कोराना पॉजिटिव शव के साथ ही कर डाला घिनौना खेल, भोपाल के तहसीलदार का अमानवीय चेहरा सामने आया, यह धरती का भगवान नहीं, खलनायक निकला |
भोपाल. तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल द्वारा कोरोना पॉजिटिव मृतक प्रेम मेवाड़ा अंतिम संस्कार और मुखाग्नि देने का दावा किया था जो झूठा निकला, तहसीलदार ने जनता की वाहवाही लूटने के लिए खुद राम बन गए और पीड़ित परिवार को खलनायक बनवा दिया.
इस पूरी खबर का खुलासा हमने 22 तारीख को दिन में करके जनता के सामने इस बात को लेकर आए थे कि तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ले किसी भी तरह की मुखाग्नि चिता को नहीं दी.
मात्र प्रशासन स्तर पर उनका दाह संस्कार करने का जिम्मेदारी उनको सौंपी गई थी परंतु उसका फायदा उठाते हुए तहसीलदार ने मानवता को कलंकित, इंसानियत को शर्मसार कर दिया, जनता की भावनाओं के साथ इस कदर खेला की जिसने भी उस खबर को पढ़ा उन्होंने इस तहसीलदार को भगवान का दर्जा देते हुए ढेर सारी दुआएं शुभकामनाएं प्रेषित की, वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी वाहवाही लूटने के लिए भोपाल कलेक्टर अरुण पिथोड़े जी के द्वारा गलत खबर जारी करवा ली भोपाल कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े ने तहसीलदार को शाबासी दी और उनके इस उत्तम कार्य के लिए प्रशंसा की। उसी आधार पर मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग ने भी उक्त तहसीलदार की तारीफ करते हुए पूरे खबर को मीडिया तक पहुंचा दिया.
फिर क्या था मीडिया में भी इस मानवता के देवता कैसे कसीदे गढ़े कि पूरे हिंदुस्तान में तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल की वाहवाही होने लगी पूरी मीडिया ने हाथों हाथ लेकर प्रथम पृष्ठ पर इस खबर को स्थान दिया भोपाल के दैनिक भास्कर ने 22 अप्रैल को कटिंग संलग्न है प्रथम पृष्ठ पर स्थान देते हुए पीड़ित परिवार को खलनायक बना दिया, 22 तारीख को मैंने सॉन्ग अपनी फेसबुक प्रोफाइल में इस खबर को प्राथमिकता के साथ मान सम्मान के साथ पोस्ट किया, पोस्ट करते ही कुछ पत्रकार साथियों ने इस खबर को झूठी खबर होने की बात कही, बस यही से " ANI न्यूज़ इंडिया " ने अपनी पड़ताल शुरू की और पाया कि यह खबर मात्र जनता के मन में भगवान रूपी दर्जा प्राप्त करने और वाहवाही लूटने के लिए तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने यह षड्यंत्र किया है।
इस खबर पर हमने तहसीलदार से भी चर्चा की कुछ प्रश्न किए जिस पर वह शकपका गए, हमारे कुछ प्रश्नों का जवाब नहीं दे पाए, आगे पड़ताल जारी रही और हम इस खबर की तह तक पहुंचे मृतक प्रेम मेवाड़ा के पुत्र संदीप मेवाड़ा से जब चर्चा हुई तो उन्होंने अपना एक वीडियो जारी कर संक्षिप्त में सारी जानकारी हमारे साथ साझा करें और अपना एक वीडियो हमें न्याय दिलाने के लिए प्रेषित किया जिसके आधार पर हमने और जांच-पड़ताल की बहुत सारे तथ्य हमारे सामने आए जिसको हम जल्द प्रकाशित करेंगे.
वीडियो और खबरों के लिंक नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अवलोकन कर सकते..... वीडियो
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हमने 22 तारीख को ही अपनी खबर में पूरा खुलासा कर दिया गया था जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है आप चाहे तो इसे भी अवलोकन करें वीडियो का भी अवलोकन करें और इस खबर पर मोहर लगाने के लिए भास्कर ने भी 23 अप्रैल 2020 को अपनी खबर ने खंडन प्रस्तुत किया है कतरन सलग्न है। इस खबर की पुष्टि हेतु हमने 2 दिन भोपाल कलेक्टर को लगातार फोन लगाएं परंतु उन्होंने फोन डाइवर्ट था जिस वजह से लाइन नहीं मिली ना उनका फोन उठा। हमारी पड़ताल में यह सामने आया कि तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने ना तो चिता को हाथ लगाया ना, ना अर्थी को कंधा दिया न अंतिम संस्कार किया, न कोई लकड़ियां जमाई और ना ही चिता को आग दी, और न मुखाग्नि दी।
इस खबर से संबंधित और भी है ऐसी खबरें जो इंसानियत की हत्या कर देगी जारी है....
Collector Bhopal द्वारा जारी ख़बर
स्व. प्रेम सिंह मेवाड़ा शुजालपुर की कोरोना पॉजिटिव होने से मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे संदीप मेवाड़ा और परिवार वालों ने मृतक की बॉडी लेने से मना कर दिया। अन्य कोई भी व्यक्ति बॉडी उठाने और अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में तहसीलदार बैरागढ़ श्री गुलाब सिंह बघेल ने कोरोना संक्रमित मरीज स्व. प्रेम सिंह मेवाड़ा का मानवता के नाते अंतिम संस्कार कर सच्चा उदाहरण पेश किया। विगत 2 दिन से प्रेम सिंह मेवाड़ा का शव मोर्चरी में रखा रहा। उनके परिवार ने शव लेने से मना किया और जिला प्रशासन द्वारा ही अंतिम संस्कार कराने के लिए दबाब बनता रहा। उन्होंने अंतिम समय तक शव को लेने से मना कर दिया, जबकि जिला प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार सारी व्यवस्थाएं कर दी थीं। पीपीई किट, सेनेटाइजर, ग्लब्स आदि देने के बाद भी मृतक के पुत्र संदीप मेवाड़ा ने मुखाग्नि देने से मना कर दिया, इस निर्णय में मृतक की पत्नी और उनके साले भी साथ थे। आज दोपहर सब व्यवस्था होने के बाद जब परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया तो तहसीलदार श्री गुलाब सिंह बघेल ने मृतक को मुखाग्नि देकर मानवता की मिसाल पेश की। कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े ने तहसीलदार को शाबासी दी और उनके इस उत्तम कार्य के लिए प्रशंसा की।
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