरण बनी हुई है। जिले के बेरोजगार जिले के नवागत सासंद से जिले में किसी बड़े कल कारखाने उद्योग धंधे की लाने की राह देख रहे है ताकि इनसे उनके सपने पूरे हो सके। सरकारी नौकरी से उम्मीद खो चुके युवा बेरोजगारो के पास सिर्फ अब प्रायवेट कल कारखाने ही बचे ही दो वक्त की रोजी - रोटी देने के लिए। ऐसे में बेरोजगारो को नवागत सासंद से ढेर सारी उम्मीदे है लेकिन सासंद इन बेरोजगार युवको से भी अपनी दूरियां बना कर उन चंद लोगो के पाले में जा बैठे है जो जिले की बेरोजगारी के नाम पर अपनी दुकान चला रहे है।
मीडिया के संग भी दूजाभाव
बैतूल जिले के नवागत सासंद का प्रेस मीडिया से जुड़े लोगो के संग भी दूजा भाव चिंता का कारण बना हुआ है। अभी तक वे केवल उन्ही समाचार पत्रो के कार्यालयो में पहुंचे है जिनकी चुनावो के समय पेड न्यूज के मामलो मे ंसंदिग्ध भूमिका रही है। जानकार सूत्र बताते है कि सासंद को जानबुझ कर कुछ लोग प्रेस से भीड़ा कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाह रहे है। चंद चाटुकार मीडिया कर्मियों एवं कार्योलयों मे सासंद की आवाभगत को मीडिया भी अपने पक्ष में भुनाने में किसी से पीछे नहीं है। इन पंक्तियो के लिखे जाने तक नवागत सासंद मीडिया कर्मियों से रूबरू नहीं हो सके है। सासंद की ओर से प्रेस से बनी दूरियां कहीं भाजपा सासंद के लिए लम्बी लकीर ने खींच दे इन्ही आशंकाओ के चलते भाजपा का एक धड़ा काफी चिंतित है। अब देखना बाकी है कि कुछ लोगो के चुंगल से छूट कर नवागत सासंद कब मीडिया से रूबरू होते है।