सिस्टम में फसी जननी: सरकारी अस्पताल से रेफर किया, एंबुलेंस भी नहीं मिली, परिजनों के पास पैसे नहीं थे तो जनसहयोग से हुए आपरेशन में जन्मी बेटी |
शुजालपुर से पुरुसोत्तम परवानी की रिपोर्ट
सिविल अस्पताल से रेफर होने के बाद दिव्यांग प्रसूता, आपरेशन में जन्मी बेटी मां के साथ
शुजालपुर। लाक डाउन में मजूदूरी बंद होने से किल्लत में आए परिवार कि दिव्यांग प्रसूता शुक्रवार को लाक़डाउन के सरकारी सिस्टम में फस गई। इस जननी को सरकारी अस्पताल से रेफर के बाद एंबुलेंस भी नहीं मिली। परिजनों के पास पैसे नहीं थे तो जनसहयोग से निशुल्क रोगी सेवा केंद्र हेल्प फार यू ने जुटाई निजी अस्पताल में उपचार की व्यवस्था जुटाई और आपरेशन में जन्मी बेटी और मां अब स्वास्थ्य है।
लॉक डाउन में सरकारी अस्पताल पहुंची सिटी निवासी दोनों पैरों से दिव्यांग प्रसूता को शुक्रवार को हिमोग्लोबिन कम होने से रेफर कर दिया गया। परिजनों के पास बाहर ले जाने के लिए पैसे, अस्पताल के पास एम्बुलेंस नहीं थी। प्रसव पीड़ा अधिक थी, ऐसे में एक घंटे में जनसहयोग से रकम जुटी और निजी अस्पताल में आपरेशन होने से महिला ने बेटी को जन्म दिया।
सिटी निवासी ममता दोनों पैरों से दिव्यांग होकर प्रसव पीड़ा होने पर सिविल अस्पताल शुजालपुर सिटी पहुंची। यहां हिमोग्लोबिन कम होने पर रक्त आपूर्ति के साथ ही अन्य रिस्क बताते हुए चिकित्सकों ने महिला को सुरक्षा की दृष्टि से अन्यत्र ले जाने के लिए कहा। परिजनों के पास बाहर जाने के लिए आवश्यक रुपए नहीं थे। अस्पताल में एम्बुलेंस भी नही थी।
प्रसव पीड़ा भी बढ़ती जा रही थी, ऐसे में सहयोग के लिए कमल पुष्पद ने निशुल्क रोगी सेवा केंद्र हेल्प फार यू के पुरुषोत्तम पारवानी को मदद के लिए जिम्मा सौंपा। सहयोगी अंकुर चौधरी, अभिषेक सक्सेना व सरकारी अस्पताल के एक सेवाभावी चिकित्सक ने ₹13 हजार की राशि जुटा दी। ₹10 हजार परिजनों ने जमा किए और 23 हजार के ऑपरेशन, दवा, हॉस्पिटलिटी के संपूर्ण पैकेज में महिला को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां दोपहर 3 बजे स्वस्थ बेटी को जन्म दिया।
महिला का ऑपरेशन होने की वजह से उसे अभी 7 दिन अस्पताल में ही भर्ती रखा जाएगा। अफसरों व सरकार को आवश्यक इंतजाम करने के लिए ध्यान आकर्षित कराने की बात कही है। उन्होंने दिव्यांग महिला के सहयोग करने वाले लोगों को साधुवाद दिया।परिजनों ने मददगारों का साधुवाद किया।
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